स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 2 May 2025 04:48:13 PM
नई दिल्ली। हिंडन एयरबेस से तथागत भगवान गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेष को वियतनाम केलिए रवाना कर दिया गया है। इससे पहले अनुयायियों और श्रद्धालुओं के एक विशाल समूह ने प्रार्थना की और सारनाथ स्थित भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष के अंतिम दर्शन में भाग लिया, जिसे एकदिन केलिए राष्ट्रीय संग्रहालय परिसर में रखा गया था। सारनाथ से पवित्र बुद्ध अवशेष संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस समारोह केलिए वियतनाम भेजे गए हैं। माना जाता हैकि ये प्रतिष्ठित अवशेष 246 ईस्वी से भी पुराने हैं, जिन्हें मूल रूपसे नागार्जुनकोंडा आंध्रप्रदेश से खुदाई करके निकाला गया था और यह महाबोधि सोसायटी सारनाथ के संरक्षण में है। भारत के अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, आंध्र प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री कंडुला दुर्गेश, भारत के प्रतिष्ठित भिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ आज सुबह विशेष भारतीय विमान से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष हो ची मिन्ह सिटी पहुंच गए।
भगवान बुद्ध की प्रार्थना में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों में वियतनाम के राजदूत गुयेन थान हाई भी शामिल थे। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष को जब राष्ट्रीय संग्रहालय से आदरपूर्वक ले जाया जा रहा था तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु संग्रहालय के द्वार पर उमड़ पड़े। वियतनाम में पवित्र अवशेष प्रदर्शनी और संयुक्तराष्ट्र दिवस वेसाक समारोह में भाग लेनेवाले बौद्ध भिक्षुओं, भिक्षुणियों और प्रतिनिधियों को लेकर वाहनों का काफिला हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा, जहां उन्हें पूरे राजकीय सम्मान केसाथ वियतनाम की आगे की यात्रा केलिए विदाई दी गई। एक विशेष संकेत के रूपमें लगभग 120 भिक्षु पवित्र अवशेष को श्रद्धांजलि देने केलिए वियतनाम से आए थे और फिर पवित्र अवशेष प्राप्त करके स्वदेश लौट गए। वियतनाम बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष मोस्ट वेन थिक ह्वे थोंग ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। आईबीसी के उपाध्यक्ष और वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय के स्थायी कुलपति मोस्ट वेन डॉ थिच नहत तु भी पवित्र अवशेष प्राप्त करने केलिए विशेष रूप से यहां आए थे।
गौरतलब हैकि भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ नई दिल्ली के सहयोग से 3 से 21 मई 2025 तक वियतनाम के चार शहरों में पहलीबार पवित्र अवशेष प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। तथागत भगवान गौतम बुद्ध का जन्मस्थान कपिलवस्तु केपास लुम्बिनी है, जो वर्तमान में नेपाल में है। वे भारतीय आध्यात्मिक शिक्षक थे, जिन्होंने बौद्धधर्म की स्थापना की, जोकि विश्व के कई देशों में करोड़ों अनुयायियों केबीच शांति अहिंसा के रूपमें फलफूल रहा है। वियतनाम के धार्मिक और जातीय मामलों के मंत्री दाओ नोक डुंग, हो ची मिन्ह सिटी पीपुल्स कमेटी के स्थायी उपाध्यक्ष डुओंग नोक हाई, वियतनाम बौद्ध संघ के सुप्रीम पैट्रिआर्क थिच ट्री क्वांग और वियतनाम बौद्ध संघ के सम्मानित भिक्षुओं ने पवित्र अवशेषों और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का स्वागत किया। हवाई अड्डे पर विशेष औपचारिक प्रार्थनाओं के बाद वियतनाम बौद्ध संघ के सुप्रीम पैट्रिआर्क की अगुवाई में पवित्र अवशेषों को हो ची मिन्ह सिटी के थान टैम मठ में स्थापित किया गया। इस अवसर पर भारत के पवित्र बोधि वृक्ष का एक पौधा भी केंद्रीय मंत्री और वियतनाम बौद्ध संघ के सुप्रीम पैट्रिआर्क ने बौद्ध विश्वविद्यालय हो ची मिन्ह सिटी में लगाया। पवित्र अवशेष 7 मई 2025 तक थान टैम मठ में रहेंगे, इसके बाद 21 मई 2025 तक तै निन्ह, हा नोई और हा नाम प्रांतों में उन्हें दर्शन के लिए रखा जाएगा।
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष सारनाथ के पवित्र स्थल से यहां लाए गए हैं, जो भगवान बुद्ध का प्रथम उपदेश का स्थल है। पवित्र अवशेष दुनियाभर के बौद्ध समुदाय के लिए विशेष महत्व रखते हैं और इन्हें पहली बार वियतनाम लाया गया है। वियतनाम सरकार के सहयोग से वियतनाम बौद्ध संघ ने दोनों देशों के बीच आपसी व्यवस्था के अनुसार वियतनाम में पवित्र अवशेषों के लिए स्थानीय समर्थन दिया है। वेसाक के संयुक्त राष्ट्र दिवस तथा भारत और वियतनाम के बीच गहरे संबंधों के संदर्भ में बौद्ध आध्यात्मिक मान्यताओं और कला एवं संस्कृति से संबंधित ऐतिहासिक संबंधों के बारे में एक विशेष प्रदर्शनी भी इस दौरान वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय, हो ची मिन्ह सिटी में प्रदर्शित की जाएगी। एक भारतीय सांस्कृतिक समूह 5-13 मई 2025 के बीच हो ची मिन्ह सिटी, ताय निन्ह, हा नोई और अन्य स्थानों पर शाक्यमुनि बुद्ध के जीवन और संदेशों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक विशेष नृत्य-नाटक गौतम बुद्ध की यात्रा प्रस्तुत करने केलिए भारत से यात्रा पर जाएगा। भारत और वियतनाम के लोगों के बीच मजबूत संबंधों को बहुमूल्य मानते हुए भारत कामना करता हैकि पवित्र अवशेषों की वियतनाम यात्रा तथा अन्य संबंधित गतिविधियां भारत और वियतनाम के घनिष्ठ संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाएंगी।