स्वतंत्र आवाज़
word map

नाल्‍को के पास नया बिज़नेस मॉडल-डॉ तपन

नाल्को का अमेरिकी कंपनी अलमेक्स के साथ समझौता हुआ

'रोज़गार सृजन और सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को भी बढ़ावा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 30 May 2018 01:57:03 PM

nalco chairman and director dr tapan chand

भुवनेश्वर। बॉक्‍साइट खनन और एल्‍युमीनियम निर्माण में कम लागत की उत्‍पादक कंपनी होने का वैश्विक मानक हासिल करने वाली राष्‍ट्रीय एल्‍यु‍मीनियम कंपनी लिमिटेड यानी नाल्‍को ने भौतिक और वित्तीय क्षेत्र में अच्‍छा प्रदर्शन कर अपनी क्षमता साबित की है। बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स के समक्ष प्रस्‍तुत वर्ष 2017-18 के वित्तीय नतीजों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान नाल्‍को ने 100 फीसदी से अधिक यानी पिछले वर्ष 669 करोड़ रुपये की तुलना में 1,342.19 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने चौथी तिमाही में 257.06 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। नाल्‍को देशभर में तीसरी सबसे अधिक शुद्ध विदेशी मुद्रा कमाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बन गई है। नाल्‍को का इस साल कुल बिक्री कारोबार पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए 9377 करोड़ रुपये यानी शुरू से अब तक का सबसे अधिक रहा है। पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए कंपनी की निर्यात कमाई 4076 करोड़ रुपये रही, जो अबतक की सबसे अधिक है।
नाल्‍को के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ तपन कुमार चंद ने नाल्‍को को उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा है कि वर्ष 2017-18 नाल्‍को के लिए सभी मोर्चे पर प्रतिफल देने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि हम महज मुनाफा कमाने से आगे की सोच रहे हैं, कंपनी के सभी मानकों, रिकॉर्ड उत्‍पादन, उच्‍च बिक्री और कारोबार में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति पर नज़र रखते हुए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य पर भी हमारी नज़र बनी रहे। डॉ तपन कुमार चंद ने कहा कि कंपनी एक नया बिज़नेस मॉडल ला रही है, जिससे अतिरिक्त 935 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ होगा। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा हासिल करने के लिए नाल्को जैसे मूल संयंत्र को आगे बढ़ाने और उसे रोज़गार सृजन का जरिया बनाने की बात कही। उन्होंने अंगुल एल्युमीनियम पार्क को आजीविका परितंत्र के गठन की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उच्चगुणवत्ता के उत्पादों के लिए नाल्को अमेरिकी कंपनी अलमेक्स के साथ समझौता करने जा रही है। उन्होंने कहा कि नाल्को एल्युमीनियम इंगोट उपलब्ध कराने के लिए नकदी रहित मॉडल और तैयार उत्‍पाद लेकर उनकी बिक्री की जिम्मेदारी के जरिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को आगे बढ़ाने का भी काम करेगी।
डॉ तपन कुमार चंद ने कहा कि नाल्‍को के इस कदम से सूक्ष्‍म एवं लघु उद्योगों को बल मिलेगा और इससे रोज़गार सृजन होगा एवं ओडिशा राज्य में एक कारोबारी माहौल तैयार होगा। उन्होंने कंपनी की नई विकास परियोजनाओं के बारे में भी बताया। वुड मैकेंजी की रिपोर्ट के अनुसार नाल्‍को को लगातार दो वर्ष 2016 एवं 2017 के लिए दुनिया में एल्‍यु‍मीनियम की सबसे कम लागत वाली उत्‍पादक कंपनी का दर्जा दिया गया है। नाल्‍को की पंचपतमाली बॉक्साइट खानों को वर्ष 2017 के लिए दुनिया के दूसरे सबसे कम लागत वाले उत्पादक का दर्जा मिला है, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2018-19 में सबसे कम लागत वाला उत्‍पादक बनना है। बॉक्‍साइट खानों ने लगातार दूसरे वर्ष 68.25 लाख मीट्रिक टन के परिवहन के साथ 100 फीसदी क्षमता प्रयोग का दर्जा हासिल किया है। नई खान पंचपतमाली खान के दक्षिण ब्‍लॉक से बॉक्‍साइट परिवहन वित्तीय वर्ष 2017-18 के चौथी तिमाही में शुरू हुआ। दक्षिण ब्‍लॉक से 2 लाख मीट्रिक टन और दोनों खानों से संयुक्‍त रूपसे 70.25 लाख मीट्रिक टन बॉक्‍साइट का परिवहन हुआ, जो शुरूआत से अबतक का सबसे अधिक है।
