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दिल्ली में पेयजल पर हुई राष्ट्रीय विचार सभा

उमा भारती का राज्यों के पेयजल मंत्रियों से विचार-विमर्श

'जल प्रयोगशालाओं के कामकाज की हो कड़ी निगरानी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 15 June 2018 12:15:37 PM

uma bharti chairing a national consultation on the national rural drinking water programme

नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में सुधार की जरूरत और स्वजल योजना के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श करने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में एक राष्ट्रीय विचार सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने की। विचार सभा में केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रमेश जिगजिनागी, 13 राज्यों असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पेयजल मंत्रियों ने हिस्सा लिया एवं अपने-अपने राज्यों में लागू की जा रही केंद्र प्रायोजित पेयजल योजनाओं में जरूरी सुधार पर अपने विचार रखे।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने इस अवसर पर घोषणा की कि देश के 115 आकांक्षी जिलों में स्वजल योजना पर मौजूदा एनआरडीडब्ल्यूपी यानी राष्ट्रीय जल गुणवत्ता सब मिशन बजट से 700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसके तहत सौर ऊर्जा की मदद से गावों में पाइप के जरिए पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वजल इकाइयों के संचालन और रख-रखाव के लिए सैकड़ों ग्रामीण तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उमा भारती ने देश के आकांक्षी जिलों में दूर-दराज के गावों में स्वजल की प्रासंगिकता के बारे में भी बताया। उन्होंने देशभर में फैली 2000 जल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण किए जाने की भी घोषणा की।
उमा भारती ने राज्यों से आए मंत्रियों से जल प्रयोगशालाओं के कामकाज पर बारीक नज़र रखने का आग्रह किया, ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जल गुणवत्ता सब मिशन के तहत देशभर के आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित 27,544 आवासों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की जरूरत को पूरा करने के लिए 1000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। उमा भारती ने वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण की अहमियत बताते हुए कहा कि इस बारे में लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए एक विशेष संचार अभियान चलाया जाएगा।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने राज्यों से वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्य ‘सभी के लिए शुद्ध पेयजल’ सुनिश्चित करने का आग्रह किया। पेयजल एवं स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर ने एनआरडीडब्ल्यूपी को फलदायी और सतत बनाने के लिए किए गए सुधार उपायों का जिक्र किया और राज्यों के बीच सकारात्मक प्रतियोगिता को बढ़ावा देने की बात कही। संयुक्त सचिव (जल) राधा वी ने एनआरडीडब्ल्यूपी को और मजबूत करने के प्रस्तावों और स्वजल योजना की विशेषताओं एवं इसे लागू करने की योजना पर प्रस्तुति दी।

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