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Thursday 17 July 2025 05:42:17 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज दिल्ली में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए और कहाकि स्वच्छ सर्वेक्षण हमारे शहरों की स्वच्छता के प्रयासों के आकलन और प्रोत्साहन करने में एक सफल प्रयोग साबित हुआ है। गौरतलब हैकि केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2024 केलिए दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण आयोजित किया था, जिसमें विभिन्न हितधारकों, राज्य सरकारों, शहरी निकायों और लगभग 14 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया था। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना ने प्राचीनकाल से ही स्वच्छता पर जोर दिया है, अपने घरों, पूजा स्थलों और आसपास को साफ रखने की परंपरा हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग थी और है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थेकि ईश्वर भक्ति केबाद स्वच्छता आती है, वे स्वच्छता को धर्म, आध्यात्मिकता और नागरिक जीवन की आधारशिला मानते थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि महात्मा गांधी ने अपनी जनसेवा यात्रा स्वच्छता से जुड़े कार्यों से शुरू की थी। उन्होंने कहाकि वे भी अधिसूचित क्षेत्र परिषद की उपाध्यक्ष के रूपमें प्रतिदिन वार्डों का दौरा करती थीं और स्वच्छता कार्य की निगरानी करती थीं। राष्ट्रपति ने कहाकि न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करके और उन्हें उसी उद्देश्य या अन्य उद्देश्य केलिए पुनः उपयोग करके अपशिष्ट को कम करना हमेशा हमारी जीवनशैली का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहाकि चक्रीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांत और ‘कम उपयोग करें-पुनः उपयोग करें’ पुनर्चक्रण की प्रणालियां हमारी प्राचीन जीवनशैली के आधुनिक और व्यापक रूप हैं, उदाहरण केलिए आदिवासी समुदायों की पारंपरिक जीवनशैली सरल है, वे कम संसाधनों का उपयोग करते हैं और मौसम तथा पर्यावरण केसाथ तालमेल बिठाकर चलते हैं और अन्य समुदाय केसाथ साझेदारी में रहते हैं, वे प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद नहीं करते हैं, इस तरह के व्यवहार और परंपराओं को अपनाकर चक्रीयता की आधुनिक प्रणालियों को मज़बूत किया जा सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि अपशिष्ट प्रबंधन मूल्य श्रृंखला में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम स्रोत पृथक्करण है, सभी हितधारकों और प्रत्येक परिवार को इसपर सबसे ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहाकि शून्य अपशिष्ट कालोनियां स्वच्छता के अच्छे उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। राष्ट्रपति ने स्कूल स्तरपर स्वच्छता की आकलन पहल की सराहना की, जिसका उद्देश्य हैकि विद्यार्थी स्वच्छता को एक जीवनमूल्य के रूपमें अपनाएं। उन्होंने कहाकि इसके बहुत लाभकारी और दूरगामी परिणाम होंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को नियंत्रित करना और उनसे उत्पन्न प्रदूषण को रोकना एक बड़ी चुनौती है, उचित प्रयासों से हम देश के प्लास्टिक उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी ला सकते हैं। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में एकल उपयोग प्लास्टिकयुक्त कुछ वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया, उसी वर्ष सरकार ने प्लास्टिक पैकेजिंग केलिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व हेतु दिशा-निर्देश जारी किए। सभी हितधारक उत्पादकों, ब्रांड मालिकों और आयातकों की यह ज़िम्मेदारी हैकि वे स्वच्छता केलिए दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि स्वच्छता से जुड़े प्रयासों के आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पहलू हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि सभी नागरिक स्वच्छ भारत मिशन में पूरी लगन से हिस्सा लेंगे, ठोस और सुविचारित संकल्पों केसाथ वर्ष 2047 तक विकसित भारत दुनिया के सबसे स्वच्छ देशों में से एक होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह 24-25 के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में नोएडा और लखनऊ को पुरस्कार प्राप्त होने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहाकि जनभागीदारी से आज स्वच्छता एक सामाजिक संस्कार बन चुकी है, रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल के मंत्र को आत्मसात कर 'नया उत्तर प्रदेश' स्वच्छ एवं हरित राज्य की संकल्पना को साकार कर रहा है। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि स्वच्छाग्रहियों की श्रम साधना, समाज के सजग सहयोग एवं प्रशासन की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिफल है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा, लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल और पूर्वनगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर और आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू भी इस अवसर पर मौजूद थे, जिसमें 23 सुपर स्वच्छ लीग शहरों को पुरस्कृत किया गया। लखनऊ, अहमदाबाद और भोपाल भारत के नए शीर्ष स्वच्छ शहरों के रूपमें उभरे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण के पुरस्कारों में महाकुंभ को विशेष मान्यता दी गई है। स्वच्छता पर 43 राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रयागराज को सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर का पुरस्कार प्रदान किया, जबकि सिकंदराबाद छावनी को उसके स्वच्छता प्रयासों केलिए सर्वश्रेष्ठ छावनी बोर्ड के रूपमें सम्मानित किया गया। ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम, विशाखापत्तनम, जबलपुर और गोरखपुर को सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा गरिमा प्रदान करने की उत्कृष्ट प्रतिबद्धता केलिए सर्वश्रेष्ठ सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया। अनुमानित 66 करोड़ लोगों के भाग लेने वाले विश्व के सबसे बड़े महाकुंभ के दौरान बेहतरीन शहरी अपशिष्ट प्रबंधन केलिए उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला अधिकारी और प्रयागराज नगर निगम को विशेष पुरस्कार दिए गए।