स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 8 September 2025 06:58:33 PM
काठमांडू। नेपाल में फेसबुक, यूट्यूब और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर नेपाल की ओली सरकार के प्रतिबंध लगाने के विरोध में काठमांडू में संसद घेरने से शुरू हुआ युवाओं का आंदोलन व्यापक पैमाने पर पूरे नेपाल में शुरू हो गया है। नेपाल सरकार ने इसे हिंसक बताकर आंदोलनकारी युवाओं पर गोली चलाई है। यह समाचार पोस्ट किए जाने तक करीब 20 युवाओं की मौत की सूचना मिल रही है। नेपाल की ओली सरकार केलिए यह एक बड़ा संकट है, जिसमें ओली सरकार को आशंका हैकि यह कहीं श्रीलंका और बांग्लादेश जैसा हिंसक आंदोलन न हो जाए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के गेट पर हल्ला बोला हुआ है और कुछ प्रदर्शनकारी नेपाली संसद में भी घुस गए हैं। नेपाल के हालात बहुत विस्फोटक हैं कुछ भी हो सकता है।
नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार है, जो चीन के समर्थन से चलती है और यह माना जाता हैकि वह आंतरिक अस्थिरता का दमन से सामना करना चाहते हैं, जिसे चीन का समर्थन है। सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध ने नेपाल में आग में घी का काम किया है और आंदोलन से गोली से निपटने के तरीके को चीन की सलाह मानी जा रही है, क्योंकि चीन ने भी अपने यहां इसी प्रकार छात्र आंदोलन को गोलियों और टैंकों से कुचला था। यह आंदोलन इतना उग्र शुरू हुआ हैकि नेपाल में पुलिस इसे काबू करने में जब विफल हुई तो उसे गोली चलानी पड़ी और काठमांडू सहित नेपाल के कई शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और जब कर्फ्यू भी विफल हो रहा है तो काठमांडू सहित कई स्थानों पर नेपाल की सेना तैनात कर दी गई है। जानकारी आ रही हैकि इस आंदोलन में अधिकांश मौतें पुलिस की गोली से हुई हैं। ख़बरें हैंकि यह आंदोलन पूरे नेपाल में फैल चुका है, जिसके और भी ज्यादा उग्र होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। आशंका है कि युवा आंदोलनकारी नेपाल के राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास में भी घुस सकते हैं, इसलिए इन स्थानों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
नेपाल में युवा आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए भारत नेपाल सीमा पर भारत ने भी चौकसी बढ़ा दी है। गौरतलब हैकि भारत में बहुत नेपाली रहते हैं, जिससे भारत नेपाल सीमा पर एहतियात बढ़ा दी गई है। यह आंदोलन किनके हाथ में है, ये अभीतक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह बात सबकी जुबान पर हैकि नेपाल में ओली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों से तंग आकर वहां की जनता ओली सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है। कुलमिलाकर यहां श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी स्थिति बनती दिख रही है। सोशल मीडिया पर इस आशय से प्रतिबंध लगाया गया, ताकि ओली सरकार के विरोध की आग और ज्यादा न फैल सके। कहा जा रहा हैकि नेपाल में राजशाही के बाद वहां लोकतंत्र चल नहीं पाया है और जिनके हाथों में सरकार है, वे शुरू से ही नेपाल में लूटखसोट में लगे हैं। नेपाल में इसी कारण फिरसे राजशाही और हिंदू राष्ट्र की वापसी की मांग की जा रही है। नेपाल के युवा देश में पूर्ण नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। हालात ये हैंकि नेपाल में अब सार्थक विकल्प दिए बिना लाखों लोगों को चुप नहीं करा सकते हैं।