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मप्र में अवैध खनन की जांच के लिए आयोग

अवैध खनन पर विनायक परिहार की जनहित याचिका

शिव कारपोरेशन को देनी होगी एक करोड़ की गारंटी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 14 July 2015 11:41:15 AM

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भोपाल। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की जस्टिस दिलीप सिंह एवं जस्टिस बलराम सिंह सजवान की युगल पीठ ने नरसिंहपुर जिले में नर्मदा एवं सहायक नदियों में हो रहे अवैध खनन पर विनायक परिहार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अहम आदेश में अवैध उत्खनन की जांच करने के लिए एनजीटी की निगरानी में आयोग भेजने का निर्णय लिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने याचिका पर अपना जबाब पेश किया, जिसमें उसने अवैध खनन होने की बात स्वीकार करते हुए नदी के अंदर भी खनन होने की बात कही और अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन की जप्ती की कार्रवाई का उल्लेख किया।
मध्य प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सचिन वर्मा ने युगल पीठ के सामने कहा कि मध्य प्रदेश खनिज निगम ने शिव कारपोरेशन को दो साल पहले अवैध खनन वाला स्थान आवंटित किया था, जिसकी अनुबंध अवधि समाप्त हो गई है। सरकारी अधिवक्ता के अनुसार किसी खदान पर किसी भी प्रकार के खनन, वैध या अवैध की जिम्मेदारी उसी ठेकेदार की होती है, जिसे वह खदान आवंटित है। न्यायाधिकरण ने अनुविभागीय अधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश राज्य खनिज विभाग के माध्यम से शिव कारर्पोरेशन को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न अवैध खनन के लिए दोषी मानते हुए उसे दंडित किया जाए? युगल पीठ ने शिव कारर्पोरेशन से कहा है कि वह सचिव खनिज विभाग मध्य प्रदेश शासन के यहां एक करोड़ रुपए की सुरक्षा जमा करे और अगर शिव कारर्पोरेशन को दोषी पाया जाता है तो यह सुरक्षा निधि जप्त कर ली जाएगी।
याचिकाकर्ता विनायक परिहार ने न्यायाधिकरण के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अवैध खनन अभी भी जारी होना बताया है। याचिकाकर्ता के इस पत्र को स्वीकार करते हुए न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ता को युगल पीठ के सामने शपथ पत्र प्रस्तुत करने को निर्देशित किया और तब सम्पूर्ण क्षेत्र मे अवैध खनन की जांच के लिए अपनी निगरानी में जांच आयोग भेजने का आदेश दिया। पीठ ने जांच आयोग पर होने वाला खर्च याचिकाकर्ता के जिम्मे डाला है। सुनवाई के समय याचिकाकर्ता विनायक परिहार के साथ उनके अधिवक्ता विजय शहनी, प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सचिन वर्मा, नरसिंहपुर खनिज अधिकारी, केंद्र सरकार व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिवक्ता रोहित शर्मा और संदीप सिंह उपस्थित थे। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।

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