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Friday 18 July 2025 04:37:17 PM
मोतिहारी (बिहार)। बिहार में पूर्वी चंपारण जनपद का मुख्यालय मोतीहारी आज मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रोड शो ने होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ कर दी। चम्पारण में महाराजा जनक के साम्राज्य के महत्वपूर्ण भाग से लेकर महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत और अनेक ऐतिहासिक घटनाओं केलिए विख्यात मोतिहारी नेपाल की सीमा पर बसा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव की ज़मीन तैयार करने केलिए यूं ही नहीं चुना। मोतिहारी में हुई मोदी-मोदी की गूंज दूर तक सुनी गई है। मोतीझील झील, सीताकुंड, अरेराज, केसरिया, चंडी स्थान अद्भुत और दर्शनीय हैं ही, मोदी और नीतीश के रोड शो ने इन्हें केसरिया से लबरेज कर दिया है। पूर्वी चम्पारण बिहार की जनता को यह संदेश देने में सफल दिखाई दियाकि तैयारी करो फिर धूमधाम से एनडीए का नीतीश राज आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मोदी-मोदी के नारों केसाथ पुष्पवर्षा होती रही। प्रधानमंत्री ने भी जनसमूह का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। प्रधानमंत्री को शॉल और तिरंगा भेंटकर सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी में 7200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने कहाकि ये नया भारत है, अब भारत, मां भारती के दुश्मनों को सजा देने केलिए जमीन-आसमान एक कर देता है, इसी धरती से मैंने ऑपरेशन सिंदूर का संकल्प लिया था और आज उसकी सफलता पूरी दुनिया देख रही है। प्रधानमंत्री ने माथा टेककर बाबा सोमेश्वरनाथ का आशीर्वाद लिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि चंपारण की धरती मोतिहारी पश्चिम आनेवाले समय में मुंबई की तरह चमकेगी। नरेंद्र मोदी ने गया में गुरुग्राम, पटना में पुणे जैसा औद्योगिक विकास और संथाल परगना में सूरत जैसा विकास सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहाकि इन परियोजनाओं के ज़मीन पर उतरने से शीघ्र ही नए बिहार का निर्माण होगा। उन्होंने कहाकि राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार की कनेक्टिविटी, रोजगार एवं औद्योगिक विकास को नई दिशा दी मिली है। उन्होंने कहाकि बीते 11 वर्ष में पीएम आवास योजना केतहत देश में गरीबों केलिए 4 करोड़ से भी ज्यादा घर बनाए गए हैं और 12000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की चाबियां भेट दी। इनमें से करीब 60 लाख घर अकेले बिहार में बने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि चंपारण की धरती एक ऐसी धरती है, जिसने इतिहास रचा है, स्वतंत्रता आंदोलन में इसी धरती ने महात्मा गांधी को नई दिशा दी थी। उन्होंने कहाकि इसी धरती से मिली प्रेरणा अब बिहार के नए भविष्य को आकार देगी। उन्होंने यहांकी विकास पहलों केलिए बिहार के लोगों को बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 21वीं सदी तेज़ी से वैश्विक प्रगति का साक्षी बन रही है। उन्होंने कहाकि जो प्रभुत्व कभी केवल पश्चिमी देशों का था, वह अब पूर्वी देशों से साझा किया जा रहा है, जिनकी भागीदारी और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि पूर्वी देश अब विकास की नई गति प्राप्त कर रहे हैं, जिस तरह पूर्वी देश वैश्विक स्तरपर प्रगति कर रहे हैं, उसी तरह भारत में भी पूर्वी राज्यों का युग है। उन्होंने सरकार के इस संकल्प की पुष्टि कीकि आनेवाले समय में पूर्व में मोतिहारी पश्चिम में मुंबई की तरह ही प्रमुख स्थान बनाएगा। नरेंद्र मोदी ने गया में गुरुग्राम जैसे समान अवसर, पटना में पुणे जैसा औद्योगिक विकास और संथाल परगना में सूरत जैसा विकास सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि जलपाईगुड़ी और जाजपुर में पर्यटन जयपुर की तरह नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और बीरभूम के लोग बेंगलुरु के लोगों की तरह प्रगति करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पूर्वी भारत को आगे बढ़ाने केलिए बिहार