'मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण' पुस्तक का विमोचन
प्रोफेसर सिकंदर कुमार की पुस्तक विमोचन पर बोले उपराष्ट्रपतिस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 24 December 2025 05:50:16 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सांसद प्रोफेसर सिकंदर कुमार की पुस्तक ‘मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण’ का आज उपराष्ट्रपति आवास पर आयोजित कार्यक्रम में विमोचन किया। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि, नेतृत्व और परिवर्तनकारी आर्थिक नीतियों का एक सशक्त प्रमाण है। उन्होंने कहाकि इस एक दशक में देश ने उल्लेखनीय आर्थिक बदलाव और राष्ट्र के आत्मविश्वास में नई वृद्धि देखी है। उन्होंने कहाकि भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूपमें उभरा है और साथही सबसे तेजीसे विकास करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था भी है।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बतायाकि पुस्तक में दिवालियापन कानूनों, डिजिटल शासन और पारदर्शी बैंकिंग प्रणालियों जैसे प्रमुख संरचनात्मक सुधारों पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहाकि ये सुधार मात्र नीतिगत पहल नहीं हैं, बल्कि दशकों पुरानी अक्षमताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के उद्देश्य से उठाए गए साहसिक कदम हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री का ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का दृष्टिकोण दक्षता और अनुशासन के एक कारगर मॉडल में तब्दील हो चुका है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाभार्थियों तक 100 प्रतिशत लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर देते हैं। उन्होंने बतायाकि जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) की त्रिमूर्ति ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को संभव बनाया है, भ्रष्टाचार को कम किया है और शासन में पारदर्शिता तथा दक्षता को बढ़ाया है। उन्होंने कहाकि अबतक 47 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।
उपराष्ट्रपति ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को इस युग की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहाकि जीएसटी ने कर संरचना को सरल बनाकर, अनुपालन को बढ़ाकर और सहकारी संघवाद को मजबूत करके भारत को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार में बदल दिया है। उन्होंने कहाकि अंतर्राज्यीय चेक पोस्टों को हटाने से माल की आवाजाही सुगम हुई है, जिससे लाखों मानव घंटे और ईंधन की बचत हुई है। उन्होंने कहाकि जीएसटी को स्वतंत्र भारत में किए गए सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जाता है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि समावेश पर विशेष ध्यान देने के कारण भारत का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल और यूपीआई के तीव्र विस्तार ने नागरिकों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को मजबूत किया है।
उपराष्ट्रपति ने यहभी कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक है, साथही यह भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक विश्वसनीय भागीदार के रूपमें स्थापित करता है। उन्होंने कहाकि यह यात्रा विकसित भारत की व्यापक आकांक्षा के अनुरूप है, जहां आर्थिक विकास को सामाजिक न्याय, पर्यावरण स्थिरता और तकनीकी उन्नति केसाथ संतुलित किया जाता है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नीतिगत गतिरोध से उद्देश्यपूर्ण शासन की ओर, ग़रीबी की मानसिकता से समृद्धि के मिशन की ओर और निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ है। उपराष्ट्रपति ने नागरिकों से एक ऐसे नए भारत का जश्न मनाने का आह्वान किया है, जो आत्मविश्वास से भरपूर, सक्षम और करुणामय है, क्योंकि यह 2047 में विकसित भारत की ओर अग्रसर है।