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एसएमएस पर रेल यात्रियों का पीएनआर स्‍टेटस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 4 March 2014 03:17:38 AM

rail pnr status

नई दिल्‍ली। भारतीय रेलवे ने 'एसएमएस गेटवे' के नाम से एक नई योजना शुरू की है जिससे यात्री एसएमएस अलर्ट से अपनी आरक्षित टिकटों की स्थिति जान पाएंगे। 'एसएमएस' गेटवे का विकास रेलवे इंफार्मेशन सिस्‍टम्‍ज सेंटर ने जोकि रेल मंत्रालय के अधीन एक स्‍वायत्‍त संगठन है, ने किया था। इसका लोकार्पण रेल राज्‍यमंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कल 'रेल सेवाओं में सूचना तकनीकी की भूमिका' वर्तमान तथा भविष्‍य विषय पर आयोजित सेमिनार के अवसर पर किया। सेमि‍नार का आयोजन रेल मंत्रालय के अधीन एक स्‍वायत्‍त संगठन परिवहन अनुसंधान प्रबंधन केंद्र ने किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरूणेंद्र कुमार, डीपी पांडे सदस्‍य ट्रैफिक, कुल भूषण सदस्‍य विद्युत विभाग तथा रेलवे बोर्ड के मैकेनिकल सदस्‍य आलोक जौहरी उपस्थित थे।
'एसएमएस गेटवे' परियोजना का प्रयोग पीआरएस टिकटों के परिवर्तन जैसे आरक्षण की पूर्व स्थिति में कोई परिवर्तन होने जैसे-वेटिंग लिस्‍ट से आरएसी होने पर, आरएसी से सीएनएफ होने पर, वेटिंग लिस्‍ट से सीएनएफ होन पर यात्रियों को एसएमएस से सूचना भेजने के लिए किया जाएगा। एसएमएस सूचना केवल स्‍टेटस परिवर्तन की स्थिति में यात्रा से 5 दिन पूर्व तथा चार्ट बनाने से पहले दिन में एक बार भेजी जाएगी। चार्ट बन जाने के बाद भेजी जाने वाली एसएमएस सूचना, जो सामान्‍यत: रेलगाड़ी के प्रस्‍थान के 3-4 घंटे पहले भेजी जाती है, में उन यात्रियों के लिए वास्‍तविक बर्थ संख्‍या, कोच संख्‍या तथा आरएसी संख्‍या होगी, जिनका अंतिम चार्टिंग स्‍टेटस उनके शुरूआती स्‍टेटस से परिवर्तित हो चुका है। टिकट के अपग्रेड होने या सीट के पुन: आबंटन की स्थिति में भी एसएमएस सूचनाएं भेजी जाएंगी। यह अनुमान लगाया गया है कि एसएमएस सूचनाएं करीब 4 लाख प्रतिदिन भेजी जाएंगी, इसीलिए इस प्रणाली को विभिन्‍न चरणों में आनलॉइन किया जाएगा। शुरू में केवल कुछ चुनी हुई राजधानी ट्रेनों की पोस्‍ट चार्ट अलर्ट भेजने के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा, इसके बाद अन्‍य मेल एक्‍सप्रेस गाड़ियों को भी शामिल किया जाएगा। बाद में प्री-चार्ट अलर्ट भी भेजे जाएंगे।
इस सुविधा से पीआरएस कॉल सेंटरों तथा वेब साइटों पर आखिरी मिनट पूछताछ के भार को काफी कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही रेलवे प्‍लेटफार्मों पर लगाए गए चार्टों के पास अत्‍यधिक भीड़ को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह सेवा यात्रियों के लिए मुफ्त उपलब्‍ध होगी। इससे भारतीय रेलवे की छवि बेहतर होगी। अब तक यात्रियों को अपने पीएनआर स्‍टेटस की सूचना केवल वेबसाइट से या कॉल सेंटर (139) में फोन करके, IVRS या SMS भेजकर प्राप्‍त होती थी। एसएमएस सूचनाएं भेजने के इस अनुप्रयोग के विकास के दौरान काफी समस्‍याओं का सामना करना पड़ा। इस दौरान मुख्‍य पीआरएस प्रणाली जोकि विश्‍व की सबसे बड़ी टिकट अनुप्रयोगों में से एक है, का सामान्‍य कामकाज प्रभावित न हो, इसका भी ध्‍यान रखा गया। रेल सूचना प्रणाली केंद्र के साथ इस परियोजना को सफल बनाने हेतु मैसर्स महिंद्रा कोमिवा तथा वैल्‍टी सिस्‍टम इंडिया भी तकनीकी सहयोगी रहे।

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