को एक विकसित राज्य में बदलना होगा, बिहार में तेजीसे प्रगति संभव है, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों में बिहार के विकास केलिए प्रतिबद्ध सरकारें हैं। उन्होंने समर्थन में अंतर को दर्शाने केलिए आंकड़ों का हवाला दियाकि पिछली सरकारों के 10 वर्ष के दौरान जब वे केंद्र में सत्ता में थे, बिहार को केवल लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मिले, यह टिप्पणी करते हुएकि यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का एक रूप था कहाकि 2014 में सत्ता में आने केबाद उनकी सरकार ने बिहार के खिलाफ प्रतिशोध की इस राजनीति को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहाकि दस वर्ष में उनके शासन में बिहार के विकास केलिए लगभग 9 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछली सरकारों के शासन में विकास अवरुद्ध था और गरीबों केलिए निर्धारित धन उनतक पहुंचना लगभग असंभव था। उन्होंने बिहार के तत्कालीन नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहाकि उनका ध्यान केवल ग़रीबों के धन को लूटने पर केंद्रित था। प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों के दृढ़ निश्चय की प्रशंसा की और बिहार को पिछली सरकारों की बेड़ियों से मुक्त करने और कल्याणकारी योजनाओं को ग़रीबों तक सीधे पहुंचाने केलिए जनता की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की प्रगति का श्रेय माताओं और बहनों की शक्ति और दृढ़ संकल्प को दिया। उन्होंने कहाकि बिहार की महिलाएं अपनी सरकार के हर कदम के महत्व को भली-भांति समझती हैं। उन्होंने कार्यक्रम में महिलाओं की उपस्थिति की प्रशंसा की और उन दिनों को याद किया जब उन्हें ₹10 भी छुपाने पड़ते थे, बैंक खातों तक उनकी पहुंच नहीं थी और उन्हें बैंकों में प्रवेश तक नहीं दिया जाता था। प्रधानमंत्री ने गरीबों के सम्मान केप्रति अपनी समझ की पुष्टि की और बतायाकि कैसे उन्होंने बैंकों से सवाल कियाकि वंचितों केलिए उनके दरवाजे क्यों बंद हैं? उन्होंने जन-धन खाते खोलने के व्यापक अभियान का उल्लेख किया, जिससे महिलाओं को बहुत लाभ हुआ है, बिहार में लगभग 3.5 करोड़ महिलाओं के जन-धन खाते हैं। उन्होंने कहाकि नीतीश कुमार सरकार ने हाल ही में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा माताओं केलिए मासिक पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दी है, यह धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जा रही है। उन्होंने कहाकि पिछले डेढ़ महीने में ही बिहार में 24000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को 1000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्राप्त हुई है, जिसका श्रेय माताओं और बहनों के जनधन खातों में प्रदान किए गए वित्तीय सशक्तीकरण को दिया जा सकता है।
बिहार में लखपति दीदियों की बढ़ती संख्या का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रीय लक्ष्य 3 करोड़ लखपति दीदियां बनाना है और अबतक 1.5 करोड़ महिलाओं ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है। उन्होंने कहाकि बिहार में 20 लाख से ज़्यादा महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं और अकेले चंपारण में 80000 से ज़्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर इस मुकाम तक पहुंची हैं। नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति को मज़बूत करने के उद्देश्य से सामुदायिक निवेश कोष के रूपमें 400 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की जीविका दीदी योजना की प्रशंसा की, जिसने बिहार की लाखों महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। 