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कोविड ने स्वास्थ्य प्रबंधन सिखाया-राज्यमंत्री

हरिद्वार में होम्योपैथी के शोध पर आधारित प्रस्ताव की प्रस्तुति

'होम्योपैथी दवा कोरोना के विरुद्ध कारगर सिद्ध हो सकती है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 15 September 2020 12:58:57 PM

presentation of proposal based on research of homeopathy in haridwar

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास एवं कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कोविड-19 के चलते हमारा ध्यान एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन की तरफ आकर्षित हुआ है। ब्रह्मऋषि दूधाधारी बर्फानी अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार के प्रतिनिधियों से बात करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कोविड-19 के उपचार हेतु होम्योपैथी शोध पर आधारित एक प्रस्ताव से जुड़ी प्रस्तुति देखी। इस प्रस्ताव के मुताबिक संस्थान की विकसित होम्योपैथी दवा कोरोना वायरस के विरुद्ध कारगर हो सकती है। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस प्रस्ताव में किए गए शोध के दावों के मूल्यांकन और पुष्टिकरण के लिए इसे आयुष मंत्रालय को अग्रेषित कर दिया है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 से बचाव और इलाज को लेकर दुनियाभर में अनेक शोध एवं अध्ययन हो रहे हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 से लड़ने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सभी चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, योग क्रियाएं या नेचुरोपैथी को सबसे ज्यादा लोकप्रियता उस समय प्राप्त हुई जब विश्व कोविड-19 की गिरफ्त में आया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के एकीकरण से विविध प्रकार की बीमारियों और विकारों के उपचार में अहम बदलाव आ सकता है, उपचार विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों या किसी एक चिकित्सा पद्धति के द्वारा हो सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा प्रबंधन में स्वदेशी तंत्र को अधिक से अधिक महत्व दिया है और चिकित्सा जगत में स्वदेशी को केंद्र में लाने में वह सफल रहे, यह उन्हीं का प्रयास था कि संयुक्तराष्ट्र संघ ने सर्वसम्मति से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास किया और आज योग दुनिया के प्रत्येक घर तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी व्यवस्था को महत्वपूर्ण मानते हुए ही चिकित्सा प्रबंधन के वैकल्पिक तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से ही आयुष मंत्रालय का गठन किया गया है, इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है।

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