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दिल्‍ली में अवैध कॉलोनियों को मालिकाना हक

देश में जल्‍द ही लागू होगा मॉडल किरायेदारी अधिनियम

केंद्र सरकार के मास्‍टर प्‍लान के अनुसार पुनर्विकास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 July 2019 04:53:10 PM

illegal colonies in delhi

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दिल्‍ली में अनाधिकृत कॉलोनीवासियों को मालिकाना हक प्रदान करेगी। दिल्ली में वैसे तो मास्‍टर प्‍लान के तहत पुनर्विकास की इजाजत दी जाती है, लेकिन इन अनाधिकृत कॉलोनीवासियों के पास मालिकाना हक न होने के चलते यह संभव नहीं हो पाया है। यह समस्‍या सुलझाने के लिए दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल की अध्‍यक्षता में एक समिति 8 मार्च 2019 को गठित की गई थी, जिसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल गई थी। दिल्‍ली में अनाधिकृत कॉलोनीवासियों को मालिकाना या हस्‍तांतरण हक देने की एक समुचित प्रक्रिया की सिफारिश करने का समिति को जिम्‍मा सौंपा गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार एक कैबिनेट नोट सभी संबंधित हितधारकों के बीच प्रसारित कर दिया गया था, ताकि वे 11 जुलाई 2019 तक अपनी टिप्‍पणि‍यां प्रस्‍तुत कर सकें। मसौदा कैबिनेट नोट में इस प्रस्ताव का उल्‍लेख है।
प्रस्‍ताव के तहत अनाधिकृत कॉलोनीवासियों को मालिकाना या मॉर्गेज या हस्‍तांतरण हक प्रदान किए जाएंगे, जिससे जल्‍द ही बड़े पैमाने पर अनाधिकृत कॉलोनियों का विकास और पुनर्विकास करने का मार्ग प्रशस्‍त होगा। मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा-जनगणना 2011 के अनुसार शहरी क्षेत्रों में लगभग 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं। मकान मालिकों और किरायेदारों के हितों में संतुलन स्‍थापित करने और इनकी रक्षा करने तथा अनुशासित एवं सुव्‍यवस्थित तरीके से परिसरों को किराए पर उठाने के लिए एक उत्तरदायित्‍वपूर्ण एवं पारदर्शी माहौल बनाने हेतु एक मॉडल किरायेदारी अधिनियम के मसौदे को राज्‍यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के बीच प्रसारित कर इनसे 26 जुलाई 2019 तक अपनी टिप्‍पणियां प्रस्‍तुत करने को कहा गया है। आम जनता सहित सभी हितधारकों से भी इस मसौदे पर 1 अगस्‍त 2019 तक अपनी राय प्रस्‍तुत करने को कहा गया है। जनता से अबतक 56 टिप्‍पणियां और सुझाव प्राप्‍त हुए हैं। ज्‍यादातर टिप्‍पणियों में नए मॉडल किरायेदारी अधिनियम का स्‍वागत किया गया है और इसके साथ ही सरकार की पहल की सराहना की गई है।
आम जनता के विभिन्‍न सुझावों में सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए राशि, परिसर या मकान को खाली करने के लिए निर्दिष्‍ट नोटिस अवधि, वरिष्‍ठ नागरिकों एवं एनआरआई मकान मालिकों के लिए विशेष प्रावधान, किरायेदारों एवं मकान मालिकों द्वारा दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने के लिए डिजिटल प्‍लेटफॉर्म बनाना, पगड़ी प्रणाली से संबंधित मुद्दे इत्‍यादि शामिल हैं। हितधारकों से टिप्‍पणियां प्राप्‍त होने और उनका विश्‍लेषण करने के बाद इस दिशा में आगे कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने पर मॉडल किरायेदारी अधिनियम के अंतिम मसौदे को जल्‍द ही राज्‍यों के बीच प्रसारित किया जाएगा। इसके अलावा राज्‍यों को नया किरायेदारी कानून बनाने अथवा मौजूदा कानूनों में संशोधन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि ये मॉडल अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप हो सके, जैसाकि राज्‍यों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए हस्‍ताक्षरित सहमति पत्र के तहत सहमति जताई है।

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