स्वतंत्र आवाज़
word map

हमारे देश में होनहार बच्चे अपरंपार-प्रधानमंत्री

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से बतियाए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटियों को भी बधाई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 24 January 2022 04:21:38 PM

pm interacts with the pradhan mantri rashtriya bal puraskar awardees, through video conferencing

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से ऑनलाइन बातचीत करते हुए कहा हैकि उनके अनुभव जानने का मौका मिला। प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहाकि कला-संस्कृति, वीरता, शिक्षा, इनोवेशन, समाजसेवा और खेल जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों केलिए उनको ये अवार्ड मिले हैं और ये अवार्ड बहुत बड़ी स्‍पर्धा केबाद उन्हें मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि अवार्ड पाने वालों की संख्‍या भले ही कम है, लेकिन होनहारों की संख्‍या हमारे देश में अपरम्‍पार है। उन्होंने कहाकि आज राष्ट्रीय बालिका दिवस भी है, मैं देश की बेटियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री ने बच्चों के माता-पिता और टीचर्स को भी बधाई दी। उन्होंने कहाकि देश जब अपनी आज़ादी के 75 साल मना रहा है, ऐसे में बच्चों को ये अवार्ड मिलना उनके लिए जीवनभर का गर्व है, वे कहेंगे कि आज़ादी के अमृत महोत्सव पर ये अवार्ड मिला था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अवार्ड केसाथ उनको बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी भी मिली है, अब दोस्तों, परिवार, समाज, हर किसी की उनसे अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं, जिनका उनको कोई दबाव नहीं लेना है, बल्कि इनसे प्रेरणा लेनी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे देश के युवाओं, छोटे-छोटे बच्चों, बेटे-बेटियों ने हर युग में इतिहास लिखा है, हमारी आज़ादी की लड़ाई में वीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस, रानी गाइडिनिल्यू आदि का ऐसा इतिहास है, जो हमें गर्व से भर देता है। उन्होंने कहाकि इन सेनानियों ने छोटी सी उम्र में ही देश की आज़ादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था, उसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं पिछले साल दीवाली पर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गया था, वहां मेरी मुलाकात श्रीमान बलदेव सिंह और श्रीमान बसंत सिंह नाम के ऐसे वीरों से हुई, जिन्होंने आज़ादी के तुरंत बाद कश्‍मीर की धरती पर जो युद्ध हुआ था, तब वे बहुत छोटी उम्र के थे और उन्‍होंने उस युद्ध में बाल सैनिक की भूमिका निभाई थी, हमारी सेना में पहलीबार बाल सैनिक के रूपमें उनकी पहचान की गई थी, उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए कम उम्र में अपनी सेना की मदद की थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसी तरह श्रीगुरू गोबिंद सिंहजी के बेटों का शौर्य और बलिदान हुआ, साहिबज़ादों ने असीम वीरता, धैर्य, साहस केसाथ पूर्ण समर्पण भाव से वह बलिदान दिया था, उनकी भी उम्र बहुत कम थी, भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म केलिए उनका बलिदान अतुलनीय और अविस्मरणीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों का आह्वान किया कि साहिबज़ादों के बलिदान की स्मृति में हमने 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' की भी शुरुआत की है और मैं चाहूंगा कि आपसब और देश के सभी युवा वीर साहिबज़ादों के बारेमें जरूर पढ़ें। नरेंद्र मोदी ने बच्चों से कहाकि दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा स्थापित की गई है, नेताजी से हमें कर्तव्य, राष्ट्रप्रथम की सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहाकि हमारी आजादी के 75 साल इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आज हमारे सामने अपने अतीत पर गर्व करने, उससे ऊर्जा लेने का समय है, ये लक्ष्य अगले 25 साल के लिए है, जब देश अपनी आज़ादी के सौ साल पूरे करेगा। उन्होंने कहाकि साहस और वीरता ही आज नए भारत की पहचान है, कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई हमने देखी ही है, हमारे वैज्ञानिकों, वैक्सीन निर्माताओं ने दुनिया में लीड लेते हुए देश को वैक्सीन्स दीं, हेल्थकेयर वर्कर्स ने बिना डरे, बिना रुके देशवासियों की सेवा की, नर्सेस गांव-गांव जाकर लोगों को वैक्सीन लगा रही हैं, ये एक देश के रूपमें साहस और हिम्मत की बड़ी मिसाल है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि सीमाओं पर डटे हमारे सैनिकों की वीरता, देश की रक्षा केलिए उनकी जांबाजी हमारी पहचान है, हमारे खिलाड़ी भी आज वो मुकाम हासिल कर रहे हैं, जो भारत केलिए कभी संभव नहीं माने जाते थे, इसी तरह जिन क्षेत्रों में बेटियों को पहले इजाजत भी नहीं होती थी, बेटियां उनमें कमाल कर रही हैं, यही तो वो नया भारत है, जो नया करने से पीछे नहीं रहता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हिम्मत और हौसला भारत की पहचान है। उन्होंने कहाकि भारत के बच्चों और युवा पीढ़ी ने हमेशा साबित किया हैकि वो 21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने केलिए कितने सामर्थ्य से भरे हुए हैं। उन्होंने कहाकि उन्हें याद हैकि चंद्रयान के समय देशभर के बच्चों का उत्साह, जोश वे कभी भूल नहीं सकते, बच्चों ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी अपनी आधुनिक और वैज्ञानिक सोच का परिचय दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देश के बच्चे जागरुक हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है, स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय बच्चों को जाता है, उन्होंने घर-घर में बाल सैनिक, स्‍वच्‍छाग्रही बनकर अपने परिवार एवं आस-पास को स्वच्छता अभियान केलिए प्रेरित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें गर्व होता हैकि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों में सीईओ भारतीय हैं, भारत के युवा स्टार्टअप दुनिया में अपना परचम फहरा रहे हैं, नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं और देश को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बच्चों से कहाकि मैं चाहूंगाकि गणतंत्र दिवस पर आप उन संकल्पों केबारे में सोचें, जो भारत की पहचान से जुड़े हों, जो भारत को आधुनिक और विकसित बनाने में मदद करें। उन्होंने बच्चों पर भरोसा जताया कि उनके सपने देश के संकल्पों से जुड़ेंगे और वे आनेवाले समय में देश केलिए अनगिनत कीर्तिमान स्थापित करेंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन रूपसे केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, डॉक्टर महेंद्रभाई, अधिकारी, अभिभावक एवं शिक्षक भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]