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'चिकित्सक का व्यवहार भी उपचार में सहायक'

बलरामपुर अस्पताल समय के साथ सक्षम एवं प्रभावी-योगी

बलरामपुर चिकित्सालय का 150वां स्थापना दिवस समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 5 February 2019 06:02:17 PM

foundation day of balrampur hospital

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि चिकित्सीय सेवा का प्राण संवेदना है, रोग के उपचार में दवा के साथ-साथ रोगी के साथ चिकित्सक के व्यवहार की भी दवा और महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक का रोगी के साथ सहानुभूतिपूर्ण एवं संवेदनशील व्यवहार उसके शीघ्र उपचार में सहायक होता है। मुख्यमंत्री ने ये विचार बलरामपुर चिकित्सालय के 150वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। गौरतलब है कि बलरामपुर अस्पताल की स्थापना वर्ष 1869 में हुई थी और बलरामपुर के महाराजा भगवती प्रसाद सिंह ने इसका विस्तार कराया था। कुल तीन चिकित्सकों से प्रारम्भ हुए बलरामपुर चिकित्सालय ने लम्बी यात्रा की है, यह चिकित्सालय आज उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं की रीढ़ माना जाता है। वर्तमान में यहां महत्वपूर्ण चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ 94 चिकित्सक और स्टाफ उपलब्ध है। इसकी ओपीडी में प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख मरीजों का इलाज होता है, जिसमें से लगभग 10 लाख नए मरीज होते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल की चिकित्सा क्षेत्र में एक गौरवशाली परम्परा रही है, बिना किसी भेदभाव के इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे चिकित्सकों और स्वास्‍थ्य कार्मिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं होता। उन्होंने कहा कि अतीत की परम्परा से गौरवांवित होने के साथ ही वर्तमान की चुनौतियों को पहचानना भी आवश्यक है, इसके लिए चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं और उनकी गुणवत्ता को बढ़ाया जाना भी आवश्यक है, इसलिए यहां विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, बहुत कम समय में वेंटिलेटर युक्त 150 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस संचालित की गई हैं, संचारी रोग पखवाड़े के माध्यम से इंसेफ्लाइटिस सहित वेक्टरजनित रोगों को नियंत्रित किया गया है, मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया है और जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए संवेदनशील डॉक्टर और स्टाफ चाहिए, जो पूरी सजगता और संवेदना के साथ कार्य कर सके।
मुख्यमंत्री ने बलरामपुर चिकित्सालय में स्थापित 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन, नवीन वृद्धजन वार्ड तथा नवनिर्मित आईसीयू का लोकार्पण एवं नवीन एमआरआई मशीन हेतु भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर चिकित्सालय के 150वें स्थापना दिवस पर प्रकाशित पत्रिका का विमोचन भी किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि बलरामपुर अस्पताल समय के साथ सक्षम और प्रभावी होता गया है, यहां पर डिजिटल एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, डायलेसिस सेंटर, आधुनिक डेंटल केयर यूनिट, 24 घंटे संचालित आधुनिक पैथोलॉजी लैब स्थापित हैं, जिनमें प्रतिमाह लगभग 9 लाख टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलरामपुर अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों के इलाज का सराहनीय कार्य किया जा रहा है, अस्थि रोग से सम्बंधित हिप रिप्लेसमेंट जैसी जटिल एवं महंगी सर्जरी भी आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क रूपसे रोगियों को सुलभ कराई गई है, प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं में इस तरह की जटिल अस्थि रोग सर्जरी की सुविधा सिर्फ इसी संस्थान में ही उपलब्ध है। कार्यक्रम में लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी और वरिष्ठ चिकित्साधिकारी उपस्थित थे। बलरामपुर चिकित्सालय के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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