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देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन

आयुष मंत्रालय ने शुरू किया अभियान व एनएमपीबी करेगा अगुवाई

सहारनपुर और पुणे में किसानों को औषधीय पौधे देकर की गई शुरुआत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 September 2021 03:37:27 PM

medicinal plants

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में देशभर में जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देने केलिए एक राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है। इस कदम से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और हरित भारत का सपना भी पूरा होगा। जड़ी-बूटियों की खेती अभियान के तहत देशभर में अगले एक वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी। अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है। यह आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयुष मंत्रालय के आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम है।
पुणे में किसानों को औषधीय पौधे बांटे गए और जो लोग पहले से जड़ी-बूटियों की खेती कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया गया। अहमदनगर जिले के पारनेर से विधायक नीलेश लंके, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) के महानिदेशक डॉ आसिम अली ख़ान और एनएमपीबी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सांवल ने भिन्न-भिन्न स्थानों से कार्यक्रमों की अगुवाई की। डॉ चंद्रशेखर सांवल ने कहा कि इस प्रयास से देश में औषधीय पौधों की आपूर्ति में और तेजी आएगी। इस अवसर पर 75 किसानों को 7500 औषधीय पौधे वितरित किए गए, इसके अलावा 75 हजार पौधे वितरित करने का लक्ष्य भी तय किया गया। सहारनपुर में उत्तर प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धर्मसिंह सैनी, एनएमपीबी के अनुसंधान अधिकारी सुनील दत्त और आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
डॉ धर्मसिंह सैनी ने जड़ी-बूटियों की खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया, आसपास के कई जिलों से आए 150 किसानों को औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरित किए। पौधों की पांच प्रजातियां वितरित की गईं, जिनमें पारिजात, बेल, नीम, अश्वगंधा और जामुन के पौधे शामिल थे। किसानों को जामुन के 750 पौधे अलग से नि:शुल्क बांटे गए। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस मौके पर कहा कि औषधीय पौधों के सिलसिले में देश की अपार क्षमता है और 75,000 हेक्टेयर रकबे में जड़ी-बूटियों की खेती से देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, इस कदम से जड़ी-बूटियों की खेती किसानों की आय का बड़ा स्रोत बनेगी, दवाओं की उपलब्धता के मामले में देश भी आत्मनिर्भर होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ वर्ष में न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में औषधीय पौधों की मांग में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी देखने में आई है, यही कारण है कि अमेरिका में अश्वगंधा तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला औषधीय उत्पाद बन गया है।

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