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मतदान सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है-राज्यपाल

रंगभारती और नागरिक परिषद का सम्मान समारोह

विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित वि‌भूतियां सम्मानित

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Friday 5 April 2019 01:24:24 PM

rangarati and citizen's council honorary ceremony in raj bhavan

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में जानी-मानी साहित्यिक सांस्कृतिक संस्‍था रंगभारती और उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद के सम्मान समारोह में कई वि‌भूतियों को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि रंगभारती एवं उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य की स्थापना की 69वीं वर्षगांठ पर अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विभूतियों को सम्मान किया है। रंगभारती के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुमार हर वर्ष यह कार्यक्रम करते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने ‌कहा कि मुझे संतोष है कि उत्तर प्रदेश स्थापना के 68 वर्ष बाद ही सही लखनऊ में स्थापना दिवस का आयोजन प्रारम्भ हुआ। राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस को आम आदमी का उत्सव बनाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए सम्मान पाना अपने आपमें गर्व की बात है, अपने प्रदेश और अपने घर में सम्मान को पहचान मिलती है तो उस सम्मान को विशिष्टता प्राप्त होती है। राज्यपाल ने सम्मान समारोह में सभी विभूतियों और मतदाताओं से लोकसभा चुनाव में बढ़चढ़कर मतदान करने का आह्वान किया। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मतदान करना प्रत्येक मतदाता की जिम्मेदारी है और मतदान सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है। उन्होंने कहा कि लोकसभा 2019 के चुनाव में सबसे अधिक मत प्रतिशत वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, वार्ड एवं मतदान केंद्र तथा सर्वाधित मत प्रतिशत वाले केंद्र से जुड़े लोगों को राजभवन में सम्मानित किया जाएगा। रंगभारती के अध्यक्ष श्याम कुमार ने स्वागत भाषण दिया और रंगभारती के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन अनीता सहगल ने किया। श्याम कुमार ने राज्यपाल का अभिनंदन और आभार प्रकट किया।
राज्यपाल राम नाईक ने न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना (न्याय), रूकैया परवीन (महिला सशक्तिकरण), विष्णुकांत मिश्र (समाज सेवा), शकील अहमद खान और सैयद रफत (खेल), प्रशांत कुमार मिश्र (प्रशासनिक सेवा), विलासमणि त्रिपाठी (पुलिस सेवा), रंजना दीवान (गायन), डॉ श्यामलेश तिवारी (संस्कृत भाषा), इस्मा जहीर (साम्प्रदायिक सद्भाव), राज बिसारिया (कला), भूपेश लिटिल (छायांकन), प्रेमचंद होम्बल (नृत्य), सुधीर सोलोमन (कृषि), डॉ सुनील प्रधान (चिकित्सा), श्रुति सुडोलीकर काटकर (शास्त्रीय गायन), प्रेमबिहारी वर्मा (पत्रकारिता), उत्तम चटर्जी (संगीत), रणजीत सिंह (पर्यावरण), किशन सेठ (छायांकन), डॉ शिवशंकर त्रिपाठी (आयुर्वेद चिकित्सा), किशोर चतुर्वेदी (गायन), प्रज्ञेश कुमार सिंह (कला), आसिफ जमां रिज़वी (शिक्षा) और डॉ राजीव लोचन (चिकित्सा) को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।

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