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'नौकरियों में साक्षात्कार प्रथा समाप्त करें'

कई राज्यों की इस दिशा में प्रगति संतोषजनक नहीं

केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री का राज्यों को फरमान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 April 2016 03:15:33 AM

dr. jitendra singh

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सामान्य प्रशासन विभागों के प्रधान सचिवों की बैठक को संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया है कि वे उन नौकरियों के लिए जारी साक्षात्कार प्रथा को समाप्त करें, जहां इसकी आवश्यकता नहीं है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2015 पर लाल किले की प्राचीर से सामान्य नौकरियों में चयन के लिए साक्षात्कार की प्रथा को समाप्त करने का सुझाव दिया था। डॉ जितेंद्र सिंह ने अफसोस व्यक्त किया कि अनेक राज्यों की इस दिशा में प्रगति संतोषजनक नहीं है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने प्रधानमंत्री के सुझाव का अनुपालन करते हुए नौकरियों से साक्षात्कार की प्रथा को समाप्त करने का काम वर्ष के पहले कर लिया और 1 जनवरी 2016 से इसका प्रारंभ होना सुनिश्चित हुआ। केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सी तथा डी ग्रुप सहित गैर-राजपत्रित, जूनियर स्तर के पदों के लिए साक्षात्कार की प्रथा समाप्त कर दी गई, लेकिन कौशल परीक्षण प्रावधान की अनुमति वैसे पदों के लिए दी गई है, जिनमें विशेष कौशल की आवश्यकता हो, लेकिन यह कौशल परीक्षण क्वालिफाइंग प्रकार का होगा।उन्होंने कहा कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर से केरल तक के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव उपस्थित हैं और यह आशा है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस दिशा में आगे बढ़ने का संदेश ले जाएंगे। साक्षात्कार प्रथा समाप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महाराष्ट्र, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए उन्होंने दूसरे अन्य राज्यों के सचिवों को सलाह दी कि वे इसके लाभ को समझें और अपने-अपने राज्यों में इसे अपनाएं।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ राज्यों ने स्व-प्रमाणन की व्यवस्था समाप्ति को देर से अपनाया है। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे विभिन्न आवेदनों के लिए केवल एक पेज के फॉर्म को अपनाने के काम की तैयारी करें, यह कार्यक्रम कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग ने 25 दिसंबर 2015 को सुशासन दिवस पर शुरु किया था। उन्होंने अधिकारियों को कार्य सहज माहौल प्रदान करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र यह चाहता है कि पिछले दो वर्षों में शुरु किए गए विभिन्न प्रशासनिक तथा शासन संचालन सुधारों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभ किया जाए, क्योंकि सुधार साधारण जन के हित में हैं और पूरे देश के युवकों को एक समान स्तर का अवसर प्रदान करना है। बैठक में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव संजय कोठारी, अपर सचिव टी जैकब, कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव, विभिन्न राज्यों के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव तथा नई दिल्ली में राज्यों के स्थानीय आयुक्त उपस्थित थे।

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