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'टीवी पर बहस को कोर्ट पाबंद करे'

मुस्लिम नेता जुनैद अशरफ किछौछवी की मांग

'सामाजिक अच्छाईयों की अनदेखी हो रही है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 13 July 2018 04:35:28 PM

syed junaid ashraf kitchhawi

लखनऊ। ऑल इंडिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने मीडिया को भेजे एक बयान में कहा है कि कुछ न्यूज़ चैनल हमारी सोच को ही खत्म करना चाहते हैं, उन्होंने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए समाचार का स्तर इतना नीचे गिरा दिया है कि पता ही नहीं चलता है कि हम समाचार देख रहे हैं या किसी सब्ज़ी मंडी में बैठे हैं। सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि भारत के चैनल जिस तरह से हिंदू-मुस्लिम बहस करते दिखाए जा रहे हैं, इससे कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है, बल्कि आपसी सौहार्द और सामाजिक तानाबाने पर खराब असर पड़ रहा है। उनका कहना है कि इस बहस से ऐसा साबित किया जा रहा है, जैसेकि हमारे समाज में बुराईयां ही बुराईयां हैं, जबकि ऐसा नहीं है।
सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी का कहना है कि लखनऊ के लिए एक मुहावरा मशहूर है कि मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं, हम बड़ी शान से यह परदेसियों से कहा करते थे, परंतु यह मुहावरा आज गुस्से और कड़वाहट में बदल रहा है, लखनऊवासी बताएं कि हमने इस वाक्य के साथ इंसाफ किया है? शायद हम जवाब नहीं दे पाएंगे। इसी प्रकार हमारी मशहूर तहज़ीब पहले आप-पहले आप दी जाती रही है, आज हमारे चारों तरफ भीड़ बढ़ रही है और कुछ लोग शहर की तहज़ीब से खेल रहे हैं। सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने अपनी यह पीड़ा सभी मीडिया वालों को ई-मेल की है और उनसे गुजारिश की है कि वे समाज की सही तस्वीर पेश करें और सामाजिक अच्छाईयों को जनता के सामने लाएं।
सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी का कहना है कि गोमतीनगर रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति केवल इसलिए मार खाया है कि उसका एक धर्म विशेष से ताअल्लुक था, लखनऊ के हालात यह हैं कि हम किसी मस्जिद के सामने एक मूर्ति की स्‍थापना के लिए आमने-सामने आ गए हैं, कहां जा रहे हैं हम और हमारी तहज़ीब? इसे चैनलों पर दिखाया जा रहा है, जबकि होना तो यह चाहिए था कि टीवी मीडिया वाले भारत की असली समस्या बेरोज़गारी, व्यापार का ठप्प होना, महिला सुरक्षा, लॉ एंड आर्डर, आर्थिक मुद्दे, हमारी समृद्ध संस्कृति आदि पर बहस करवाएं। वे कहते हैं कि अगर ये चैनल ऐसा न करें तो सुप्रीम कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर इस तरह की बेमतलब बहसों पर पाबंदी लगा देनी चाहिए।

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