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'प्रसन्न किसान प्रसन्न राष्ट्र का निर्माणकर्ता'

उपराष्ट्रपति का शोधकर्ताओं के साथ संवादात्मक सत्र

'किसानों को समय से और सस्ता कर्ज दिया जाए'

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Monday 2 April 2018 12:40:09 PM

vice president m. venkaiah naidu

हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने हैदराबाद में भारत कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 2022 तक कृषि आय दुगुनी करने के संबंध में कृषि शोधकर्ताओं के साथ संवादात्मक सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से खेती को साध्य, लाभकारी और लंबे समय तक चल सकने काबिल बनाए जाने पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकता पूर्ति के लिए घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों से कई प्रश्न पूछे और कैसे शोध किसानों को सशक्त बना रहा है, इस विषय पर उनका उत्तर भी जाना।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कृषि शोधकर्ताओं से किसानों की चुनौतियों को सुलझाने के लिए नए और अनोखे समाधान ढूंढने को कहा। उन्होंने कहा कि 'एक प्रसन्न किसान एक प्रसन्न राष्ट्र का निर्माण करता है'। उन्होंने कृषि शोधकर्ताओं से पूछा कि हमें समस्याओं के बारे में पता है, इनका समाधान क्या है? इस बारे में नए विचार क्या हैं? किसानों तक तकनीक पहुंचाने के रास्ते क्या हैं? उन्होंने साफ किया कि किसानों की समस्याओं में से एक है उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का अभाव। वेंकैया नायडू ने कहा कि इसी प्रकार दूसरा मुद्दा जिसपर ध्यान देने की जरूरत है, वह है-खेती की लागत में बढ़ोतरी। उन्होंने कहा कि फसलों का विविधीकरण और कृषि से संबंधित अन्य कार्य जैसे घर के पिछवाड़े में कुक्कुट पालन भी किसानों की आय बढ़ाने के लिए उतना ही अहम है। उन्होंने वैज्ञानिकों से ई-नाम को किसान समुदाय में और लोकप्रिय बनाने की अपेक्षा की।
वेंकैया नायडू ने घरेलू साधनों पर आधारित खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उत्पादकता और उत्पादन दोनों को बढ़ाना होगा, क्योंकि देश आयातित खाद्य सुरक्षा पर निर्भर नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को किसानों की गतिविधियों का केंद्र बनाया जाना चाहिए। व्यावहारिक समाधान ढूंढने के लिए वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से किसानों के साथ पर्याप्त समय बिताने की अपील करते समय उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि विषय का अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए किसानों के साथ रहना अनिवार्य बना दिया जाना चाहिए। कृषि से संबंधित कर्ज की चर्चा करते हुए उन्होंने किसानों को समय से और कम ब्याज वाला सस्ता कर्ज दिए जाने पर जोर दिया।

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