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'शैक्षिक संस्थानों में पढ़ाई संग प्रतिभा भी निखरी'

राष्ट्रपति ने किया आईआईएम नागपुर में स्थायी परिसर का उद्घाटन

'देशमें नवाचार व उद्यमिता को सराहा एवं प्रोत्साहित किया जा रहा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 May 2022 01:08:55 PM

president ram nath kovind inaugurated the campus of the iim nagpur

नागपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा हैकि शिक्षण संस्थान केवल अध्ययन के स्थान नहीं हैं, बल्कि ये वे स्थान हैं, जो हममें से प्रत्येक की आंतरिक और कभी-कभी छिपी हुई प्रतिभा को निखारते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि पाठ्यक्रम हमें अपने भीतर के उद्देश्य, महत्वाकांक्षा का आत्मनिरीक्षण करने और सपनों को पूरा करने का अवसर प्रदान करते हैं। राष्ट्रपति ने ये विचार नागपुर के एमआईएचए के दहेगांव मौजा में भारतीय प्रबंधन संस्थान के स्थायी परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहाकि नागपुर शहर उस स्थान केलिए प्रसिद्ध है, जिसे बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने दीक्षा स्थल केलिए भारतीय संविधान के निर्माता के रूपमें चुना था। राष्ट्रपति ने कहाकि महाराष्ट्र हमेशा से एक जीवंत सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक केंद्र रहा है, यहीं पर डॉ भीमराव अंबेडकर की सामाजिक क्रांति के बीज बोए गए थे, नागपुर शहर शून्य मील के पत्थर केलिए प्रसिद्ध है, इसलिए इसे अक्सर भारत के केंद्र में माना जाता है, यह सेवाग्राम आश्रम के निकट भी है, जो महात्मा गांधी का घर था और वह स्थान जहांसे स्वतंत्रता संग्राम को आगे बढ़ाया गया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां नवाचार एवं उद्यमिता को सराहा और प्रोत्साहित किया जा रहा है, नवाचार और उद्यमिता दोनों में न केवल प्रौद्योगिकी के जरिए हमारे जीवन को सरल बनाने की क्षमता है, बल्कि इससे रोज़गार के अवसर भी सृजित हो सकते हैं। उन्होंने कहाकि इस परिसर के निर्माण केलिए 500 करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के अलावा लगभग 132 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, जिसके लिए उन्होंने भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार को बधाई दी। राष्ट्रपति ने खुशी जाहिर कीकि आईआईएम नागपुर नवाचार को प्रोत्साहित कर कर रहा है, इसने एक 'क्षेत्रीय नवाचार आयोजक' होने की जिम्मेदारी ग्रहण की है, जो नवाचार और उद्यमिता केलिए सहायता सेवाएं देनेवाले व्यवसाय इनक्यूबेटर के रूपमें काम करता है, इन उपक्रमों से हम आत्मनिर्भर भारत बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि आईआईएम नागपुर का इकोसिस्टम छात्रों को रोज़गार ढूंढने के बजाए रोज़गार प्रदाता बनने में बढ़ावा देगा। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुईकि आईआईएम नागपुर ने अपने उद्यमिता केंद्र के माध्यम से आईआईएम नागपुर फाउंडेशन फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट की स्थापना की है।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि गर्व की बात हैकि इनफेड ने महिला उद्यमियों को सफलतापूर्वक महिला स्टार्टअप कार्यक्रम से स्नातक होनेमें सक्षम बनाया है और उनमें से छह ने अपने उद्यम भी आरंभ कर दिए हैं। उन्होंने कहाकि इस तरह के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण केलिए एक प्रभावी मंच उपलब्ध कराते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारी परंपराओं ने विशेष रूपसे ज्ञान के क्षेत्र में हमेशा साझा करने पर जोर दिया है, इसलिए हमने जो ज्ञान एकत्रित किया है, उसे साझा करना हमारा कर्तव्य है। राष्ट्रपति ने कहाकि विभिन्न यूनिकॉर्न या स्टार्ट-अप की कहानियों, जिनकी कीमत 1 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है ने इतिहास रचा है, इसने नए रास्ते खोले हैं, क्योंकि नए क्षेत्र व्यावसायिक उद्यमों के दायरे में आ रहे हैं। उन्होंने कहाकि इस तरह के प्रयास हमारे देश केलिए गेम चेंजर हो सकते हैं। रामनाथ कोविंद ने कहाकि आईआईएम नागपुर ने सात उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं और आईआईएम अहमदाबाद ने आईआईएम नागपुर को मेंटरशिप प्रदान की है, उसी तरह देशभर के तकनीकी, प्रबंधन या मानविकी के अग्रणी व्यावसायिक स्कूल समान प्रकार के संस्थानों की स्थापना केलिए मेंटरशिप प्रदान करेंगे।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि ज्ञान के आदान-प्रदान से ज्ञान का और अधिक विकास होता है। उन्होंने पुणे, हैदराबाद और सिंगापुर में सैटेलाइट कैंपस की स्थापना की पहल केलिए आईआईएम नागपुर को बधाई दी। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने कहाकि ज्ञान सशक्तिकरण और लोक कल्याण का माध्यम है। उन्होंने कहाकि देश अमृत महोत्सव मना रहा है और आईआईएम नागपुर के छात्रों को लीक से हटकर सोचने का प्रयास करना चाहिए एवं जिम्मेदारियों को स्वीकार करने एवं समाज को उत्साहपूर्वक अधिकाधिक लाभांवित करने की संस्कृति को अपनाना चाहिए। शिक्षामंत्री ने आईआईएम नागपुर को क्षेत्रीय विकास की सुविधा प्रदान करने और नई शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार संस्थान को उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं भारत को रोज़गार सृजित करनेवाले राष्ट्र के रूपमें स्थापित करने केलिए नए रास्ते विकसित करने चाहिएं। उन्होंने कहाकि दुनिया भारत कीओर उम्मीदभरी नज़र से देख रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि आईआईएम नागपुर भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर करेगा, जो भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं और दुनिया को भी नेतृत्व प्रदान करेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे।

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