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Thursday 1 May 2025 05:41:42 PM
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में भारत के अपनी तरह के पहले विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन वेव्स-2025 का उद्घाटन किया है। वेव्स चार दिवसीय शिखर सम्मेलन है, इसका टैगलाइन ‘कनेक्टिंग क्रिएटर्स, कनेक्टिंग कंट्रीज’ है, जो दुनियाभर के क्रिएटर्स, स्टार्टअप्स, उद्योग प्रमुखों और नीति निर्माताओं को एकसाथ लाकर भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के एक वैश्विक केंद्र के रूपमें स्थापित करने केलिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने आज मनाए जारहे महाराष्ट्र दिवस और गुजरात राज्य स्थापना दिवस पर भी लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि 100 से अधिक देशों के कलाकार, नवोन्मेषक, निवेशक और नीति निर्माता प्रतिभा और रचनात्मकता के वैश्विक इकोसिस्टम की आधारशिला रखने केलिए एकसाथ एक मंच पर आए हुए हैं। उन्होंने कहाकि वेव्स केवल एक संक्षिप्त नाम नहीं है, बल्कि संस्कृति, रचनात्मकता और सार्वभौमिक संपर्क का प्रतिनिधित्व करने वाली एक लहर है, यह शिखर सम्मेलन फिल्मों, संगीत, गेमिंग, एनीमेशन और कहानी कहने की विशाल दुनिया को प्रदर्शित करने केसाथ कलाकारों और रचनाकारों को जुड़ने एवं सहयोग केलिए वैश्विक मंच उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेव्स शिखर सम्मेलन में भारत के समृद्ध सिनेमाई इतिहास पर कहाकि 3 मई 1913 को भारत की पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज़ हुई थी, जिसका निर्देशन अग्रणी फिल्म निर्माता दादासाहब फाल्के ने किया था। उन्होंने स्मरण कियाकि दादासाहब फाल्के की जयंती एक दिन पहलेही मनाई गई। उन्होंने बीती शताब्दी में भारतीय सिनेमा ने भारत के सांस्कृतिक सार को दुनिया के हर कोने में सफलतापूर्वक पहुंचाया है। उन्होंने रूस में राज कपूर की लोकप्रियता, कान्स में सत्यजीत रे की वैश्विक पहचान और आरआरआर की ऑस्कर सफलता का उल्लेख किया और कहाकि भारतीय फिल्म निर्माता वैश्विक आख्यानों को आकार देना जारी रख हुए हैं। उन्होंने गुरु दत्त की सिनेमाई कविता, ऋत्विक घटक के सामाजिक प्रतिबिंब, एआर रहमान की संगीत प्रतिभा और एसएस राजामौली की महाकाव्य कहानी कहने की कला को स्वीकार किया और कहाकि इनमें से प्रत्येक कलाकार ने दुनियाभर में लाखों लोगों केलिए भारतीय संस्कृति को जीवंत किया है। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भारतीय सिनेमा के दिग्गजों को स्मारक डाक टिकटों के माध्यम से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि कुछ वर्ष में उन्होंने गेमिंग, संगीत, फिल्म निर्माण, अभिनय के पेशेवरों केसाथ विचारों और अंतर्दृष्टिकोण पर चर्चा की है, जिससे रचनात्मक उद्योगों के बारेमें उनकी समझ गहरी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर एक अनूठी पहल की जानकारी दी, जहां 150 देशों के गायक लगभग 500-600 वर्ष पहले नरसिंह मेहता के भजन 'वैष्णव जन तो' का प्रदर्शन करने केलिए एकसाथ आए थे। उन्होंने कहाकि भारत की रचनात्मक दुनिया की सामूहिक शक्ति अंतर्राष्ट्रीय सहयोग केसाथ मिलकर पहलेही अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुकी है और यह दृष्टिकोण अब वेव्स के रूपमें साकार हुआ है। नरेंद्र मोदी ने वेव्स शिखर सम्मेलन के पहले संस्करण की शानदार सफलता की प्रशंसा करते हुए कहाकि अपने पहलेही क्षण से इसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है और यह उद्देश्य से परिपूर्ण है। उन्होंने शिखर सम्मेलन के सलाहकार बोर्ड के समर्पण प्रयासों की सराहना की और रचनात्मक उद्योग में वेव्स को एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने व्यापक स्तरपर क्रिएटर्स चैलेंज और क्रिएटोस्फीयर पहल का भी उल्लेख किया, जिसमें 60 देश के लगभग 100000 रचनात्मक पेशेवरों ने भाग लिया, जिनमें 800 फाइनलिस्ट चुने गए हैं, उनकी प्रतिभा को पहचाना गया है। प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहाकि अब उनके पास वैश्विक रचनात्मक मंच पर अपनी पहचान बनाने का अवसर है। उन्होंने वेव्स शिखर सम्मेलन में प्रदर्शित रचनात्मक विकास केप्रति