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मधुमक्‍खीपालन का कायाकल्‍प हुआ

किसान और किसानी के क्षेत्र में नई उमंग-कृषि मंत्री

मधुक्रांति पोर्टल व हनी कॉर्नर जैसी परियोजनाएं शुरु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 8 April 2021 12:43:47 PM

inauguration of madhukranti portal and honey corner

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मधुमक्‍खीपालन का कायाकल्‍प हुआ है, शहद (मीठी) क्रांति देशभर में तेजी से अग्रसर हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे किसान और कृषि क्षेत्र में नई उमंग है, कृषि क्षेत्र की समृद्धि एवं किसानों की आय वृद्धि के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पूरी शिद्दत से काम कर रही है। कृषिमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की चिंता है, इसीलिए मोदी सरकार अनेक योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने ये बातें कृषि भवन नई दिल्ली में मधुक्रांति पोर्टल एवं हनी कॉर्नर सहित शहद परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहीं। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शहद का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात में वृद्धि की जा सकती है, रोज़गार बढ़ाए जा सकते हैं, वहीं गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी बेहतर काम किया जा सकता हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मधुमक्खीपालन, मत्स्यपालन व पशुपालन के माध्यम से हम भूमिहीन किसानों को गांवों में ही अच्छा जीवन जीने का साधन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहद उत्पादन के लिए एक तरह से प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, नाफेड ने शहद की मार्केटिंग की कमान संभाली है, इससे दूरदराज के मधुमक्खीपालकों को अच्छा मार्केट मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में उत्पादन क्षमता से अधिक संभव है कि क्वालिटी पर भी ध्यान दिया जाए। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मधुमक्‍खीपालन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए सरकार की विभिन्‍न पहलें मधुमक्‍खीपालन का कायाकल्‍प करने में मदद कर रही हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप प्रत्‍येक वर्ष लगभग 1.20 लाख टन शहद का उत्‍पादन देश के ग्रामीण इलाकों में विशेष रूपसे किया जा रहा है, इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात किया जाता है, शहद व संबंधित उत्पादों का निर्यात बढ़कर करीब दोगुना हो चुका है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मधुक्रांति पोर्टल से पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने पिछले कुछ समय में मापदंड बनाए हैं, जिससे स्थिति में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन में छोटे मधुमक्खीपालकों को शामिल करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है, साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया जाए। उल्लेखनीय है कि एफपीओ को विपणन सहायता के लिए नाफेड ने दिल्ली में करीब 15 हनी कॉर्नर विकसित किए हैं, जो आश्रम, नया मोती बाग व ईस्ट आफ कैलाश आदि जगह है, वहीं पंचकूला और मसूरी में भी नाफेड बाज़ार है। शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पादों हेतु विपणन सहायता को बढ़ावा देने के लिए आगामी प्रमुख 200 नाफेड स्टोर्स में से अधिकांश में हनी कॉर्नर विकसित किए जाएंगे। मधुक्रांति पोर्टल राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन के तहत राष्ट्रीय बी बोर्ड, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक पहल है।
मधुक्रांति पोर्टल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शहद व अन्‍य मधुमक्खी उत्पादों के ट्रेसेबिलिटी स्रोत को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हेतु विकसित किया गया है। मधुक्रांति पोर्टल के विकास केलिए तकनीकी और बैंकिंग सहयोगी इंडियन बैंक है, इस परियोजना के लिए एनबीबी व इंडियन बैंक के बीच कृषिमंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मधुक्रांति का जो नारा दिया है, वह सार्थक हो रहा है, आगे भी मधुमक्खी कालोनियों को गतिमान करना होगा, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है, क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं भी विकसित की जा रही हैं। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि ये परियोजनाएं किसानों की आय बढ़ाने में काफी सहायक सिद्ध होगी, मधुक्रांति पोर्टल से मधुमक्खीपालकों को तो सुविधा होगी ही, उपभोक्ताओं में भी भरोसा कायम होगा, इससे मिलावट की रोकथाम होगी।
मधुमक्खीपालन के समग्र संवर्धन और मीठी क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। एनबीएचएम में वर्ष 2019-20 व 2020-21 के लिए 86 करोड़ रुपये की 45 परियोजनाएं मंजूर की गई थीं, इनमें से अनेक परियोजनाएं एस्पिरेशनल जिलों एवं दूरस्थ क्षेत्रों के लिए हैं। एनडीडीबी ने 5 करोड़ रुपये की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट ऑफ़ द आर्ट हनी टेस्टिंग लेब स्थापित किया है। इसके अलावा 2 बड़ी हनी टेस्टिंग लैब इंडियन इंस्टीट्यूट आफ हार्टिकल्चर रिसर्च बैंगलुरू तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली में हैं, इन दोनों पर आठ-आठ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे, 13 अन्य जिलास्तरीय हनी टेस्टिंग लैब भी स्वीकृत की गई है, जिन पर दो-दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। कार्यक्रम में कृषि सचिव संजय अग्रवाल, कृषि आयुक्त डॉ एसके मल्होत्रा, उद्यानिकी आयुक्त डॉ बीएनएस मूर्ति, नाफेड के एमडी संजीव कुमार चड्ढा, एनबीबी के ईडी डॉ बीएल सारस्वत, इंडियन बैंक के महाप्रबंधक विकास कुमार व सहायक महाप्रबंधक अनुराग दीप, शहद मिशन से जुड़े अधिकारी तथा मधुमक्खीपालक वर्चुअल रूपसे जुड़े।

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