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'चार्टर्ड अकाउंटेंसी आर्थिक शासन का स्तम्भ'

आईसीएआई राष्‍ट्र निर्माण में एक असरदार साझेदार है-राष्‍ट्रपति

भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान का स्थापना दिवस समारो‍ह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 3 July 2023 11:50:47 AM

icai is an effective partner in nation building says president

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान के 75वें स्थापना दिवस समारो‍ह को संबोधित करते हुए कहा हैकि यह दिवस न केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय केलिए विशेष है, बल्कि लेखा परीक्षा समुदाय केलिए भी विशेष है। उन्होंने कहाकि चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय व्‍यापार जगत के मज़बूत स्‍तंभ हैं, जो सुशासन को मज़बूती प्रदान करते हैं। उन्‍होंने कहाकि अर्थव्‍यवस्‍था की सही स्थिति को दर्शाने में उन‍की भूमिका प्रमुख है। महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट की बढ़ती संख्‍या पर राष्‍ट्रपति ने कहाकि यह सर्वविदित हैकि सामान्‍यत: महिलाएं होनहार वित्‍त प्रबंधक अथवा लेखाकार हैं, भारत में घरेलू बचत एक परंपरा है और कठिन समय केलिए बचत महिलाओं की आदत है। उन्‍होंने इस बात पर खुशी व्यक्त कीकि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान ने महिलाओं केलिए ‘वित्‍त एवं कर साक्षरता’ अभियान चलाया है।
राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों केलिए बहुत लाभकारी है, विशेषत: जनजातीय क्षेत्रों में, क्‍योंकि अक्‍सर निर्धन और भोले-भाले लोग इन क्षेत्रों में अपनी बचत पर अधिक ब्‍याज के प्रलोभन में ठगे जाते हैं। उन्‍होंने विश्‍वास व्यक्त कियाकि यह अभियान इन लोगों को ऐसी जालसाजी से बचाएगा। आईसीएआई के 2030 विज़न वक्‍तव्‍य के बारेमें राष्‍ट्रपति ने कहाकि यह वक्‍तव्‍य इस व्‍यवसाय की मज़बूती का संकल्‍प दिलाता है, जो अंतर्राष्‍ट्रीय मानक, पारदर्शिता और नैतिकता पर आधारित है। उन्‍होंने आईसीएआई के अत्‍याधुनिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने केलिए विभिन्‍न प्रयासों पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की और कहाकि यह लेखाकारों को उनके व्‍यवसाय में तीव्रगामी बदलाव को शामिल करने में सक्षम बनाएगा। उन्‍होंने प्रौद्योगिकी बदलाव का उल्‍लेख करते हुए कहाकि यह लेखा और लेखा परीक्षा कार्यप्रणाली के भविष्‍य में क्रांति लाएगा।
राष्‍ट्रपति ने कहाकि आंकड़ों का नियमावली मूल्‍यांकन लगभग अप्रचलित हो गया है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केसाथ आंकड़े, लेखा परीक्षा और लेखा के ढांचे में मशीनों से बदलाव आएगा। उन्‍होंने आईसीएआई से न केवल समय केसाथ तालमेल रखते हुए प्रौद्योगिकी नवाचार को अपनाने का आह्वान किया, बल्कि इस व्‍यावसाय में उचित और नैतिक अभ्‍यास को अपनाने का भी आह्वान किया। राष्‍ट्रपति ने कहाकि आईसीएआई की क्षमता और सदस्‍यता की विश्‍वभर में सराहना की जा रही है, फिरभी भारतीय कंपनियां, वैश्विक बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों के स्‍तर तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्‍होंने इस क्षेत्र में प्रयासों पर ध्‍यान दिया है और कहाकि यदि लेखाकार कंपनियां विभिन्‍न क्षेत्रों के विनियमन की ओर ध्‍यान दें और विधि कंपनियों केसाथ जुड़ जाएं तो ये प्रयास और अधिक मजबूत होंगे। उन्होंने कहाकि यह न केवल उनके ज्ञान के भंडार को बढ़ाएगा, बल्कि भारत की प्रगतिशील अर्थव्‍यवस्‍था को प्रेरणा भी प्रदान करेगा।
राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईसीएआई से विश्‍व के उत्‍तम लेखा सिद्धांत और अभ्‍यास को अपनाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहाकि विश्‍व समुदाय केलिए भारतीय लेखा अभ्‍यास को जानने केलिए जी20 की अध्‍यक्षता एक सुअवसर है। राष्‍ट्रपति ने कहाकि सरकार के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के प्रयासों के कारण देश में कर आधार लगातार बढ़ रहा है, अधिक से अधिक लोग कर अनुपालन व्‍यवस्‍था को अपना रहे हैं, यह आईसीएआई को राष्‍ट्र निर्माण में एक असरदार साझेदार बनाता है। राष्‍ट्रपति ने कहाकि सरकार निर्धन, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति केलिए विभिन्‍न कल्‍याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है, इस संदर्भ में करदाताओं को प्रोत्‍साहित करने केलिए लेखाकारों जैसे व्‍यवसायियों का सामाजिक दायित्‍व है। उन्‍होंने विश्‍वास व्यक्त कियाकि वे अपनी जिम्‍मेदारी को सही रूपमें निभाएंगे और चार्टर्ड अकाउंटेंसी का पेशा 'आर्थिक शासन का स्‍तंभ' का प्रत्‍यक्षदर्शी होगा।

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