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Thursday 10 July 2025 01:15:47 PM
विंडहोक (नामीबिया)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्विट्सचिया मिराबिलिस' से नवाजा गया है। यह सम्मान नामीबिया की राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने उन्हें समारोहपूर्वक प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सम्मान पानेवाले पहले भारतीय नेता हैं। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान 140 करोड़ भारतवासियों और भारत-नामीबिया के ऐतिहासिक एवं स्थायी संबंधों को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान केलिए राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा और नामीबिया की जनता का ह्रदय से आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह सम्मान भारत-नामीबिया केबीच द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों के युवाओं केलिए विशेष द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने हेतु प्रेरणा का स्रोत है। पांच देशों की यात्रा के अंतिम चरण में वे नामीबिया पहुंचे, जहां राजधानी विंडहोक स्थित स्टेट हाउस में नामीबिया की राष्ट्रपति ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गौरतलब हैकि बीते 27 वर्ष में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नामीबिया की यह पहली यात्रा है।
नामीबिया की नेशनल असेम्बली की स्पीकर सारा कुगोंगेल्वा के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया की संसद को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि नामीबिया की ओरसे इस तरह के विशेष भाव ने उनकी नामीबिया की राजकीय यात्रा को औरभी सार्थक बना दिया। प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की जननी और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की ओरसे प्रतिष्ठित सदन के सदस्यों और नामीबिया की मैत्रीपूर्ण जनता को शुभकामनाएं दीं। दोनों देशों केबीच ऐतिहासिक संबंधों और स्वतंत्रता केलिए अपने साझा संघर्ष को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने नामीबिया के संस्थापक डॉ सैम नुजोमा की विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहाकि दोनों देशों के संस्थापकों के समर्थित लोकतांत्रिक मूल्य और सिद्धांत दोनों देशों में प्रगति के पथ को प्रकाशित करते रहेंगे। उन्होंने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने में नामीबिया की सरकार और जनता की भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता, समानता और न्याय के प्रहरी के रूपमें दोनों देशों से वैश्विक दक्षिण की बेहतरी केलिए काम करने का आह्वान किया, ताकि वहां के लोगों की आवाज़ न केवल सुनी जाए, बल्कि उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को भी पूरी तरह साकार किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत हमेशा अफ्रीका की प्रगति केलिए काम करेगा, जैसाकि उसने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान किया था, जब अफ्रीकी संघ को इस समूह का स्थायी सदस्य बनाया गया था। उन्होंने कहाकि भारत को नामीबिया और महाद्वीप के अन्य देशों केसाथ अपने विकास के अनुभव साझा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, भारत क्षमता निर्माण, कौशल विकास, स्थानीय नवाचार को बढ़ावा देने और अफ्रीका के एजेंडा-2063 का समर्थन करने केलिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे बच्चों को न केवल वह आज़ादी विरासत में मिले, जिसके लिए हमने संघर्ष किया, बल्कि वह भविष्य भी मिले जिसका निर्माण हम मिलकर करेंगे। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा ने इस अवसर पर द्विपक्षीय संबंधों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष नामीबिया के संस्थापक डॉ सैम नुजोमा के निधन पर शोक व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने रक्षा, समुद्री सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और यूपीआई, कृषि, स्वास्थ्य और फार्मा, ऊर्जा तथा महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा ने द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए कहाकि इसमें अबभी पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना शेष है। उन्होंने भारत-एसएसीयू पीटीए पर चर्चा में तेजी लाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत नामीबियाई विशेषज्ञों केलिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिए विकास सहयोग के प्रयासों को बढ़ाएगा और नामीबिया में विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना में साझेदारी की संभावनाओं का पता लगाएगा। प्रधानमंत्री ने कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के क्षेत्रोंमें त्वरित प्रभाव विकास परियोजनाओं केलिए भारत के समर्थन की पेशकश की। नरेंद्र मोदी ने कृषि कार्यों केलिए ड्रोन के उपयोग में भारत के अनुभव को साझा किया, यह एक ऐसी परियोजना है जो नामीबिया केलिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है। प्रधानमंत्री ने भारत में चीता संरक्षण परियोजना में नामीबिया के सहयोग केलिए राष्ट्रपति नंदी-नदैतवाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने नामीबिया को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने केलिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने आपसी हितों के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले केबाद भारत के लोगों को दिए गए मज़बूत समर्थन और एकजुटता केलिए नामीबिया का आभार जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई को मज़बूत करने पर सहमत हुए। उन्होंने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को बुलंद करने केलिए मिलकर काम करने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं की मौजूदगी में स्वास्थ्य और उद्यमिता के क्षेत्रमें दो समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया और यह घोषणा भी की गईकि नामीबिया आपदारोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल हो गया है और यह यूपीआई तकनीक अपनाने केलिए लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश है। राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा ने प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति नंदी-नदैतवा को भारत आने का निमंत्रण दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने हीरोज एकर स्मारक पर जाकर नामीबिया के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति डॉ सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने डॉ सैम नुजोमा को एक दूरदर्शी नेता के रूपमें याद किया, जिन्होंने नामीबिया की स्वतंत्रता के संघर्ष में अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनकी विरासत दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करती है। उन्होंने उल्लेख कियाकि डॉ सैम नुजोमा भारत के महान मित्र थे और वर्ष 1986 में नई दिल्ली में नामीबिया के पहले राजनयिक मिशन की स्थापना के दौरान उनकी गरिमामयी उपस्थिति को भारत के लोग हमेशा याद रखेंगे।