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Saturday 29 December 2018 12:00:48 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साई ने अंडमानी, जरावा, सेंटीनली, ओंजेस तथा सोमपेंस जनजाति आबादी वाले अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 6 द्वीपों में प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट व्यवस्था फिर से लागू करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखा है। आयोग ने अंडमान और निकोबार में आबादी वाले 29 द्वीपों को प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट व्यवस्था से बाहर किए जाने पर खेद व्यक्त किया है। अनुसूचित जाति जनजाति आयोग यानी एनएससीएसटीसी ने ऐसा करने पर आपत्ति जताई थी, इसके बावजूद गृह मंत्रालय ने 17 सितम्बर 2018 को प्रावधानों में और छूट देते हुए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह आने वाले विदेशियों का एफआरओ के साथ अनिवार्य पंजीकरण समाप्त कर दिया और 29 जून 2018 को जारी सर्कुलर द्वारा पहले से छूट प्राप्त द्वीप समूहों की सूची में वाईपर द्वीप को जोड़ दिया गया।
अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का मत है कि गृह मंत्रालय का यह निर्देश भारत के संविधान के अनुच्छेद 338ए (9) के अनुरूप नहीं है। इस अनुच्छेद में प्रावधान है कि अनुसूचित जनजाति को प्रभावित करने वाले सभी बड़े नीतिगत मामलों पर केंद्र सरकार तथा प्रत्येक राज्य सरकार को आयोग से विचार-विमर्श करना चाहिए। अनुसूचित जाति जनजाति आयोग हाल ही में अंडमान में उत्तर सेंटीनल द्वीप में एक अमेरिकी नागरिक की कथित हत्या के संबंध में छपी खबरों से चिंतित हुआ है। आयोग ने 28 नवम्बर 2018 को इस विषय पर नई दिल्ली में बातचीत के लिए अपर सचिव (यूटी) के साथ बैठक की। इसके बाद पूर्ण आयोग ने 4 से 6 दिसम्बर 2018 तक अंडमान द्वीप समूहों की यात्रा की और पोर्ट ब्लेयर में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, भारतीय मानव शास्त्र सर्वेक्षण के निदेशक, आईजी तटरक्षक और मछुआरों के संगठनों, अंडमान चैम्बर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों से बातचीत की।
अनुसूचित जाति जनजाति आयोग राज निवास में उप राज्यपाल से भी मिला और इस विषय पर बातचीत हुई। पांच दिसम्बर 2018 को आयोग को दक्षिण अंडमान में जरावा क्षेत्र में जाने का अवसर प्राप्त हुआ और अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (एएजेवीएस) के स्वयंसेवकों की सहायता से जरावा लोगों से बातचीत का मौका मिला। इस अवसर पर जिरकटांग चेक गेट पर पुलिसकर्मी तैनात थे। आयोग ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने के बाद अंडमान और निकोबार द्वीपसमूहों में रह रही 5 कमजोर जनजातियों (पीवीटीजी) की सुरक्षा के लिए भारत सरकार और अंडमान प्रशासन से आवश्यक तौर पर कुछ कदम उठाने की सिफारिश की है जैसे-गृह मंत्रालय 29 जून 2018 को जारी सर्कुलर संख्या 506 के संलग्नक में वर्णित 29 द्वीपों की सूची से स्ट्रेट द्वीप (अंडमानी), मध्य तथा दक्षिण अंडमान (जरावा) उत्तर सेंटीनल द्वीप (सेंटीनली), लिटिल अंडमान (ओंजेस) तथा ग्रेट निकोबार (सोमपेंस) जनजातियों के नाम हटाए। इन जनजातियों की आबादी वाले 6 द्वीप समूहों में पर्यटन और लोगों द्वारा किसी तरह की यात्रा की मनाही के बारे में हवाई अड्डा, बंदरगाह तथा महत्वपूर्ण स्थानों पर बड़े आकार के पोस्टर, होर्डिंग लगाए जाएं।
अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की सिफारिश में आगे कहा गया है कि केंद्र शासित पुलिस तथा तटरक्षों द्वारा 6 द्वीप समूहों में जहाजों या 6 द्वीप समूहों के साथ लगने वाले वाहनों की जांच सहित निगरानी और गश्ती व्यवस्था मजबूत बनानी चाहिए। गश्ती के दौरान दैनिक दुर्घटना रिपोर्ट (डीआईआर) को अंडमान प्रशासन की अधिकारिक वेबसाइट तथा अन्य संबंधित सार्वजनिक पोर्टलों परहोस्ट की जानी चाहिए। उत्तर सेंटीनल द्वीप के ऊपर के वायु क्षेत्र सिविल उड़ान के लिए उड़ान वर्जित घोषित की जानी चाहिए। मछुआरों, पर्यटक गाईड, टूर ऑपरेटरों, होटल उद्योग तथा अन्य हितधारकों को अंडमान और निकोबार प्रशासन द्वारा संवेदनशील बनाने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाना चाहिए, ताकि ये लोग प्रशासन की आंख-कान बन सकें।