भारत-यूएई साझेदारी से 20 अरब डॉलर का लाभ
यूएई भारत का तीसरा बड़ा व्यापारिक साझेदारस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 28 July 2018 03:23:58 PM
 नई दिल्ली। भारत और संयुक्तअरब अमीरात के बीच आर्टिफीशियल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग का इन्वेस्ट इंडिया और संयुक्तअरब अमीरात के आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस मंत्री के बीच दिल्ली में एक समझौता हुआ। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए अगले एक दशक में करीब 20 अरब डॉलर के आर्थिक लाभ का माध्यम बनेगी, इससे ब्लॉकचैन और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं एनालिटिक्स के क्षेत्र में तेज विकास होगा। समझौते के अनुसार डेटा का संकलन और उसकी प्रोसेसिंग में तेजी आएगी, जो कारोबार के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में उपयोगी साबित होगा। यह सेवाओं की उपलब्धता प्रणाली को और भी ज्यादा सक्षम और प्रभावी बनाएगी।
भारत और यूएई की इस साझेदारी में भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2035 तक आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिए 957 अरब डॉलर जोड़े जा सकेंगे। समझौता ज्ञापन पर वाणिज्य और उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और भारत में संयुक्तअरब अमीरात दूतावास में पूर्णाधिकार प्राप्त मंत्री और वाणिज्य अताशे अहमद सुल्तान अल फलाही की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। यह पहल भारत में आयोजित गोवहैक सीरिज आफॅ वर्ल्ड गर्वमेंट सीरिज के तहत की गई। सुरेश प्रभु ने प्रौद्योगिकी के जरिए प्रशासन को सक्षम बनाने के लिए की गई सरकार की पहल की सराहना की और साथ ही आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में यूएई के साथ सहयोग की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। 
यूएई-भारत सहयोग के जरिए यूएआई इंडिया वर्किंग ग्रुप संयुक्तअरब अमीरात मंत्रालय के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इन्वेस्टमेंट इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के बीच नवाचार और प्रौद्योगिकी की गतिशील प्रकृति का मूल्यांकन करेगा। निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी के जरिए एआई स्टार्टअप और अनुसंधान गतिविधियों में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य की बैठक वर्ष में एकबार होगी। भारत और यूएई के बीच संबंध व्यापार की सीमाओं से बहुत आगे हैं, यूएई में रहने वाले विदेशियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय मूल के लोगों की है साथ ही यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है।
यूएई की ओर से भारत में 5.3 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया गया है। आधारभूत संरचना भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार के पांच प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। यूएई ने भारत में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में 75 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। भारत सरकार ने डिज़िटल विकास के लिए कई पहल की हैं, ताकि इसके जरिए कृषि आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा और आपदा प्रबंधन सेवाओं के क्षेत्र में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल किया जा सके।