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'राष्ट्र सेवा में समर्पित इंजीनियरिंग सेवा सराहनीय'

सैन्य इंजीनियर सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति का संबोधन

परियोजना प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग का किया आग्रह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 6 January 2023 03:18:56 PM

president's address to officer trainees of military engineer services

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सैन्य इंजीनियर सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्र की सेवा में समर्पित इंजीनियरिंग सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि यहां मौजूद भारतीय रक्षा सेवा के इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट कैडर और एमईएस के सर्वेयर कैडर के हैं। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षुओं से कहाकि वे ऐसे समय में सेवाओं में शामिल हुए हैं, जब भारत ने अमृतकाल में प्रवेश किया है और जी20 की अध्यक्षता भी ग्रहण करली है। उन्होंने कहाकि यह वह समय है, जब विश्व नए नवाचारों और समाधानों केलिए भारत की ओर देख रहा है। उन्होंने कहाकि सैन्य इंजीनियर सेवाओं के अधिकारी के रूपमें वे सभी रक्षाबलों यानी सेना वायुसेना नौसेना तटरक्षक और अन्य संगठनों को रियरलाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करने में सहायक होंगे, वे सशस्त्रबलों को जिस तरह की समर्पित इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करते हैं, वह उनके समग्र प्रदर्शन में बढ़ोतरी करता है और उन्हें किसीभी आपातस्थिति से निपटने केलिए तैयार रखता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि एमईएस सीमावर्ती क्षेत्रों सहित देशभर में आवासीय और कार्यालय भवनों, अस्पतालों, सड़कों, रनवे और समुद्री संरचनाओं का डिजाइन एवं निर्माण करता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहाकि वे भारत के सबसे कठिन इलाकों में सभी सुविधाओं और संपत्तियों के रखरखाव एवं सेवा केलिए जिम्मेदार हैं एवं एमईएस अधिकारियों का प्रमुख कर्तव्य पर्यावरण की देखभाल करना भी है। उन्होंने कहाकि हमें सतत विकास केलिए नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक उपयोग करना चाहिए और एमईएस सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं को पूरा करके राष्ट्रीय कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में काफी योगदान दे रही है। राष्ट्रपति ने कहाकि वे नई निर्माण सामग्री का नवाचार और उसका उपयोग कर सकते हैं, जो निवासियों को खतरनाक रसायनों से बचाती है। उन्होंने कहाकि प्राकृतिक सामग्रियों से घिरे होने पर मानवकल्याण समग्र रूपसे बढ़ता है, ऐसी सामग्रियां पर्यावरण के अनुकूल हैं और इसके परिणामस्वरूप इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि एमईएस आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप मेक इन इंडिया उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है और यह जानकर प्रसन्नता हुई हैकि जब भी मांग की जाती है, एमईएस नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहता है। उन्होंने कहाकि निर्माण क्षेत्र बहुत गतिशील है और तकनीकें बहुत तेजीसे बदल रही हैं, यह क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहाकि एमईएस अधिकारी परियोजना प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके बुनियादी ढांचे के विकास में अपना उल्लेखनीय योगदान देते हैं। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षुओं से अपने भविष्य की परियोजनाओं में अत्याधुनिक तकनीक जैसेकि मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति ने कहाकि इससे निर्माण केलिए अधिक कुशल डिजाइन और कम समयसीमा को लेकर सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहाकि उनको सेवा वितरण तंत्र में सुधार करने और अधिक कुशल शासन की ओर बढ़ने केलिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना चाहिए। राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि एमईएस ने गांधीनगर में अबतक का पहला 3डी प्रिंटेड आवास का निर्माण पूरा कर लिया है। उन्होंने एमईएस अधिकारियों से बड़ी संख्या में ऐसी तकनीकों के उपयोग को लेकर प्रयास करने का अनुरोध किया, जो लागत प्रभावी हैं और बर्बादी से बचने में सहायता करती हैं, इसके अलावा यथासंभव सामग्रियों के फिरसे उपयोग को बढ़ावा देने काभी अनुरोध किया।

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