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छात्र देश की आकांक्षा से करियर जोड़ें-मोदी

प्रधानमंत्री ने रखी आईआईएम संबलपुर के कैम्‍पस की आधारशिला

आईआईएम छात्रों से आत्‍मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ने का आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 January 2021 11:20:28 PM

pm laid foundation stone of iim sambalpur campus

नई दिल्ली/ संबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईएम संबलपुर के स्थायी कैम्‍पस की आधारशिला रखी। कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप चंद्र सारंगी भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आईआईएम संबलपुर का स्थायी परिसर न केवल ओडिशा की संस्कृति और संसाधनों का प्रदर्शन करेगा, बल्कि ओडिशा को प्रबंधन के क्षेत्र में एक वैश्विक पहचान भी देगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में देश को इंडियन मल्‍टीनेशनल की प्रवृत्ति देखने को मिली जो पूर्व में भारत आने वाले आउटसाइड मल्‍टीनेशनल के विपरीत थी। उन्होंने कहा कि भारत श्रेणी-2 और श्रेणी-3 के शहर स्टार्टअप्स और इस परेशानी के दौर में बहुत-सी दुर्लभ चीजें देखी हैं, कृषि क्षेत्र में भी तेजी से सुधार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि वे देश की आकांक्षा के साथ अपने करियर को जोड़ें, इस नए दशक में ब्रांड इंडिया को वैश्विक मान्यता देना आपकी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थानीय को वैश्विक स्तरतक लाने में छात्रों की भूमिका पर काफी देर तक बोले। उन्होंने छात्रों से संबलपुर क्षेत्र में अपार स्थानीय संभावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए पर्यटन को बेहतर बनाने की योजनाओं पर काम करने, स्थानीय उत्पादों पर काम करने के लिए कहा, जिनमें काफी सम्‍भावनाएं हैं जैसे-स्थानीय हस्तशिल्‍प, वस्त्र और आदिवासी कला। उन्होंने छात्रों से क्षेत्र में बहुत अधिक मात्रा में खनिजों और अन्य संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर काम करने के लिए कहा, क्योंकि यह आत्‍मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि आईआईएम के छात्रों को स्थानीय को वैश्विक बनाने के लिए अभिनव समाधान खोजने की आवश्यकता होगी, क्योंकि वे आत्‍मनिर्भर भारत मिशन, स्थानीय उत्पादों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बीच एक सेतु के रूपमें काम कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने छात्रों से कहा कि उनको नवोन्मेष, पूर्णता और समावेश के मंत्र के साथ अपना प्रबंधन कौशल को दिखाना होगा। प्रधानमंत्री ने नई तकनीकों के परिप्रेक्ष्‍य में नई प्रबंधन चुनौतियों के बारे में बात की, जैसे-प्रिंटिंग क्षेत्र में जुड़ते नए आयाम, बदलती उत्पादन तकनीक, लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये तकनीकें डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ जुड़ी हुई हैं और कहीं भी बैठकर काम करने की अवधारणा ने दुनिया को एक वैश्विक गांव में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हाल के महीनों में तेजी से सुधार किए हैं और न केवल परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने की कोशिश की है, बल्कि पूर्वानुमान लगाने और बेहतर परिणाम देने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलती कार्यशैली प्रबंधन कौशल की मांगों को प्रभावित कर रही है और टॉप डाउन या टॉप हैवी प्रबंधन कौशल का स्‍थान सहयोगपूर्ण, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन ले रहा रहा है। उन्होंने कहा कि बोट और अल्गोरिथम के साथ-साथ तकनीकी प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि मानव प्रबंधन। नरेंद्र मोदी ने छात्रों से ठीक उसी तरह शोध करने के लिए कहा जिस तरीके से भारत में इतने बड़े पैमाने पर नवाचार और सहयोग के साथ कोविड संकट से निपटा गया। प्रधानमंत्री ने छात्रों से यह अध्ययन करने के लिए कहा कि इतने कम समय में सामर्थ्‍य और क्षमता का विस्तार कैसे हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश समस्या के समाधान में अल्पकालिक रास्‍ता अपनाने के रवैये से बाहर आ रहा है और किस तरह अब दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान केंद्रित है। उन्होंने बड़े पैमाने पर नवाचार, योजना और कार्यांवयन की जानकारी देते हुए जनधन खातों का उदाहरण दिया और बताया किस तरह 2014 में देश में एलपीजी कनेक्शन कवरेज केवल 55 प्रतिशत था जो आज सुधरकर 98 प्रतिशत हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबंधन का मतलब केवल बड़ी कंपनियों का संचालन ही नहीं है, बल्कि प्रबंधन का मतलब जीवन की देखभाल करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छे प्रबंधक बनने के लिए देश के सामने मौजूद चुनौतियों को समझना महत्वपूर्ण है, इसके लिए यह आवश्यक है कि उच्च शिक्षण संस्थानों का व्यापक दायरा हो और केवल उनकी विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित न किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पेशेवर शिक्षा से जुड़ी बाधाओं को हटाने के लिए वैविध्‍यपूर्ण, बहु-अनुशासनात्मक और पूर्णतावादी दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है जो समय के साथ उभरकर सामने आया है। शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान निश्चित रूपसे विश्वस्तर पर पहचाना जाएगा। 
शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल ने सभी संस्थानों में सीटों की संख्या में और पिछले छह साल में इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रबंधन संस्थानों की संख्या में वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों से टीम के निर्माण में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे आपसी संबंध मजबूत होंगे और संगठन की भावना बढ़ेगी। उन्होंने तकनीक, कौशल और नवाचार का लाभ लेते हुए हर स्तर पर मूल्य संवर्द्धन पर जोर देने का आग्रह किया। हर किसी से वैश्विक विकास और बदलावों के प्रति सचेत करते हुए उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद के कौशलों को बढ़ाने, अद्यतन और उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए ध्येय वाक्य ‘राष्ट्र प्रथम-चरित्र आवश्यक’ की ओर बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश तेजी से प्रगति के रास्ते पर बढ़ रहा है। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि इसको समानता, गुणवत्ता और पहुंच के मजबूत स्तंभों पर तैयार किया गया है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज का दिन सभी के लिए ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने छात्रों से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री के दिखाए रास्ते पर चलने का आग्रह किया। संबलपुर क्षेत्र के खनिज संपदा से समृद्ध होने और ढेर सारी आर्थिक गतिविधियों से घिरे होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईएम संबलपुर उद्यमिता के एक नए पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने का प्रयास करेगा और आत्मनिर्भर भारत का एक केंद्र बिंदु बनकर उभरेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह संस्थान नई शिक्षा नीति की भावना को लागू करने का प्रयास करेगा।

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