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स्वयं देखभाल और आइसोलेशन में रहें!

कोरोना पर अश्वगंधा टैबलेट्स जैसे प्रभावी प्रमाण शामिल

आयुर्वेद-यूनानी चिकित्सकों के लिए दिशा-निर्देश संशोधित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 April 2021 01:45:23 PM

ministry of ayush

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण नए दिशा-निर्देशों की जरूरत पर प्रतिक्रिया देते हुए आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश कोरोना महामारी के दौरान खुद से देखभाल को लेकर होम आइसोलेशन वाले कोविड-19 मरीजों और आयुर्वेद एवं यूनानी निवारक उपायों के लिए हैं। यह मुख्य रूपसे कोविड-19 के खुद से देखभाल और घरेलू प्रबंधन पर केंद्रित है। देश में कोविड प्रभावित परिवारों के विशाल बहुमत को अस्पतालों से बाहर इस महामारी से निपटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। होम आइसोलेशन वाले कोविड-19 मरीजों और खुद से देखभाल के लिए निवारक उपायों को लेकर जारी ये दिशा-निर्देश शास्त्रीय आयुर्वेद एवं यूनावी ग्रंथों, अनुसंधान अध्ययन के परिणामों, रिपोर्टों एवं अंतर्विषयक समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। यह उभरती हुई स्थितियों में कोविड-19 से निपटने में हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा।
आयुष मंत्रालय के अंतर्विषयक आयुष अनुसंधान एवं विकास कार्यबल के तहत सशक्त समिति ने व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से ये दिशानिर्देश दिए हैं। मंत्रालय के कोविड-19 अध्ययन के लिए परियोजना निगरानी इकाई, केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस), केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (सीसीआरयूएम), अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने सलाह और दिशानिर्देशों को तैयार करने का काम किया है। मौजूदा दिशानिर्देश और खुद से देखभाल के उपाय संक्रमण की विभिन्न स्थितियों में कोविड-19 मरीजों के उपचार के बारे में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों को स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यह देशभर में महामारी के लिए आयुष आधारित प्रतिक्रियाओं में एकरूपता और निरंतरता लाता है।
कोविड-19 पर दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को योजना बनाने और इन समाधानों को कोविड-19 प्रबंधन गतिविधियों में शामिल करने में मदद करते हैं, जिन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। ये उपाय और दिशानिर्देश कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुष समाधानों की मुख्यधारा में भी योगदान करते हैं। इन समाधानों तक आसानी से पहुंच होने के चलते यह जनता के लिए काफी लाभकारी होगा और यह महामारी की वजह से उत्पन्न कठिनाइयों को कम करने में सहायता करेंगे। इनका उद्देश्य होम आइसोलेशन के दौरान कोविड-19 के रोग निरोधी, लक्षणहीन और हल्के मामलों के प्रबंधन को लेकर आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सकों के लिए मानक दिशा-निर्देश के साथ लोगों की प्रतिरक्षा बढ़ाने में उनकी मदद करने को लेकर प्रभावी घरेलू देखभाल समाधानों और अनुशंसित आयुष प्रथाओं के बारे में नागरिकों में जागरुकता को बढ़ाना है। आयुष मंत्रालय ने 29 जनवरी 2020 को कोविड-19 से खुद को बचाने और स्वस्थ रहने के तरीके के बारे में एक सलाह जारी की थी।
आयुष मंत्रालय ने इस संदर्भ में आयुषक्वाथ (आयुर्वेद) जैसे रेडीमेड फॉर्मूलेशन को बढ़ावा दिया है। यह चार औषधीय अवयवों का एक सरल मिश्रण है, जो भारत और विदेशों में अपने प्रतिरक्षात्मक विनियामक एवं एंटी वायरल गतिविधियों के साथ कई स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। मौसमी बदलावों को देखते हुए मरीजों के विधान में यह सलाह दी है कि वासा (मालाबार अखरोट), यष्टिमधु (मुलैठी जड़) और गुडूची (गिलोय) को आवश्यकता के अनुरूप क्वाथ में मिलाया जा सकता है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर ध्यान देने के लिए होम आइसोलेशन के दौरान कोविड-19 रोगियों के प्रबंधन को लेकर आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों तक इन दिशा-निर्देशों के बारे में तत्काल सूचना पहुंचाने की जरूरत है। होम आइसोलेशन के दौरान कोविड के लक्षणहीन एवं हल्के मामलों के प्रबंधन के लिए आयुर्वेद और यूनानी उपायों जैसे-आयुष-64, अश्वगंधा टैबलेट्स आदि जैसे प्रभावी प्रमाण शामिल किए गए हैं। ये दिशानिर्देश आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर अलग-अलग दस्तावेजों के रूपमें उपलब्ध कराए गए हैं।

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