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भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत और गहरे-मोदी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वीडियो कॉंफ्रेंस से शिखर बैठक

दोनों नेताओं में रणनीतिक साझेदारियों को लेकर गर्मजोशी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 June 2020 07:11:24 PM

pm narendra modi with the prime minister of australia

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने संयुक्त रूपसे आज वीडियों कॉंफ्रेंस के माध्यम से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिखर बैठक को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण की शुरुआत भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करने से हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है और हमारी शिखर बैठक का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से कहा कि डिजिटल माध्यम से मिलकर हमें ख़ुशी तो है, लेकिन थोड़ी निराशा भी है, क्योंकि हमें भारत में आपका गर्मजोशी से स्वागत करने का अवसर नहीं मिल पाया। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को पहले जनवरी में और फिर पिछले महीने भारत यात्रा पर आना था, लेकिन दुर्भाग्यवश कोरोना वायरस के कारण उनकी यात्रा स्थगित करनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने एक मित्र के नाते उनसे आग्रह किया कि स्थिति सुधरने के बाद वे सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं और यह गहराई आती है हमारे साझा मूल्य, साझा हित, साझा भूगोल और साझा उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में हमारे सहयोग और तालमेल में अच्छी गति आई है, यह सौभाग्य की बात है कि हमारे संबंधों की बागडोर का एक छोर आप जैसे सशक्त लीडर के हाथ में है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह सही समय है, सही मौक़ा है। उन्होंने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं और ये संभावनाएं अपने साथ चुनौतियां भी लाती हैं। उन्होंने कहा कि चुनौतियों को अवसरों और वास्तविकता में परिवर्तित किया जाना चाहिए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों, व्यवसायों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, इत्यादि के बीच संपर्क और मज़बूत बनें। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक स्थिरता का कारक बनें, कैसे हम मिलकर वैश्विक अच्छाई के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समकालीन विश्व में देशों की एक दूसरे से अपेक्षाएं और हमारे नागरिकों की हमसे अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। लोकतंत्र के सिद्धांत को साझा करने के नाते हम दोनों देशों का कर्तव्य है कि इन अपेक्षाओं पर खरे उतरें, इसलिए वैश्विक कल्याण के मूल्य जैसे-लोकतंत्र, नियम, स्वतंत्रता, पारस्परिक सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सम्मान और पारदर्शिता आदि को बनाए रखना और रक्षा करना हमारी पवित्र जिम्मेदारी है, यह एक प्रकार से भविष्य के लिए हमारी धरोहर है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब अलग-अलग प्रकार से इन मूल्यों को चुनौती दी जा रही है, तब हम आपसी सम्बंधों को मजबूत करके इन्हें और भी सशक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बंधों को व्यापक तौरपर और तेज़गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा‌ कि हमारे विभिन्न संस्थागत संवाद हमारे संबंधों को और सार प्रदान कर रहे हैं, दोनों देशों के बीच निरंतर उच्चस्तरीय आदान-प्रदान भी हो रहे हैं, व्यापार और निवेश भी बढ़ रहा है, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं इस गति से इस विस्तार से संतुष्ट हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब आप जैसा लीडर हमारे मित्र देश का नेतृत्व कर रहा हो तो हमारे संबंधों में विकास की गति का मापदंड भी महत्वाकांक्षी होना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आज हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूपमें उन्नयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी, विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और सहयोगी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय लिया है, भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधारों की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय और ख़ासतौर पर भारतीय छात्रों का जिस तरह ध्यान रखा गया है, उसके लिए मैं विशेष रूपसे उनका आभारी हूं।

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