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ट्यूमर की दर्द रहित रेडियो सर्जरी का दावा

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Tuesday 12 February 2013 07:43:13 AM

dr s hukku

लखनऊ। बीएल कपूर साइबर नाइफ सेंटर ने बिना किसी साइड इफेक्ट के ट्यूमर की दर्द रहित रेडियो सर्जरी की सर्वोत्कृष्ट तकनीक पेश करने का दावा किया है। बीएल कपूर साइबर नाइफ सेंटर ने कहा है कि उसने एशिया महाद्वीप में सबसे बेहतरीन साइबर नाइफ वीएसआई टेक्रोलॉजी की शुरुआत की है, जिसका कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होगा। साइबर नाइफ वीएसआई रोबोटिक रेडियो सर्जरी सिस्टम, कैंसर और कैंसर रहित ट्यूमरों के इलाज में यूएस-एफडीए और सीई से पूरे विश्व में प्रमाणित है। यह हानिरहित है, इसके जरिए प्रोस्टेट्र, फेफड़ा, मस्तिष्क, रीढ़, यकृत, पैंक्रियाज और किडनी की सर्जरी की जाती है।
कैंसर सेंटर बीएल कपूर के जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ आल्डो बटी ने मीडिया को बताया कि साइबर नाइफ बीएसआई तकनीक से रोगी का दर्द रहित इलाज होता है। इसमें एनेस्थेसिया की जरूरत नहीं पड़ती। इस सर्जरी के बाद रोगी तुरंत अपनी सामान्य गतिविधियों के लायक हो जाता है। साइबर नाइफ वीएसआई तकनीक की विशेषता यह है कि इसमें ट्यूमर को रेडिएशन का हाई डोज देते समय इसका स्वस्थ कोशिकाओं और अंगों पर सबसे कम प्रभाव पड़ता है। इससे सर्जरी के बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इससे ट्यूमर को ठीक ढंग से रेडिएशन का हाई डोज दिया जाता है। यह तकनीक उन रोगियों के लिए है, जिनके ट्यूमर सर्जरी की दृष्टि से जटिल हैं या फिर जो सर्जरी का विकल्प चाहते हैं, उनके लिए य‌ह एक क्रांतिकारी थेरेपी है।
डॉ आल्डो बटी का कहना है कि साइबर नाइफ वीएसआई इमेजगाइडेड रोबोटिक तकनीक रेडिएशन डोज देने से पहले लगातार रोगी की गतिविधियों पर नज़र रखती है, इससे जटिल ट्यूमर की सर्जरी आसान हो जाती है। ऐसे जटिल ट्यूमर फेफड़े और पैंक्रियाज से संबंधित होते हैं। इस तकनीक से पूरे विश्व में लगभग एक लाख कैंसर रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज हो चुका है। यह उत्तर भारत का अत्याधुनिक कैंसर सेंटर है।
डॉ आल्डो बटी ने कहा कि भारत में साइबर नाइफ तकनीक की शुरुआत एक अभिनव शुरुआत है। इससे विश्व भर में अच्छे परिणाम मिले हैं। देश में कैंसर से हर वर्ष चार लाख लोग मरते हैं। इस साइबर नाइफ वीएसआई रोबोटिक रेडियो सर्जरी सिस्टम की भारत में शुरुआत करके उन्हें प्रसन्नता है। रेडिएशन आंकालोजी सेंटर के निदेशक डॉ एस हुक्कू के अनुसार कैंसर ट्रीटमेंट में यह रेडियो सर्जरी सिस्टम क्रांतिकारी है। स्पाइन और पैंक्रियाज के ट्यूमर में यह तकनीक काफी मददगार है। कैंसर थेरेपी में यह तकनीक अद्भुत है।
उन्होंने कहा कि इस रोबोटिक रेडियो सर्जरी सिस्टम में विशेषज्ञों की जरूरत होती है। ट्यूमर का आकार और स्थान तय करने के लिए रोगी का सीटी स्कैन होता है, फिर यह इमेज डाटा साइबर नाइफ वीएसआई सिस्टम के वर्क स्टेशन के स्थानांतरित किया जाता है। इसके बाद विशेषज्ञ इस तकनीक के जरिए योजना तैयार करते हैं और रेडिएशन डोज देने में स्वस्थ उत्तकों को कम से कम प्रभावित होने दिया जाता है। एक बार रोगी आपरेशन टेबुल पर पहुंचा कि यह तकनीक सबसे ज्यादा कारगर इलाज करती है। इस थेरेपी में साइड इफेक्ट नहीं के बराबर होता है।
बीएल के साइबर नाइफ सेंटर ने एशिया में सबसे आधुनिक रोबोटिक रेडियो सर्जरी की शुरुआत की है। उत्तर भारत के कैंसर सेंटरों में यह सबसे एडवांस तकनीक है। दुनिया भर से योग्यतम डाक्टरों, विशेषज्ञों, रेडिएशन आंकालाजिस्टों और फिजीसिस्टों की टीम बीएल के साइबर नाइफ वीएसआई सेंटर से जुड़ी हुई है। इससे सबसे सही डायग्नोसिस के साथ ही बेहतर उपचार संभव जान पड़ता है।

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