उत्साह व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए रचनाकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें उभरते बाजारों से जोड़ने की क्षमता को देखते हुए वेव्स बाज़ार पहल की जानकारी दी। उन्होंने कला उद्योग में खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने की अवधारणा की प्रशंसा करते हुए कहाकि इस तरहकी पहल रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है और कलाकारों केलिए अवसर प्रदान करती है। रचनात्मकता और मानवीय अनुभव केबीच गहरे संबंध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि एक बच्चे की यात्रा मां की लोरी से शुरू होती है, जो ध्वनि और संगीत से उनका पहला परिचय है और जिस तरह एक माँ अपने बच्चे केलिए सपने बुनती है, उसी तरह रचनात्मक पेशेवर एक युग के सपनों को आकार देते हैं। उन्होंने कहाकि वेव्स का उद्देश्य ऐसे दूरदर्शी व्यक्तियों को एकसाथ लाना है, जो अपनी कला के जरिए पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करते हैं एवं आनेवाले वर्ष में वेव्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने अपने उद्योग के समकक्षों से उसी स्तर का समर्थन और सहयोग जारी रखने का आग्रह किया, जिसने शिखर सम्मेलन के पहले संस्करण को सफल बनाया था। उन्होंने घोषणा कीकि भविष्य में वेव्स पुरस्कारों का शुभारंभ किया जाएगा, जो स्वयं को कला और रचनात्मकता की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित सम्मान के रूपमें स्थापित करेंगे। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर है, यह वैश्विक फिनटेक में नंबर एक स्थान रखता है, दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है और दुनियाभर में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत न केवल एक अरब से अधिक आबादी का घर है, बल्कि एक अरब से अधिक कहानियों का भी घर है। उन्होंने याद दिलायाकि दो हज़ार साल पहले भरत मुनि के नाट्य शास्त्र ने भावनाओं और मानवीय अनुभवों को आकार देने में कला की शक्ति पर बल दिया था। उन्होंने कहाकि सदियों पहले कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम ने शास्त्रीय नाटक में एक नई दिशा प्रस्तुत की थी। प्रधानमंत्री ने भारत की गहरी सांस्कृतिक जड़ों को रेखांकित करते हुए कहाकि हर गली की एक कहानी है, हर पहाड़ का एक गीत है और हर नदी एक धुन गुनगुनाती है। उन्होंने कहाकि भारत के छह लाख गांव में से प्रत्येक की अपनी लोक परंपराएं और अनूठी कहानी कहने की शैली है, जहां समुदाय लोकगीतों के जरिए अपने इतिहास को संरक्षित करते हैं। उन्होंने भारतीय संगीत के आध्यात्मिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहाकि चाहे वह भजन हो, ग़ज़ल हो, शास्त्रीय रचनाएं हों या समकालीन धुनें हों, हर धुन में एक कहानी होती है और हर लय में एक आत्मा होती है। नरेंद्र मोदी ने वेव्स शिखर सम्मेलन में भारत की गहरी जड़ों वाली कलात्मक और आध्यात्मिक विरासत को रेखांकित किया, जिसमें नाद ब्रह्म, दिव्य ध्वनि की अवधारणा पर बल दिया गया है। उन्होंने कहाकि भारतीय पौराणिक कथाओं ने हमेशा संगीत और नृत्य से दिव्यता को व्यक्त किया है, भगवान शिव के डमरू को पहली ब्रह्मांडीय ध्वनि, देवी सरस्वती की वीणा को ज्ञान की लय, भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी को प्रेम का शाश्वत संदेश और भगवान विष्णु के शंख को सकारात्मक ऊर्जा के आह्वान के रूपमें उद्धृत किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि शिखर सम्मेलन में मंत्रमुग्ध करनेवाली सांस्कृतिक प्रस्तुति भी इस समृद्ध विरासत को दर्शाती है। उन्होंने ‘यह सही समय है’ की घोषणा करते हुए भारत के क्रिएट इन इंडिया, क्रिएट फॉर द वर्ल्ड के दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कहाकि देश की कहानी कहने की परंपरा हजारों वर्ष तक फैली एक अमूल्य निधि प्रदान करती है, भारत की कहानियां कालातीत, विचार प्रेरक और वास्तव में वैश्विक हैं, जिनमें न केवल सांस्कृतिक विषय शामिल हैं, बल्कि विज्ञान, खेल, साहस और बहादुरी भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की कहानी कहने की कला में विज्ञान, कल्पना का मिश्रण है तथा वीरता और नवाचार का मिश्रण