स्वतंत्र आवाज़
word map

हल्के कोरोना संक्रमण में आयुष-64 कारगर

कोरोना महामारी से मुकाबला कर रही है आयुष-64 औषधि

आयुष मंत्रालय की ये हर्बल औषधि देशभर में जल्द मिलेगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 May 2021 05:05:28 PM

kabasura kudinir and ayush-64

नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर का मजबूती से मुकाबला करने के लिए आयुष मंत्रालय अपनी पॉली हर्बल औषधि आयुष-64 और काबासूरा कुडिनीर को, जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं और कोविड-19 से संक्रमित हैं, वितरित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरु कर रहा है। इन दवाओं की उपयोगिता और प्रभावशीलता बहुकेंद्रीय क्लीनिकल परीक्षणों के माध्यम से सिद्ध हो चुकी है। खेल राज्यमंत्री और आयुष मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) किरेन रिजिजू द्वारा शुरू किए जा रहे इस अभियान से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दवाएं पारदर्शी तरीके से ज़रूरतमंदों तक पहुंचे। अभियान में मुख्य सहयोगी के रूपमें सेवा भारती संस्था साथ जुड़ी है।
कोविड-19 संक्रमण के लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम संक्रमण के इलाज में कारगर इन औषधियों के देशव्यापी वितरण की एक व्यापक रणनीति बनाई गई है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाले विभिन्न संस्थानों के व्यापक नेटवर्क का इसके लिए उपयोग किया जाएगा। आयुष मंत्रालय का एक अंतःविषयक आयुष अनुसंधान और विकास कार्य बल विभिन्न स्तरों पर इस पहल की रणनीति तैयार करने और विकसित करने के लिए वरिष्ठ विशेषज्ञों के एक समूह के साथ पहले से ही काम कर रहा है। कोविड-19 के दुष्प्रभाव को घटाने और प्रबंधन में आयुष हस्तक्षेप की भूमिका का आकलन करने के लिए कई नैदानिक (क्लीनिकल), पर्यवेक्षणीय अध्ययन भी किए गए हैं। मंत्रालय ने 'राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल: आयुर्वेद और योग के एकीकरण’ के लिए एक अंतःविषयक समिति भी स्थापित की है जिसकी अध्यक्षता आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ वीएम कटोच तथा विशेषज्ञों के समूह ने की है।
कोविड-19 के खिलाफ जारी इस जंग में आयुष मंत्रालय की विभिन्न पहलों में आयुर्वेद और योग पर आधारित कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी शामिल है। इसका उद्देश्य आम जनता को इन प्रणालियों की ताकत का लाभ उठाने में मदद प्रदान करना है। कोविड-19 की इस दूसरी लहर के उभार के दौरान मंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन के दौरान आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार स्वयं की देखभाल के लिए निवारक उपाय साझा किए हैं। मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान एथिकल प्रैक्टिसेज पर आयुष चिकित्सकों के लिए सलाह-सहायिका भी जारी की है। ज्ञात हो कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। देश के प्रतिष्ठित शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष-64 हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के उपचार में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूपमें उपयोगी है।
उल्लेखनीय है कि आयुष-64 प्रारंभ में मलेरिया के लिए सन 1980 में विकसित की गई थी और अब इसे कोविड-19 के लिए विकसित किया गया है। आयुष मंत्रालय तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान मंत्रालय के सहयोग से इसे हाल ही में इसका कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के रोगियों में आयुष-64 की सुरक्षा और प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक बहु-केंद्र क्लीनिकल परीक्षण कार्य पूरा हुआ है। सिद्ध पद्धति के औषधीय काढ़े काबासुरा कुडिनीर को भी आयुष मंत्रालय के साथ कार्यरत केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद ने कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के उपचार में उपयोगी पाया है। आयुष-64 और काबासुरा कुडिनीर के उत्साहवर्धक परिणामों के आधार पर लक्षणविहीन हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण में मानक देखभाल के लिए सहायक के रूपमें आयुष मंत्रालय इन औषधियों के वितरण के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरु कर रहा है, ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को इन औषधियों का सही लाभ मिल सके और उन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने की नौबत ही न आने पाए।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]