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अपना डिजिपिन व पिनकोड जानें पोर्टल लॉंच

भारतीय डाक विभाग के परिवर्तनकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू

डिजिटल शासन व सार्वजनिक सेवा वितरण में अहम सहयोगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 May 2025 11:53:23 AM

know your digipin and pincode portal launched

नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने दो परिवर्तनकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं-‘अपना डिजिपिन जानें’ और ‘अपना पिनकोड जानें’, जो भारत की पता प्रणाली और भू-स्थानिक शासन के आधुनिकीकरण की दिशामें एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। इन प्लेटफार्मों को राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति-2022 के अनुरूप शुरू किया गया है, जिसमें डिजिटल शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में सहयोग केलिए एक उन्नत भू-स्थानिक बुनियादी ढांचे के विकास की परिकल्पना की गई है। डिजिपिन यानी डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर एक ओपन सोर्स, इंटरऑपरेबल, जियो कोडेड, ग्रिड आधारित डिजिटल एड्रेस सिस्टम है, जिसे डाक विभाग ने आईआईटी हैदराबाद और एनआरएससी इसरो के सहयोग से विकसित किया है। यह डाक विभाग के एड्रेस एज ए सर्विस पेश करने की कल्पना का आधार है। यह उपयोगकर्ताओं, सरकारी संस्थाओं और निजी क्षेत्रके संगठनों केबीच सुरक्षित और कुशल बातचीत का समर्थन करने केलिए पता डेटा प्रबंधन से जुड़ी जनता को दी जानेवाली सेवाओं का एक दायरा है।
अपना डिजिपिन जानें पोर्टल उपयोगकर्ताओं को सक्षम सेवा प्रदान करता है। इसके माध्यम से सटीक भौगोलिक स्थान के आधार पर उनका डिजिपिन प्राप्त करें, संबंधित डिजिपिन प्राप्त करने केलिए अक्षांश और देशांतर निर्देशांक और इसके विपरीत तालमेल बनाएं। यह पहल लोकेशन मैपिंग को सरल बनाती है, लॉजिस्टिक्स और आपातकालीन प्रतिक्रिया को बढ़ाती है और अंतिम मील तक डिलीवरी सुनिश्चित करती है, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में। डिजिपिन प्रणाली की आधिकारिक समीक्षा की गई है और जिसे राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति-2022 केतहत पते पर विषयगत कार्यसमूह द्वारा अपनाया गया है, अब सभी मंत्रालयों, राज्य सरकारों, संस्थानों को उनके वर्कफ़्लो में एकीकरण केलिए और उपयोगकर्ताओं को उनके स्वयं के उपयोग केलिए उपलब्ध है। डिजिपिन को एक अतिरिक्त पता विशेषता के रूपमें शामिल करने से जीआईएस क्षमताओं का लाभ उठाने में मदद मिलती है, जिससे विभिन्न संगठनों में किफायती तरीके से सेवा वितरण के भविष्य के जीआईएस आधारित डिजिटलीकरण की नींव रखी जा सकती है। डिजिपिन सटीक भौगोलिक निर्देशांक प्रदान करके, सटीक सेवा वितरण सुनिश्चित करके और आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को कम करके कई क्षेत्रोंमें स्थान सटीकता को बढ़ाएगा। डिजिपिन तकनीकी दस्तावेज़ीकरण और स्रोत कोड का एक पूरा संग्रह जीआईटीहब पर उपलब्ध कराया गया है, जो खुले सहयोग और राष्ट्रव्यापी स्तर पर धारण करने को बढ़ावा देता है।
अपना पिनकोड जानें वेब एप्लीकेशन अर्थात 1972 में शुरू की गई छह अंकों की पिन कोड प्रणाली ने भारत की डाक डिलीवरी की रीढ़ के रूपमें काम किया है। हालाकि इसकी भौगोलिक सटीकता को आधुनिक बनाने और परिष्कृत करने की आवश्यकता को पहचानते हुए डाक विभाग ने देश की सभी पिनकोड सीमाओं को भौगोलिक संदर्भ देने केलिए सभी डाक क्षेत्रोंमें एक राष्ट्रीय जियोफेंसिंग अभ्यास किया है। इसके आधार पर डाक विभाग ने अब ‘अपना पिनकोड जानें’ वेब एप्लिकेशन लॉंच किया है, जो उपयोगकर्ताओं को अनुमति देने केलिए जीएनएसएस स्थान सुविधाओं का उपयोग करता है। स्थान के आधार पर सही पिनकोड की पहचान करें, पिनकोड डेटासेट के निरंतर परिशोधन के लिए पिन कोड सटीकता पर प्रतिक्रिया दें। जियो फेंस्ड पिन कोड सीमाओं का डेटासेट भी ‘ऑल इंडिया पिनकोड बाउंड्री जियो-जेएसओएन’ शीर्षक केतहत ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया है।
डाक विभाग की सचिव वंदिता कौल ने इस अवसर पर बतायाकि इन दो एप्लीकेशन का लॉंच डिजिटल परिवर्तन और सटीक शासन केप्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डिजिपिन विशेष रूपसे पते को समझने के हमारे तरीके को फिरसे परिभाषित करेगा, यह सुनिश्चित करते हुएकि देश के सबसे दूरदराज के इलाके मेंभी हर नागरिक डिजिटल रूपसे पता लगाने योग्य और सेवा योग्य है। ये एप्लीकेशन बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, नागरिकों और अन्य सभी हितधारकों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने केलिए विभाग के निरंतर प्रयासों का प्रमाण हैं। डाक विभाग न केवल एक डाक सेवा प्रदाता के रूपमें अपनी भूमिका को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि भारत केलिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूपमें भी कार्यकर रहा है। डाक विभाग नागरिकों, डेवलपर्स, संस्थानों और हितधारकों को दोनों पोर्टलों का पता लगाने और उनके परिशोधन में सक्रिय रूपसे योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दोनों प्लेटफ़ॉर्म में डेटा सटीकता और सिस्टम प्रयोज्यता पर प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने केलिए अंतर्निहित विकल्प शामिल हैं। यह सहभागी दृष्टिकोण भारतभर में डिजिटल पते की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को लगातार बेहतर बनाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगाकि समाधान स्थानीय वास्तविकताओं के प्रति उत्तरदायी रहें। दोनों आवेदन भारतीय डाक की वेबसाइट के वेबलिंक https://dac.indiapost.gov.in/mypincode/menu के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं।

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