है, जिससे एक विशाल और विविधतापूर्ण रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है। उन्होंने वेव्स मंच से भारत की असाधारण कहानियों को दुनिया केसाथ साझा करने की जिम्मेदारी लेने और उन्हें नए एवं आकर्षक प्रारूपों से भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने लोगों के पद्म पुरस्कारों और वेव्स शिखर सम्मेलन के पीछे के दृष्टिकोण केबीच समानताएं बताते हुए कहाकि दोनों पहलों का उद्देश्य भारत के हर कोने से प्रतिभा को पहचानना और उनका उत्थान करना है। उन्होंने कहाकि पद्म पुरस्कार स्वतंत्रता के कुछवर्ष बाद शुरू हुए थे, लेकिन जब भारत ने दूरदराज के क्षेत्रों से राष्ट्र की सेवा करने वाले व्यक्तियों को मान्यता देते हुए लोगों के पद्म को अपनाया तो वे वास्तव में बदल गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस बदलाव ने पुरस्कारों को एक समारोह से राष्ट्रीय उत्सव में बदल दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि वेव्स फिल्मों, संगीत, एनीमेशन और गेमिंग में भारत की अपार रचनात्मक प्रतिभा केलिए एक वैश्विक मंच के रूपमें कार्य करेगा, जिससे सुनिश्चित होगाकि देश के हर हिस्से के कलाकारों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान मिले। उन्होंने कहाकि भारत के सभ्यतागत खुलेपन ने पारसियों और यहूदियों जैसे समुदायों का स्वागत किया है, जो देश में पनपे हैं और इसके सांस्कृतिक ताने-बाने का अभिन्न अंग बन गए हैं। उन्होंने विभिन्न देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए कहाकि प्रत्येक राष्ट्र की अपनी सफलताएं और योगदान हैं। उन्होंने कहाकि भारत की शक्ति वैश्विक कलात्मक उपलब्धियों का सम्मान करने और उनका उत्सव मनाने में निहित है, जो रचनात्मक सहयोग केलिए देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। उन्होंने कहाकि विभिन्न संस्कृतियों और राष्ट्रों की उपलब्धियों को दर्शाने वाली सामग्री बनाकर वेव्स वैश्विक संपर्क और कलात्मक आदान-प्रदान के दृष्टिकोण को मजबूत कर सकता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक रचनात्मक समुदाय को आमंत्रित करते हुए उन्हें आश्वासन दियाकि भारत की कहानियों से जुड़ने से उनकी अपनी संस्कृतियों केसाथ गहराई से प्रतिध्वनित होनेवाली कथाएं सामने आएंगी। उन्होंने कहाकि भारत की समृद्ध कहानी कहने की परंपरा में ऐसे विषय और भावनाएं हैं, जो सीमाओं से परे हैं, जो एक स्वाभाविक और सार्थक संबंध बनाती हैं। उन्होंने कहाकि भारत की कहानियों का पता लगाने वाले अंतर्राष्ट्रीय कलाकार और रचनाकार देश की विरासत केसाथ एक जैविक बंधन का अनुभव करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह सांस्कृतिक तालमेल भारत के क्रिएट इन इंडिया के दृष्टिकोण को दुनिया केलिए औरभी अधिक आकर्षक और सुलभ बना देगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह भारत में ऑरेंज इकोनॉमी के उदय का समय है, विषय, रचनात्मकता और संस्कृति-ऑरेंज इकोनॉमी के तीन स्तंभ हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय फिल्में 100 से अधिक देशों के दर्शकों तक पहुंच चुकी हैं और अंतर्राष्ट्रीय दर्शक सामान्य प्रशंसा से परे जाते हुए भारतीय सिनेमा को समझने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उपशीर्षक केसाथ भारतीय सामग्री देखने वाले अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों की बढ़ती प्रवृत्ति का भी उल्लेख किया, जो भारत की कहानियों केसाथ गहरे जुड़ाव का संकेत देता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत का ओटीटी उद्योग हाल के वर्षों में दस गुना वृद्धि का साक्षी है। उन्होंने कहाकि स्क्रीन का आकार भले ही छोटा हो रहा हो, लेकिन सामग्री का दायरा असीमित है, जिसमें माइक्रो स्क्रीन बड़े संदेश दे रही हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय व्यंजन वैश्विक पसंदीदा बन रहे हैं और विश्वास व्यक्त कियाकि भारतीय संगीत जल्दही दुनियाभर में इसी तरह की पहचान हासिल करेगा। भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था की अपार संभावनाओं पर उन्होंने कहाकि आने वाले वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान काफी बढ़ जाएगा। उन्होंने