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Wednesday 25 April 2018 03:46:19 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारम्भ हेतु आज विधानभवन के तिलक हाल में एक कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की अध्यक्षता में हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा भारत माता के महान सपूत थे, एक राष्ट्रभक्त राजनेता तथा समाजसेवी के रूपमें ग़रीबों, शोषितों, वंचितों के लिए उनका संघर्ष अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जन्म 25 अप्रैल 1919 को वर्तमान उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जनपद के एक गांव में हुआ था, आज भी वहां का मार्ग दुर्गम है, सौ वर्ष पहले ऐसी स्थिति से निकलकर राजनीति और समाजसेवा के माध्यम से देश और प्रदेश में अपना स्थान बनाना उनके कठिन परिश्रम, लगन, कर्मठता तथा संघर्षशीलता का परिचायक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी में हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे महान राजनेता और समाजसेवी की कोई मूर्ति अथवा स्मारक न होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी स्मृतियों को संजोए रखने के लिए स्मारक होना चाहिए, बहुगुणाजी ने संघर्ष किया, उनके जन्म शताब्दी वर्ष में छात्रों, नौजवानों, मजदूरों आदि के बीच कार्यक्रम होने चाहिएं और इन कार्यक्रमों से राज्य की जनता तथा प्रदेश सरकार को भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि हेमवती नंदन बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष पर होने वाले कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित होकर प्रेरणा प्राप्त करेगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि शक्तिशाली राष्ट्र के लिए जनमानस में इतिहास बोध आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के जयंती समारोह जनसामान्य को महापुरूषों की स्मृति के माध्यम से इतिहास से परिचित कराने के साथ ही, लोगों में इतिहास बोध पैदा करने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि असाधारण होकर भी साधारणजन से जुड़े रहना हेमवती नंदन बहुगुणा की बड़ी खूबी थी।
उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा का लखनऊ से करीबी रिश्ता था, वे पहाड़ी व मैदानी इलाकों की जनता सहित श्रमिक वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग आदि में भी काफी लोकप्रिय थे, कर्मचारी नेताओं से उनका सान्निध्य था, जनता के प्रति समर्पण, ईमानदारी व विनम्रता उनके विशेष गुण थे, उनके गुणों के कारण विरोधी भी उनका सम्मान करते थे। पर्यटन मंत्री एवं हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा का राष्ट्रप्रेम अनन्य था, लोकतांत्रिक प्रणाली में उन्हें पूरा विश्वास था। हेमवती नंदन बहुगुणा को एक स्वाभिमानी, न्यायी, हार न मानने वाला तथा सतत संषर्घशील व्यक्ति बताते हुए उन्होंने उनसे जुड़े संस्मरण भी साझा किए। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षामंत्री आशुतोष टंडन, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क मंत्री नंदगोपाल ‘नन्दी’, जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।