'बिहार की प्रगति भारत की प्रगति केलिए आवश्यक है' इस वाक्य को दोहराते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार तभी आगे बढ़ेगा, जब उसके युवा आगे बढ़ेंगे। उन्होंने एक समृद्ध बिहार और प्रत्येक युवा केलिए रोज़गार केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार में रोज़गार अवसर पैदा करने के महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। उन्होंने लाखों युवाओं को पारदर्शिता केसाथ सरकारी पदों पर नियुक्त करने केलिए नीतीश कुमार की सरकार की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि केंद्र सरकार ने हालही में निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी चाहने वालों की सहायता केलिए एक बड़ी योजना को मंज़ूरी दी है, जिसमें किसी निजी कंपनी में पहली नियुक्ति पाने वाले युवाओं को केंद्र सरकार ₹15000 देगी। उन्होंने कहाकि यह योजना 1 अगस्त से लागू होगी और इसपर केंद्र ₹1 लाख करोड़ खर्च करेगी। उन्होंने कहाकि इससे बिहार के युवाओं को काफ़ी लाभ होगा। उन्होंने मुद्रा योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से बिहार में स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बतायाकि पिछले दो महीने में ही बिहार में मुद्रा योजना केतहत लाखों ऋण वितरित किए गए हैं, चंपारण में ही विशेष रूपसे 60000 युवाओं को अपने स्वरोज़गार उपक्रमों केलिए मुद्रा ऋण मिले हैं। नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी कीकि दूसरे दलों के नेता कभी रोज़गार नहीं दे सकते, खासकर वे जो रोज़गार के नाम पर लोगों की ज़मीन हड़प लेते हैं। उन्होंने जनता से लालटेन के ज़माने और नई उम्मीदों से जगमगाते आजके बिहार केबीच के फ़र्क़ को याद रखने का आग्रह किया। उन्होंने इस बदलाव का श्रेय एनडीए गठबंधन सरकार केसाथ बिहार की यात्रा को दिया और कहाकि बिहार का संकल्प गठबंधन केप्रति दृढ़ और अटूट है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई पर प्रकाश डाला, जिससे बिहार के युवाओं को काफ़ी लाभ हुआ है। उन्होंने कहाकि चंपारण, औरंगाबाद, गया और जमुई जैसे ज़िले, जो कभी माओवादी प्रभाव से घिरे थे, अब वहां उग्रवाद में कमी देख रहे हैं। उन्होंने भारत को नक्सलवाद की गिरफ़्त से पूरी तरह मुक्त कराने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार में न तो क्षमता की कमी है और न ही संसाधनों की, आज बिहार के संसाधन ही उसकी प्रगति के माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने मखाना किसानों को बड़े बाज़ारों से जोड़ने का मखाना किसानों को श्रेय दिया और मखाना बोर्ड के गठन का ज़िक्र किया। नरेंद्र मोदी ने बिहार की कृषि समृद्धि के उदाहरण के तौरपर कई प्रमुख उत्पादों केला, लीची, मिर्चा चावल, कतरनी चावल, ज़र्दालू आम और मघई पान का भी ज़िक्र किया, ये और कई अन्य उत्पाद बिहार के किसानों और युवाओं को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ेंगे। उन्होंने कहाकि जब उनकी सरकार पिछड़े और अति पिछड़े समुदायों केलिए काम करने की बात कहती है, तो यह प्रतिबद्धता उसकी नीतियों और फैसलों में भी झलकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के सीमावर्ती गांवों को प्रथम गांव के रूपमें परिभाषित किया गया है। उन्होंने कहाकि अब मोतिहारी-बापूधाम से सीधे दिल्ली के आनंद विहार तक चलेगी, मोतिहारी रेलवे स्टेशन का आधुनिक सुविधाओं केसाथ पुनर्विकास किया जा रहा है, दरभंगा-नरकटियागंज रेललाइन के दोहरीकरण से इस मार्ग पर यात्रा सुविधा में काफ़ी सुधार होगा। भारत की आस्था और सांस्कृतिक विरासत केसाथ चंपारण के गहरे जुड़ाव पर नरेंद्र मोदी ने कहाकि श्रीराम-जानकी पथ मोतिहारी के सत्तरघाट, केसरिया, चकिया और मधुबन से होकर गुज़रेगा। उन्होंने कहाकि सीतामढ़ी से अयोध्या तक विकसित की जा रही नई रेल लाइन चंपारण के श्रद्धालुओं को दर्शन केलिए अयोध्या आने में सक्षम बनाएगी। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहाकि वे लंबे समय से ग़रीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करती रही हैं और वे न केवल समान अधिकारों से वंचित करती हैं, बल्कि अपने परिवार से बाहर के लोगों केप्रति सम्मान भी नहीं दिखातीं। उन्होंने कहाकि बिहार आज उनके अहंकार को साफ़ देख रहा है। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांजी, गिरिराज सिंह, राजीव रंजन सिंह, चिराग पासवान, रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, सतीशचंद्र दुबे, डॉ राज भूषण चौधरी आदि उपस्थित थे।