कहाकि भारत फिल्म निर्माण, डिजिटल सामग्री, गेमिंग, फैशन और संगीत केलिए एक वैश्विक केंद्र के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने लाइव कॉन्सर्ट उद्योग में आशाजनक विकास के अवसरों और वैश्विक एनीमेशन बाजार में अपार संभावनाओं का उल्लेख किया, जो वर्तमान में 430 बिलियन डॉलर से अधिक है और अगले दशक में दोगुना होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भारत के एनीमेशन और ग्राफिक्स उद्योग केलिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है। उन्होंने हितधारकों से इसका लाभ उठाकर अधिक अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बनाने का आग्रह किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि चाहे गुवाहाटी के संगीतकार हों, कोच्चि के पॉडकास्टर हों, बेंगलुरु के गेम डिजाइनर हों या पंजाब के फिल्म निर्माता हों, उनका योगदान भारत के बढ़ते रचनात्मक क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने आश्वासन दियाकि सरकार रचनात्मक पेशेवरों के पीछे मजबूती से खड़ी है, उन्हें स्किल इंडिया, स्टार्टअप सपोर्ट, एवीजीसी इंडस्ट्री केलिए नीतियों और वेव्स जैसे वैश्विक प्लेटफार्म के जरिए समर्थन दे रही है। उन्होंने कहाकि ऐसा माहौल बनाने केलिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है जहां नवाचार और कल्पना को महत्व दिया जाता है, नए सपनों को बढ़ावा दिया जाता है और व्यक्तियों को उन सपनों को जीवन में लाने केलिए सशक्त बनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने भारत के कंटेंट क्रिएटर्स पर अपना अटूट विश्वास व्यक्त करते हुए कहाकि उनकी मुक्त प्रवाह वाली रचनात्मकता वैश्विक रचनात्मक परिदृश्य को फिरसे परिभाषित कर रही है। उन्होंने कहाकि युवा रचनाकारों, गेमर्स और डिजिटल कलाकारों केसाथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत से उन्होंने भारत के रचनात्मक इकोसिस्टम से उभरने वाली ऊर्जा और प्रतिभा को प्रत्यक्ष रूपसे देखा है। उन्होंने स्वीकार कियाकि भारत की विशाल युवा आबादी रील, पॉडकास्ट और गेम से लेकर एनिमेशन, स्टैंडअप और एआर वीआर फॉर्मेट तक नए रचनात्मक आयामों को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वेव्स एक ऐसा मंच है, जिसे विशेष रूपसे इसी पीढ़ी केलिए डिज़ाइन किया गया है, जो युवा सोच को अपनी ऊर्जा और दक्षता केसाथ रचनात्मक क्रांति को फिरसे कल्पित और परिभाषित करने में सक्षम बनाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि लक्ष्य रोबोट बनाना नहीं है, बल्कि उच्च संवेदनशीलता, भावनात्मक गहराई और बौद्धिक समृद्धि वाले व्यक्तियों का पोषण करना है और ऐसे गुण जो केवल सूचना अधिभार या तकनीकी गति से नहीं आ सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि कला, संगीत, नृत्य और कहानी कहने के रूपों ने हजारों वर्ष से मानवीय संवेदनाओं को जीवित रखा है। उन्होंने रचनात्मक लोगों से इनको सुदृढ़ करने और अधिक संवेदनशील भविष्य का निर्माण करने का आग्रह किया। उन्होंने युवा पीढ़ियों को विभाजनकारी और हानिकारक विचारधाराओं से बचाने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहाकि वेव्स सांस्कृतिक अखंडता को बनाए रखने और सकारात्मक मूल्यों को स्थापित करने केलिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूपमें काम कर सकता है। उन्होंने चेताया भी किकि इस जिम्मेदारी की उपेक्षा करने से आनेवाली पीढ़ियों केलिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों, रचनाकारों से भारत को अपने कंटेंट प्लेग्राउंड के रूपमें अपनाने और देश के विशाल रचनात्मक इकोसिस्टम का पता लगाने केलिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने उनसे बड़े सपने देखने और अपनी कहानी कहने का आग्रह किया। उन्होंने निवेशकों को न केवल इस प्लेटफॉर्म, बल्कि लोगों में निवेश करने केलिए प्रोत्साहित किया और भारतीय युवाओं काअपनी एक अरब अनकही कहानियों को दुनिया केसाथ साझा करने का आह्वान किया। वेव्स शिखर सम्मेलन में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार, विश्व से रचनात्मक जगत के दिग्गज, देश-विदेश के सूचना, संचार, कला और संस्कृति विभाग के मंत्री, राजदूत भी उपस्थित थे।