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Friday 27 September 2024 01:50:11 PM
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार ने दावा किया हैकि उसको यह सूचना मिली थीकि कुछ वेबसाइटें भारतीय नागरिकों की संवेदनशील व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी, जिसमें आधार और पैन कार्ड के विवरण शामिल हैं को उजागर कर रही हैं, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है। मंत्रालय का यह भी दावा हैकि सरकार सुरक्षित साइबर सुरक्षा प्रथाओं और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इस संदर्भ में ऐसी वेबसाइटों को ब्लॉक करने की तुरंत कार्रवाई करती है। भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकरण आधार ने टार्गेटेड डिलीवरी ऑफ फाइनेंशियल एंड अदर सब्सिडीज बेनिफिट्स एंड सर्विसेज अधिनियम-2016 की धारा 29(4) के अंतर्गत आधार जानकारी के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध के उल्लंघन केलिए पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी गई है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना हैकि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) ने ब्लॉक की गईं वेबसाइटों का गहनता से विश्लेषण किया और उनमें कुछ सुरक्षा खामियां पाई गईं। संबंधित वेबसाइटों के संचालनकर्ताओं को उनकी वेबसाइटों की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अवसंरचनाओं को मजबूत करने और कमजोरियों को ठीक करने केलिए आवश्यक कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन दिया गया है। सीईआरटी-इन ने सभी आईटी एप्लिकेशन का उपयोग करने वाले संगठनों केलिए सुरक्षित अनुप्रयोग डिजाइन, विकास, कार्यांवयन और संचालन केलिए पुन: दिशा निर्देश जारी किए हैं। सीईआरटी-इन ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 के तहत सूचना सुरक्षा प्रथाओं, प्रक्रियाओं, रोकथाम, प्रतिक्रिया और साइबर घटनाओं की रिपोर्टिंग से संबंधित भी निर्देश दिए हैं। एमईआईटीवाई ने सूचना प्रौद्योगिकी (यथार्थ सुरक्षा प्रथाओं और प्रक्रियाओं और संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा या जानकारी) नियम-2011 को अधिसूचित किया है, जो संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के गैर प्रकाशन और गैर प्रकटीकरण का प्रावधान करता है।
आईटी अधिनियम की धारा 46 के अंतर्गत गौरतलब हैकि किसीभी प्रतिकूल रूपसे प्रभावित पक्ष को शिकायत दर्ज करने और मुआवजे की मांग केलिए निर्णय अधिकारी से संपर्क करने का अधिकार है। राज्यों के आईटी सचिवों को आईटी अधिनियम में निर्णय अधिकारियों के रूपमें सशक्त किया गया है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 पहलेही लागू किया जा चुका है और इस अधिनियम में नियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया उन्नत चरण में है। सरकार ने उद्योग और नागरिकों को इसके प्रभाव के बारेमें जागरुक करने के उद्देश्य से एक जागरुकता कार्यक्रम भी शुरू किया है। यह विभिन्न हितधारकों केबीच व्यक्तिगत डेटा के जिम्मेदार उपयोग और उन सक्रिय उपायों के बारेमें राष्ट्रव्यापी जागरुकता और समझ बनाने में मदद करेगा, जिससे विभिन्न संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत डेटा के अनावश्यक प्रदर्शन पर रोक लगेगी।