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असम में विज्ञान एवं वैज्ञानिक शिक्षा को प्रोत्साहन

जोरहाट में विज्ञान केंद्र एवं प्लैनिटेरियम का शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 July 2013 09:32:04 AM

जोरहाट, असम। केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने शनिवार को असम में जोरहाट विज्ञान केंद्र एवं प्लैनिटेरियम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क के ज़रिए विज्ञान एवं वैज्ञानिक शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है, देश में अब तक 48 केंद्र खोले जा चुके हैं और 7 खोले जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि खासतौर से स्कूली बच्चों को इस विशिष्ट केंद्र और इसकी गतिविधियों से फायदा होगा।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने कहा कि जोरहाट असम के प्राचीनतम शहरों में से एक है तथा यह खुशी की बात है कि असम में इस संस्थान का पहला केंद्र खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जोरहाट न सिर्फ मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र है, बल्कि यह ऊपरी असम और नगालैंड का प्रवेश द्वार भी है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने कहा कि कहा जाता है कि असम का नाम अहोम साम्राज्य के नाम पर पड़ा है। जोरहाट अहोम साम्राज्य की राजधानी था। यह असमी संस्कृति का केंद्र है तथा यहां माजुली एवं काजीरंगा नेशनल पार्क जैसे प्रसिद्ध स्थल हैं। उन्होंने कहा कि यह सरायघाट के युद्ध में नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध अहोम जनरल लचित बोरपुकन का घर है जहां उन्होंने महान मुगल सेना को पराजित किया था।
चंद्रेश कुमारी कटोच ने कहा कि ऐसा विज्ञान केंद्र मोटे तौर पर लोगों में और खासतौर से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति एवं जागरूकता पैदा करने के लिए है। संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संग्रहालय विज्ञान परिषद ने असम और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए इस केंद्र को डिज़ाइन और विकसित किया है। उन्होंने कहा कि जनता और खासतौर से विद्यार्थियों एवं बच्चों को विज्ञान और अंतरिक्ष की अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यह केंद्र और असम सरकार की अनोखी पहल है।
कटोच ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर विशेष बल दिया था तथा उन्होंने अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं एवं उद्योगों की स्थापना की थी। नेहरू उन्हें आधुनिक भारत के मंदिर कहा करते थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नेतृत्व में भारत ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की जो सूचना एवं दूरसंचार क्षेत्र में महसूस की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अब भारत को अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल हैं।

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