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गुरुनानक देवजी मानवसेवा के आदर्श-नायडु

पाक भी करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के विकास को तैयार

उपराष्ट्रपति ने रखी करतारपुर कारीडोर की आधारशिला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 November 2018 03:47:09 PM

m. venkaiah naidu laying foundation stone for kartarpur corridor, in gurdaspur

गुरदासपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने भारत और पाकिस्तान संबंधों में एक नए अध्याय की शुरूआत करते हुए सोमवार को गुरुनानक देव की 550वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में डेराबाबा नानक के मान गांव में करतारपुर कारीडोर की आधारशिला रखी। उपराष्ट्रपति ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि इससे पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब के तीर्थस्थल तक पहुंचने के लिए सिख तीर्थयात्रियों को एक सुगम रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की मांग को स्वीकार किया है और वह अपनी तरफ भी सुविधायुक्त करतारपुर साहिब गलियारा विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि यह एक पवित्र स्थल है, जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। उन्होंने कहा कि यह कारीडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान में करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के संपर्कों से दोनों देशों के मध्य तनाव कम करने में भी सहायता मिलेगी।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने बताया कि यह हमारी पुरानी मांग रही है कि सिख बहनों और भाइयों की करतारपुर तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनाया जाए। उन्होंने बताया कि इस मांग पर दो दशक पहले विमर्श हुआ था और आज यह स्वप्न पूर्ण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिन सचमुच हमारी भावी नियति का निर्धारण करेगा और बदलाव की नई राह दिखाएगा। उपराष्ट्रपति ने गुरुनानक देवजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे संत, विद्वान, कवि, पथ-प्रदर्शक तथा क्रांतिकारी विचारक थे, उन्होंने पांच शताब्दियों से अधिक समय से मानवता के उत्कर्ष को प्रकाशित किया। उपराष्ट्रपति ने करतारपुर कारीडोर को दोनों देशों के नागरिकों और उनकी साझा संस्कृति के बीच एक महत्वपूर्ण पुल मानते हुए आशा व्यक्त की कि यह कारीडोर दोनों देशों के नागरिकों और उनकी साझी विरासत के बीच नई संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा और नागरिकों को प्रेम, भाईचारे और साझी आध्यात्मिक विरासत के अदृश्य धागे से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर कारीडोर शांति, सौहार्द और मानवता की पवित्र पीठ का मार्ग है, यह उस सार्वभौमिक दर्शन का मार्ग है, जो अखिल विश्व को एक परिवार मानता है, यह मानवसेवा के उदार आदर्श का मार्ग है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपरा में सदियों से वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को अपने विश्वदर्शन में अंगीकार किया गया है और यह अवसर इस विश्वास को और दृढ़ करता है। उन्होंने गुरुनानक देवजी की 550वीं जन्म जयंती पर भारत सरकार की पहलों की सराहना करते हुए कहा कि गुरुनानक देवजी का दर्शन कालातीत है, वह आज कहीं अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि इस कारीडोर का निर्माण टीम इंडिया के रूपमें केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों से हो रहा है। आतकंवादी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा आतंकवाद वैश्विक समस्या है और इसके विरूद्ध विश्व समुदाय के साझा प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें सम्मिलित रूपसे एक न्यायपूर्ण और उत्तरदायी विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करना चाहिए, जिससे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के विरूद्ध संयुक्तराष्ट्र की व्यापक संधि पर शीघ्र अंतिम निर्णय हो सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम आतंकवाद के इस अंधकार को और अधिक मानवता के विकास का मार्ग अवरूद्ध करने नहीं दे सकते।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में आतंकवादियों की मासूम लोगों की अकारण हत्या करने की कड़े शब्दों में भर्त्सना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव जैसी कुरीतियों से जूझ रहा है, जिनके विरुद्ध युद्ध स्तरपर निपटने की आवश्यकता है, इस क्षेत्र के लोग शांति और विकास की आकांक्षा रखते हैं और इस दिशा में साझे प्रयास किए जाने चाहिएं। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री विजय सांपला और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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