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Tuesday 9 July 2019 02:41:15 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ इंदर जीत सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के आकांक्षी जिलों के प्रमुख नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और इन जिलों में विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जिन आकांक्षी जिलों के नोडल अधिकारियों ने प्रस्तुतियां दीं, उनमें बारपेटा, बक्सा, दरंग, डबरी, गोलपारा, हैलकंडी और उदलगुड़ी असम, नामसाई अरुणाचल प्रदेश, चंदेल मणिपुर, रिभोई मेघालय, ममित मिजोरम, किफ़ायर नागालैंड, पश्चिम सिक्किम और धलाई त्रिपुरा जिले शामिल थे।
नोडल अधिकारियों की प्रस्तुतियां आकांक्षी जिलों में क्रियांवित कार्यक्रमस्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन,वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे जैसे पांच मुख्य विषयों पर आधारित थीं। नोडल अधिकारियों की प्रस्तुतियों और नीति आयोग के आंकड़ों के संदर्भ में सभी आकांक्षी जिलों से जुड़े समान मुद्दों, उनकी चुनौतियों और खास ध्यान दिए जाने वाले क्षेत्रों की पहचान करने का फैसला लिया गया। डोनियर सचिव ने कहा कि मंत्रालय आकांक्षी जिलों के नोडल अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे इन जिलों की प्रगति की अलग-अलग मापदंडों पर नियमित रूपसे निगरानी करें, ताकि ये जिले अपना प्रदर्शन सुधार सकें।
पूर्वोत्तर विकास सचिव ने उन्हें आकांक्षी जिलों के विकास के अपने प्रयासों को तेज करने के लिए संबद्ध मंत्रालयों, राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश भी दिया। समीक्षा बैठक में पूर्वोत्तर परिषद के सचिव राम मुईवा, नीति आयोग के मूल्यांकन विभाग के डीडीजी राकेश रंजन, रक्षा उत्पादन विभाग के संयुक्त सचिव एवं आकांक्षी जिले उदलगुड़ी के प्रभारी अधिकारी विजेंद्र, कृषि तथा किसान कल्याण विभाग सलाहकार डॉ वंदना द्विवेदी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय के विकास आयुक्त कार्यालय के निदेशक शिरीष अस्थाना और एनईसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।