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छत्तीसगढ़ में विश्‍व बैंक की वित्तपोषित योजना

व्‍यय प्रबंधन में सुधार के लिए 25.2 मिलियन डॉलर का ऋण

भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और विश्‍व बैंक में करार

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Wednesday 6 March 2019 12:53:46 PM

world bank

नई दिल्ली। भारत सरकार, छत्तीसगढ़ राज्‍य सरकार और विश्‍व बैंक ने छत्तीसगढ़ राज्‍य के व्‍यय प्रबंधन में सुधार लाने में सहायता प्रदान करने के लिए 25.2 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं। इस सहायता के तहत व्‍यय की योजना, निवेश प्रबंधन, बजट कार्यांवयन, सार्वजनिक खरीद एवं जवाबदेही को कवर किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन एवं जवाबदेही कार्यक्रम, जो लगभग एक दशक से छत्तीसगढ़ में विश्‍व बैंक की वित्तपोषित प्रथम राज्‍यस्‍तरीय परियोजना है, इससे राज्‍य को प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण और कर प्रशासन प्रणालियों को मजबूती प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। नई परियोजना राज्‍य के मानव संसाधनों और सार्वजनिक वित्त के प्रबंधन की व्‍यवस्‍था करने वाली संस्‍थाओं का क्षमता निर्माण करेगी। विश्‍व बैंक के विश्‍वस्‍तरीय अनुभवों के साथ-साथ अन्‍य भारतीय राज्‍यों में उसके किए गए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुधारों से मिली सीख से छत्तीसगढ़ को भी लाभ पहुंचेगा।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्यविभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे ने इस अवसर पर कहा है कि भारत सरकार ऐसे सुधारों का समर्थन करती है, जो सार्वजनिक व्‍यय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पीएफएम राज्‍य की चिन्हित प्राथमिकताओं और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के संबंध में जारी सुधारों से हो रही प्रगति को प्रतिबिंबित करते हैं। ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से समीर कुमार खरे, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सचिव वित्त कमलप्रीत ढिल्लो और विश्व बैंक की ओर से भारत में कार्यकारी कंट्री डायरेक्टर हिशम अब्दो ने हस्ताक्षर किए। हिशम अब्दो ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने विकास की क्षमता को प्राप्‍त करने की दिशा में प्रमुख कदम के तौरपर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार लाने की पहचान करते हुए बिल्‍कुल सही कदम उठाया है, इससे राज्‍य गरीबों और असहाय लोगों के लाभ के लिए व्‍यापक दक्षता के साथ और अधिक धनराशि का निवेश कर सकेगा। उन्‍होंने कहा कि आईटी समाधानों पर ध्‍यान केंद्रित करने वाली इस नई परियोजना से छत्तीसगढ़ राज्‍य की लगभग 11000 ग्राम पंचायतें और 168 शहरी नगर पालिकाएं लाभां‌वित होंगी।
विश्‍व बैंक के भारत में कार्यकारी कंट्री डायरेक्‍टर हिशम अब्दो ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्‍य के 92 प्रतिशत परिवार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्‍य पिछड़ा वर्गों से संबंधित हैं, ऐसे में केंद्र और राज्‍य सरकार परिवारों और व्‍यक्तियों तक संसाधन पहुंचाने के लिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण का तेजी से इस्‍तेमाल कर सकती हैं। विश्‍व बैंक के वरिष्‍ठ वित्तीय प्रबंधन विशेषज्ञ मनविंदर मामक और पापिया भट्टाचार्य तथा कार्यक्रम के लिए प्रमुख अर्थशास्‍त्री एवं टास्‍क टीम लीडर्स जॉन ब्‍लोमक्‍विस्‍ट ने कहा कि करों का अधिक हिस्‍सा राज्‍यों को मिलने के साथ सार्वजनिक व्यय का 60 प्रतिशत अब राज्य स्तरपर होता है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व बैंक के अंतर्राष्‍ट्रीय अनुभव और भारत के अन्‍य राज्‍यों से मिली सीख से छत्तीसगढ़ को उचित समाधान तलाशने में मदद मिलेगी। विश्‍व बैंक से मिले 25.2 मिलियन डॉलर ऋण के लिए पांच साल की अनुग्रह अवधि है और अंतिम मियाद 10.5 साल है।

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