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'तेजस' की जांबाज़ी से घबराईं शत्रु सेनाएं

'तेजस' ने बढ़ाई भारतीय वायुसेना की अचूक क्षमता

भारतीय वायुसेना में 'तेजस' की लड़ाकू उड़ान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 July 2016 01:37:13 AM

combat aircraft tejas

नई दिल्ली। भारत में बना हल्का लड़ाकू विमान 'तेजस' 1 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना के 45वें स्क्वाड्रन में शामिल हो गया है। वायुसेना के 45वें स्क्वाड्रन को 'फ्लाइंड डैगर्स' कहा जाता है, पहले यह स्क्वाड्रन एमऐआईजी 21 बीआईएस विमान से सुसज्जित था और इसका संचालन नलिया से किया जाता था। इसका नारा है 'अजीत नभ'। 'तेजस' हवा से हवा में प्रक्षेपास्त्र, बम तथा स्पष्टता निर्देशित हथियार दाग सकता है। इसकी जांबाज़ी के ऐसे चर्चों से हिंदुस्तान की शत्रु सेनाएं घबराईं हुई हैं। भारतीय वायुसेना अपने इस जांबाज़ लड़ाकू की नभ को जीतने की भरोसेमंद क्षमता पर फिदा है और इस आत्मविश्वास से लबरेज़ है। लगभग दो वर्ष तक यह लड़ाकू विमान बंगलुरु से उड़ेगा, इसके बाद इसका संचालन कोयंबटूर के निकट सुलुर से किया जाएगा। यह पहला लड़ाकू विमान है, जो तिरुअनंतपुरम स्थित भारतीय वायुसेना के दक्षिणि एयर कमान का हिस्सा होगा।
'फ्लाइंड डैगर्स' के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन माधव रंगचारी हैं। ग्रुप कैप्टन माधव रंगचारी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कैडेट रहे हैं। मिराज-2000 तथा मिग 21 के संचालन अनुभव के अतिरिक्त उन्हें प्रोटोटाइप हल्के लड़ाकू विमान के उड़ान प्रशिक्षण का अनुभव है। 'तेजस' भारत में डिजायन, विकसित और निर्मित किया गया है। इसकी परिकल्पना मिग 21 को बदलने के लिए की गई और इसकी डिजायनिंग व विकास का काम एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने किया है। यह हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्मित है। इसके डिजायनरों, निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और जांच दल को इस बात का श्रेय जाता है कि यह हल्का लड़ाकू विमान बिना कोई दुर्घटना के 2000 घंटे में 3000 उड़ान भर चुका है। यह चार प्लस पीढ़ी का विमान है। इसका कॉकपिट शीशे का है और अत्याधुनिक सेटेलाइट सुविधा, मजबूत नौवहन प्रणाली से लैस है। इसमें डिजिटल कंप्यूटर आधारित हमला प्रणाली और ऑटोपायलट है।
तेजस लड़ाकू विमान को चरणबद्ध तरीके से शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। आईओसी विमान हवा से हवा में निकट से प्रक्षेपास्त्र दागने, हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले तथा लेसर निर्देशित बम जैसे स्पष्ट निशाना लगाने वाले हथियारों से लैस है। ऐसे विमान बिना किसी निर्देश के भी स्पष्टता के साथ बम गिरा सकते हैं, क्योंकि इसमें अत्यधिक विकसित स्वदेशी मिशन कंप्यूटर है। एफओसी विमान दृष्टि क्षेत्र से आगे निशाना साधने वाले प्रक्षेपास्त्रों को शामिल करेगा, इसमें बेहतर स्टैंड ऑफ हथियार और एयर टू एयर ईंधन भरने की सुविधा है। भारतीय वायुसेना अतिरिक्त हल्के लड़ाकू विमान एमके ए1 भी लाने के प्रयास में है, इसमें नई पीढ़ी का एक्टिव इलेक्ट्रानिकली स्कैंड अरै राडार होगा और एक साथ हवा से हवा और हवा से जमीन पर वार करने की क्षमता होगी। 'तेजस' बहुत जल्द भारतीय आकाश की रक्षा में तैनात हो जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस की उपलब्धि पर उसके निर्माताओं और भारतीय वायुसेना को बधाई दी है और कहा है कि यह हमारी सुरक्षा का तेज़ और जांबाज़ प्रहरी है।

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