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Tuesday 9 October 2018 05:52:41 PM
अजूबा/ नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य उद्योग और उपभोक्ता एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री सीआर चौधरी ने भारत-पश्चिम अफ्रीका परियोजना भागीदारी पर नाइजीरिया के अजूबा शहर में भारतीय उद्योग परिसंघ और एक्जिम बैंक के संयुक्त क्षेत्रीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। नाइजीरिया के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के साथ पश्चिमी अफ्रीकी देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडल ने भी सम्मेलन में भाग लिया। सीआर चौधरी ने केप वर्डे, नाइजर तथा अन्य पश्चिमी देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
सीआर चौधरी ने केप वर्डे के वाणिज्य मंत्री के साथ जलवायु परिवर्तन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, आधारभूत संरचना विकास और मानव संसाधन क्षमता विकास जैसे विषयों पर चर्चा की। यह वे क्ष्ोत्र हैं, जहां भारत और केप वर्डे के बीच साझा सहयोग की प्रचुर संभावनाएं हैं। नाइजीरिया ने नियामी में 35.5 मिलियन अमरीकी डॉलर से बनाए जा रहे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के निमार्ण में सहयोग के लिए भारत की सराहना की है। सम्मेलन केंद्र की आधारशिला हाल ही में रखी गई है। भारत से नाइजीरिया को होने वाले निर्यात में वर्ष 2014-15 से अबतक 50 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। सीआर चौधरी ने नाइजीरिया के वाणिज्य राज्यमंत्री सादोउ सीदोउ के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के अलावा निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने पर भी द्विपक्षीय चर्चा की।
भारत और नाइजीरिया में वर्ष 2009 से द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत ने परिवहन, विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा और पेयजल से जुड़ी परियोजनाओं के लिए नाइजीरिया को 96.54 मिलियन अमरीकी डालर का कर्ज दिया है। इसके साथ ही एमजीआईसीसी के निर्माण के लिए दी गई राशि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में आगे और योगदान देगी। नाइजीरिया सम्मेलन केंद्र में 2019 में अफ्रीकी संघ का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। केंद्र की स्थापना नाइजर-भारत मित्रता के साथ ही अफ्रीका के विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।
भारत ने अफ्रीका के 20 से ज्यादा देशों में ऐसा केंद्र खोलने का प्रस्ताव किया है, इनमें से नौ केंद्र जल्दी ही खुलने वाले हैं। पिछले एक दशक में अफ्रीकी देशों ने अपने यहां आर्थिक उदारीकरण और औद्योगिकरण को बढ़ावा दिया है, ऐसे में इन देशों में वित्तीय सेवाओं, ऊर्जा और बिजली, खनन, विनिमार्ण, उपभोक्ता और खुदरा क्षेत्र, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश हो सकता है। सम्मेलन में कारोबारियों और सरकार एवं कारोबारियों के साथ कारोबारियों के बीच व्यापारिक सहयोग की वार्ताओं पर विशेष रूपसे जोर दिया गया है।
शिखर सम्मेलन भारत के निजी क्षेत्र और भारत आयात निर्यात बैंक जैसे प्रमुख संस्थानों के लिए क्षेत्रीय विकास की दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं के साथ अफ्रीकी देशों में निवेश और साझेदारी के प्राथमिकता वाली परियोजनाओं की पहचान का अवसर है। पश्चिमी अफ्रीकी देश भविष्य में निवेश के नए क्षेत्र के रूपमें उभर रहे हैं। इसमें घाना, आइवरी कोस्ट, सेनेगल और बेनिन की अर्थव्यवस्थाओं में लगातार आ रही मजबूती बड़ी भूमिका निभा रही है। प्रचुर क्षमताओं के बावजूद अफ्रीकी देशों में विदेशी निवेश महज पांच प्रतिशत है, ऐसे में इस क्षेत्र की आर्थिक तरक्की के लिए यहां सतत विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना जरूरी है।