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भारत की वैश्विक शक्ति में निजी क्षेत्र-मोदी

सरकार नीति-नीयत से किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री का फिक्की के 93वें सम्मेलन में उद्घाटन भाषण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 14 December 2020 01:35:27 PM

pm narendra modi inaugural address at the ficci's 93rd annual general meeting

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की वैश्विक शक्ति में निजी क्षेत्र का बड़ा योगदान है। उन्होंने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से फिक्की की 93वीं वार्षिक बैठक और सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि वैश्विकस्तर पर भी मजबूत भारत स्थापित करने के लिए भारतीय निजी क्षेत्र की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रत्येक नागरिक की प्रतिबद्धता निजी क्षेत्र में देश की आस्था का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आश्वस्त व्यक्ति जीवन के साथ-साथ प्रशासन में दूसरों को स्थान देने में कभी नहीं हिचकिचाता है, इसी प्रकार बड़े जनादेश से समर्थित एक मजबूत सरकार विश्वास एवं समर्पण का परिचय देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक निर्णायक सरकार हमेशा दूसरों की बाधाओं को दूर करने और समाज एवं राष्ट्र के लिए योगदान करने का प्रयास करती है, ऐसी सरकार नियंत्रण और पहल को केवल अपने तक ही सीमित नहीं रखना चाहती है। नरेंद्र मोदी ने सरकार के सभी क्षेत्रों में मौजूद होने के दौर को याद किया और इस दृष्टिकोण की वजह से अर्थव्यवस्था में हुई बर्बादी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक दूरदर्शी और निर्णायक सरकार हितधारकों को अपनी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमारी सरकार छह वर्ष से सभी क्षेत्रों में हितधारकों को प्रोत्साहित कर रही है, यह विनिर्माण से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, कृषि से लेकर बुनियादी ढांचे, तकनीक से जुड़े उद्योगों से लेकर कर-निर्धारण और रियल एस्टेट से लेकर विनियामक सरलता तक के क्षेत्रों में चौतरफा सुधारों में परिलक्षित होता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हमारे उद्योगों को दीवारों की नहीं, बल्कि पुलों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को अलग करने वाली दीवारों को हटाने से सभी के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे, खासकर किसानों को नए विकल्प मिलेंगे, प्रौद्योगिकी, शीत भंडार गृह और कृषि क्षेत्र में निवेश से किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कृषि, सेवा, विनिर्माण और सामाजिक क्षेत्रों को एक दूसरे का पूरक बनाने के तरीके खोजने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फिक्की जैसे संगठन इस प्रयास में पुल और प्रेरणा दोनों बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय मूल्य एवं आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका का विस्तार करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास बाजार एवं जनशक्ति है और मिशन मोड में काम करने की क्षमता भी है।
नरेंद्र मोदी ने जेएएम यानी जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति के माध्यम से वित्तीय समावेशन की सफलता का हवाला दिया, जोकि सरकार के सुधार के योजनाबद्ध और एकीकृत दृष्टिकोण का सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े इस प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली की उस समय बहुत प्रशंसा हुई, जब देश महामारी के दौरान बटन के एक क्लिक के जरिए करोड़ों खातों में धन हस्तांतरित कर सका। प्रधानमंत्री ने किसानों और कृषि क्षेत्र की मदद के लिए किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार नीति और नीयत के जरिए किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, मंडियों के बाहर अपनी उपज बेचने, मंडियों के आधुनिकीकरण और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर उपज बेचने के विकल्प समेत किसानों को उपलब्ध नए विकल्पों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इन सबका लक्ष्य किसान को समृद्ध बनाना है, क्योंकि समृद्ध किसान का मतलब समृद्ध राष्ट्र है।
नरेंद्र मोदी ने बताया कि कृषि में निजी क्षेत्र का निवेश संतोषजनक नहीं है, आपूर्ति श्रृंखला, शीत भंडार गृह और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की रुचि और निवेश दोनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कृषि आधारित उद्योगों में बहुत बड़ी संभावनाएं हैं और इसके लिए एक अनुकूल नीतिगत व्यवस्था मौजूद है। ग्रामीण, अर्ध-ग्रामीण, श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हो रहे सकारात्मक बदलावों का पक्ष लेते हुए प्रधानमंत्री ने व्यवसाय और उद्योगजगत के वरिष्ठ प्रमुखों को ऐसे क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या शहरों से अधिक हो गई है और भारत के आधे से ज्यादा स्टार्टअप श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को ग्रामीण कनेक्टिविटी प्रयासों में भागीदार बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह निश्चित है कि 21वीं सदी में भारत का विकास गांवों और छोटे शहरों से संचालित होगा और उद्यमियों को गांवों और छोटे शहरों में निवेश करने का अवसर नहीं खोना चाहिए, उनका निवेश ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में हमारे भाइयों और बहनों के लिए नए दरवाजे खोलेगा। प्रधानमंत्री ने कोविड के सदमे से उबरने में उद्योगपतियों और उद्यमियों के योगदानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हालात उसी तेजी से सुधरे हैं, जैसे वे शुरु में बिगड़े थे। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में फिक्की की भूमिका और निकट भविष्य में उनकी आगामी शताब्दी वर्ष होने की याद दिलाते हुए उनसे राष्ट्र निर्माण में भूमिका का विस्तार करने के लिए कहा।

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