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सेवाक्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़-कोविंद

'चैंपियन क्षेत्रों की लांचिंग एक नया एवं साहसिक कदम'

मुंबई में सेवाओं पर वैश्विक प्रदर्शनी का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 15 May 2018 05:44:59 PM

president ramnath kovind

मुंबई। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मुंबई में ‘सेवाओं पर चौथी वैश्विक प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया और सर्विस सेक्‍टर से जुड़े 12 अव्‍वल क्षेत्रों पर एक पोर्टल भी लांच किया। राष्‍ट्रपति ने वैश्विक प्रदर्शनी में भाग ले रहे तकरीबन 100 देशों के लगभग 500 अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिनिधियों का स्‍वागत करते हुए इस पहल के लिए भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के साथ-साथ महाराष्‍ट्र सरकार, भारतीय उद्योग परिसंघ और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद की सराहना की। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि इससे भारतीय सेवाओं से जुड़े विभिन्‍न क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा तथा वैश्विक सर्विस सेक्‍टर से भारत की सहभागिता और ज्‍यादा बढ़ेगी। उन्‍होंने कहा कि 12 चैंपियन क्षेत्रों की लांचिंग एक नया साहसिक कदम है, जो भारत के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में भी उल्‍लेखनीय योगदान करेगा और रोज़गारों को भी सृजित करेगा।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सर्विस सेक्‍टर या सेवा क्षेत्र वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के एक जीवंत एवं विस्‍तृत घटक का प्रतिनिधित्‍व करता है और आज सेवा क्षेत्र ने रोज़गार, मूल्‍यवर्द्धन, उत्‍पादकता और नवाचार की दृष्टि से अपना वर्चस्‍व स्‍थापित कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की तेज़गति कृषि, बुनियादी ढांचा एवं विनिर्माण सहित अन्‍य क्षेत्रों में विभिन्‍न सेवाओं के योगदान को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि यह कहना अतिश्‍योक्ति नहीं होगा कि सेवा क्षेत्र 21वीं शताब्दी की वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत में सर्विस सेक्‍टर सकल मूल्‍यवर्द्धित में 61 प्रतिशत का योगदान करता है। उन्होंने कहा कि अपनी युवा आबादी, बड़ी संख्‍या में प्रतिभाशाली व्‍यक्तियों की उपलब्‍धता और प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल में अत्‍यंत सहज रहने की क्षमता की बदौलत भारत को इस क्षेत्र या सेक्‍टर में स्‍वाभाविक बढ़त हासिल है और आने वाले समय में भारत पूरी दुनिया को विभिन्‍न सेवाएं मुहैया कराएगा। रामनाथ कोविंद ने कहा कि औद्योगिक युग के प्रारंभिक चरण और पारंपरिक विनिर्माण अर्थव्‍यवस्‍था ने कारखानों में रोज़गारों का सृजन किया और सहायक इकाइयों एवं कार्यशालाओं के रूपमें उद्यमिता को बढ़ावा दिया।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम सर्विस सेक्टर में छोटे, किंतु उल्‍लेखनीय स्‍टार्टअप का अभ्‍युदय देख रहे हैं, प्रौद्योगिकी एक अत्‍यंत अहम संबल के रूपमें उभरकर सामने आई है और इसकी बदौलत स्‍थानीय सेवा कंपनियों को राष्‍ट्रीय और यहां तककि अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी उभरने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में स्‍टार्टअप्‍स का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र माने जाने वाले भारत में इसकी बदौलत युवा उद्यमियों की एक नई पीढ़ी उभर कर सामने आई है, जिसमें महत्‍वाकांक्षी पुरुष एवं महिलाएं शामिल हैं। राष्‍ट्रपति ने यह बात रेखांकित की कि सरकारी कार्यक्रमों जैसेकि स्‍टार्टअप इंडिया और मुद्रा योजना, जिसने जमीनी स्‍तर के 120 मिलियन व्‍यवसायों को आवश्‍यक पूंजी मुहैया कराई है, ने मुख्‍यत: सेवा क्षेत्र में उद्यमिता की संस्‍कृति को जन्‍म दिया है। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्त किया कि इनमें से कुछ स्‍टार्टअप्‍स आने वाले वर्ष और दशक में विशाल उद्यम के रूपमें उभरेंगे।

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