नाल्‍को ने करीब 6 लाख मीट्रिक टन एल्युमीनियम हाइड्रेट के उत्पादन के साथ लगातार एल्युमीनियम रिफाइनरी ने 100 प्रतिशत मानक क्षमता यानी 21 लाख मीट्रिक टन की उपाधि प्राप्त की है। पांच 5 वर्ष में एल्युमीनियम स्मेल्टर का उत्पादन लगातार बढ़ा है और कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 4.26 लाख मीट्रिक टन का उच्चतम कास्ट धातु उत्पादन हासिल किया है। सीपीपी ने पिछले वर्ष की तुलना में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 6,547 एमयू की 'नेट पावर जनरेशन' हासिल की। देश के विभिन्न भागों में 4 पवन ऊर्जा इकाइयों ने पिछले वर्ष 206 एमयू की तुलना में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 252 एमयू उत्‍पादन किया। नाल्को ने वित्तवर्ष 2017-18 में पिछले वर्ष 669 करोड़ रुपये की तुलना में पिछले 10 वर्ष में सबसे ज्यादा 1342 करोड़ रुपये का उच्चतम शुद्ध लाभ अर्जित किया है। यह देश में तीसरी सबसे ज्यादा शुद्ध विदेशी मुद्रा कमाई वाली सार्वजनिक कंपनी बन गई है। पिछले वर्ष की तुलना में 26% की वृद्धि दर्ज करते हुए कंपनी की कुल बि‍क्री कारोबार 9,377 करोड़ रुपये का हुआ है। कंपनी को पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 4,076 करोड़ रुपये की निर्यात कमाई हुई, जो अबतक की सबसे अधिक है। कंपनी शिक्षा के क्षेत्र, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान, खुले में शौच से मुक्‍त अभियान और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों में भी उल्लेखनीय योगदान दे रही है।
राष्‍ट्रीय एल्‍यु‍मीनियम कंपनी लिमिटेड कंपनी को वर्ष 2017-18 के लिए 94 प्रतिशत के अंतरिम लाभांश के रूपमें 908 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जिसमें से 547 करोड़ रुपये भारत सरकार को भुगतान किया गया। यह कंपनी द्वारा घोषित उच्चतम लाभांश है। नाल्को की विकास परियोजनाओं में दमनजोडी में मौजूदा एल्युमीनियम रिफाइनरी में 1 एमटीपीए क्षमता वाली 5वीं स्ट्रीम एल्युमीनियम रिफाइनरी ब्राउनफील्ड परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत 5,540 करोड़ रुपये है, की अप्रैल 2021 तक पूरी होने की उम्‍मीद है। ओडिशा के कोरापुट में पोट्टंगी बॉक्साइट खानों का विकास, जिसकी लागत 5वीं स्‍ट्रीम रिफाइनरी में शामिल है, इसके अप्रैल 2022 तक पूरी होने की उम्‍मीद है। ओडिशा के अंगुल में उत्‍कल डी एंड ई कोयला खान का विकास, जिसकी अनुमानित लागत 534 करोड़ रुपये है। उत्कल-डी के वित्तवर्ष 2019-20 और उत्कल-ई के वित्त वर्ष 2022-23 में पूरी होने की उम्‍मीद है। गुजरात के दहेज में गुजरात अल्कलीज एंड केमिकल्स लिमिटेड के साथ संयुक्‍त उपक्रम में 2.7 लाख टीपीए कास्टिक सोडा प्लांट परियोजना की अनुमानित लागत 1,999 करोड़ रुपये है, जो 2020 तक पूरी होगी। डाउनस्ट्रीम और सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना की वित्तवर्ष 2019-20 में ओडिशा के अंगुल में आईडीसीओ के साथ जेवी में अंगुल एल्यूमिनियम पार्क की शुरुआत होगी।
नाल्‍को कंपनी की विकास परियोजनाओं के तहत तमिलनाडु में 25 मेगावॉट क्षमता के दो पवन ऊर्जा संयंत्र की स्‍थापना, जिसकी अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपये है, संयंत्र 1 के वित्त वर्ष 2018-19 और संयंत्र 2 के वित्तवर्ष 2019-20 तक पूरा होने का अनुमान। मौजूदा सटलर वाशर को एचआरडी-डीसीडब्‍ल्‍यू से बदलना परियोजना की अनुमानित लगात 355 करोड़ है, जो वित्तवर्ष 2020-21 तक पूरी होगी। कंपनी के कारपोरेट प्‍लान के तहत बाज़ार की चुनौतियों का सामना करने और कंपनी को टिकाऊ पथ पर अग्रसर बनाने के लिए जनवरी 2018 में एक नई दृष्टि के साथ एक नई कारपोरेट योजना तैयार की गई थी, जिसमें 15 वर्ष के लिए कंपनी का दृष्टिकोण स्‍पष्‍ट है कि यह रणनीति वर्ष 2024 और 2032 तक कंपनी के राजस्व में क्रमश: 18,171 करोड़ रुपये और 31,248 करोड़ रुपये की वृद्धि के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है। वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान नाल्‍को नाम पर चार पेटेंट हुए हैं। कंपनी कचरे से दोहन से जुड़ी कई परियोजनाओं पर भी सक्रियता से काम कर रही है। वित्तवर्ष 2017-18 में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्‍व के लिए निर्धारित लक्ष्‍य 27.88 करोड़ की तुलना में कंपनी ने 29 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]