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बच्चों की सुरक्षा हेतु रहें होशियार-मेनका गांधी

महिलाओं एवं बच्चों पर होने वाली हिंसा रोकने का आग्रह

अपराधों के संबंध में कानूनी प्रक्रिया पर पुस्तिका लांच

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 June 2018 02:59:36 PM

launching the book handbook on legal processes for police in respect of crime against children

नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के संबंध में पुलिस के लिए कानूनी प्रक्रियाओं पर पुस्तिका लांच की और सभी हितधारकों से बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को रोकने एवं उनसे निपटने में एकता बनाने का आग्रह करते हुए अभिभावकों, शिक्षण संस्थानों, सामाजिक और सार्वजनिक संस्‍थाओं एवं जिम्मेदार नागरिकों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति होशियार रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं और बच्चों पर होने वाली हिंसा से मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय प्रत्येक थाने में प्राथमिक रूपसे स्थानीय भाषाओं में यह पुस्तिका सुनिश्चित करने के लिए चिन्हित हितधारकों के साथ घनिष्टता से कार्य करेगा।
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सरकार ने सर्वाधिक संभव तरीके से इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ होने वाले अपराधों से पेशेवर दृष्टि से और होशियारी से निपटने में महत्वपूर्ण आवश्यकता पुलिस एजेंसियों तथा अन्य संगठनों को सशक्त और कौशल संपन्न बनाने की है। मेनका गांधी ने चाइल्ड लाइन और रेलवे चाइल्ड लाइन में दी जाने वाली सेवाओं के बारे में गहन विचार-विमर्श किया और कहा कि इन सेवाओं से खोये हुए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में बहुत सफलता मिली है। कार्यक्रम में बच्चों को अच्छी और बुरी बातों के बारे में संवेदी बनाने के लिए एक लघु वित्त चित्र ‘कोमल’ भी जारी किया गया है।
मेनका गांधी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन करके 16 वर्ष की आयु के किशोर को घृणित अपराधों की सुनवाई के लिए वयस्क माना गया है। उन्होंने भारत में फॉरेन्सिक प्रयोगशालाओं के महत्व पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष औसत 2000 बलात्कार मामलों की जांच के लिए पांच नई फॉरेन्सिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने प्रत्येक थाने में बलात्कार जांच उपकरण की आवश्यकता बताई, ताकि प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा सके। मेनका गांधी ने बताया कि इस विषय को मानव संस्थान विकास मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है, ताकि बच्चों में जागरुकता बढ़ाने के लिए सभी पाठ्यपुस्तिका के पहले और अंतिम पन्ने पर पॉक्सो संबंधी कानूनों को प्रिंट किया जा सके। उन्होंने स्कूली बच्चों के लिए ई-बॉक्स शिकायत प्रणाली की चर्चा की।
महिला और बाल विकास मंत्री ने यह आशा व्यक्त की कि यह पुस्तिका बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के बारे में कानूनों, नियमों, व्यवस्थाओं और संबंधित प्रावधानों में एंड यूजर के कौशल को बढ़ाने में एक मजबूत औजार साबित होगी। मेनका गांधी ने कहा कि पुस्तिका मिश्रित उपकरण है, जो बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के मामले में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया कदम-दर-कदम तय करने में पुलिसकर्मियों को मदद देगी। पुस्तिका में विधेयकों और अदालतों की नवीनतम व्यवस्थाओं की भी चर्चा की गई है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के डॉ पीएम नायर ने यह विस्तृत उपयोगकर्ता अनुकूल प्रक्रिया वाले दस्तावेज़ को विकसित किया है, जिसे टीआईएसएस के साथ पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने प्रकाशित किया है। बीपीआरएंडडी के महानिदेशक डॉ एपी महेश्वरी भी इस मौके पर उपस्थित थे।

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