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देश में कुशल जल प्रबंधन की आवश्यकता-नितिन

बहुउद्देशीय बांध परियोजनाओं के लिए छह राज्यों से समझौता

प्रयागराज में नमामि गंगे के लिए हुआ अनुदान समझौता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 11 January 2019 05:35:48 PM

nitin gadkari signed an mou on dam project with the chief ministers

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने ऊपरी यमुना बेसिन में निर्मित होने वाले रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण के लिए आज दिल्ली में छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले मुख्यमंत्रियों में उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के अशोक गहलोत, उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मनोहरलाल खट्टर, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर प्रमुख थे। प्रयागराज में नमामि गंगे परियोजनाओं के लिए अनुदान समझौते पर भी हस्ताक्षर हुए। यह समझौता एक नगर, एक संचालक कार्यक्रम पर आधारित है। नितिन गडकरी की उपस्थिति में समझौते पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अखिल कुमार, उत्तर प्रदेश जल निगम के अनिल कुमार श्रीवास्तव और प्रयागराज वाटर प्राइवेट लिमिटेड के दिलीप पोरमल ने हस्ताक्षर किए।
जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि देश में जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, परंतु कुशल जल प्रबंधन की आवश्यकता है। रेणुकाजी बांध परियोजना के समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यथाशीघ्र कैबिनेट से इसकी मंजूरी प्राप्त करने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि यमुना नदी पर किसाऊ बहुउद्देशीय परियोजना विकसित की गई है, जिस समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लखवार बहुउद्देशीय परियोजना के लिए छह राज्यों के बीच 28 अगस्त 2018 को समझौता हुआ था। मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं से सभी राज्यों को लाभ होगा, इनसे यमुना नदी में प्रवाह की स्थिति बेहतर होगी, जोकि समय की मांग है। रेणुकाजी बांध परियोजना हिमाचल प्रदेश के सिरमोर जिले में यमुना की सहायक गिरि नदी पर निर्मित की जाएगी, जिसमें 148 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा तथा इससे दिल्ली व अन्य बेसिन राज्यों को 23 क्यूसेक जल की आपूर्ति की जाएगी। उच्च प्रवाह के दौरान परियोजना से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बिजली परियोजना का निर्माण हिमाचल प्रदेश का ऊर्जा निगम करेगा।
रेणुकाजी बांध की संग्रहण क्षमता 0.404 एमएएफ है और हिमाचल प्रदेश में इस बांध का डूब क्षेत्र 1508 हेक्टेयर है। बांध निर्माण के पश्चात गिरि नदी के प्रवाह में 110 प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह दिल्ली व अन्य बेसिन राज्यों के जल की जरूरत को पूरा करेगी। रेणुकाजी बांध परियोजना का जांच कार्य 1976 में प्रारंभ हुआ था, परंतु कुछ कारणवश निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया था। वर्ष 2015 के स्तरपर परियोजना की अनुमानित लागत 4596.76 करोड़ रुपये है, जबकि सिंचाई और पेयजल घटक की लागत 4325.43 करोड़ रुपये है। ऊर्जा घटक की लागत 277.33 करोड़ रुपये है। सिंचाई और पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत अर्थात 3892.83 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी, शेष 432.54 करोड़ रुपये की राशि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्य वहन करेंगे। रेणुकाजी बांध परियोजना यमुना और इसकी दो सहायक नदियों टोंस और गिरि पर बनाए जाने वाले तीन संग्रह परियोजनाओं का हिस्सा है। यमुना नदी पर लखावर परियोजना तथा टोंस नदी पर किसाऊ परियोजना और अन्य दो परियोजनाएं हैं। लखावर बहुउद्देशीय परियोजना की लागत और लाभ साझा करने के संदर्भ में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बीच नितिन गडकरी की उपस्थिति में 28 अगस्त 2018 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
प्रयागराज में ऊपरी गंगा, यमुना क्षेत्र यानी नैनी, फंफामउ तथा झूंसी में कोई सीवर शोधन संयंत्र नहीं है, इस कारण गंगा और यमुना नदियां प्रदूषित होती हैं। प्रयागराज में व्यापक सीवर नेटवर्क और सीवर संयंत्र सुविधाएं हैं, लेकिन यह सभी अलग-अलग संचालकों के पास हैं, इसके लिए 908.16 करोड़ रुपये की लागत से सीवर प्रबंधन के लिए दो परियोजनाओं तथा वर्तमान के सीवर संयंत्रों के संचालन और रखरखाव हेतु दो परियोजनाओं की मंजूरी दी गई। तीन एसटीपी का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कुल क्षमता 72 एमएलडी (नैनी 42 एमएलडी, फंफामउ 14 एमएलडी और झूंसी 16 एमएलडी) होगी। सीवेज संयंत्रों के संचालन और रखरखाव का कार्य 15 वर्ष के लिए दिया जाएगा। इन परियोजनाओं से 72 एमएलडी की नई क्षमता वाले संयंत्रों का निर्माण होगा, 80 एमएलडी का पुननिर्माण किया जाएगा तथा 254 एमएलडी के वर्तमान संयंत्रों व 10 सीवर पंपिंग स्टेशनों का संचालन और रखरखाव किया जाएगा। एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज में छह परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, इनमें गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए सीवर और गैर सीवर परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुंभ 2019 के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 113 करोड़ रुपये की लागत से 25,500 शौचालयों तथा 20,000 प्रसाधन गृहों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 16,000 डस्टबिन लगाए गए हैं तथा 53 नालों के लिए जैविक समाधान लागू किया गया है।

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