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यूएन में भारतीय सेना की बड़ी भागीदारी

संयुक्तराष्ट्र में भारत सैनिकों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता

राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 May 2024 06:12:46 PM

big participation of indian army in un

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने आज संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों के 76वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस का स्मरणोत्सव मनाया। नई दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पितकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उपसेना प्रमुख (सूचना प्रणाली एवं समन्वय) लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, संयुक्तराष्ट्र संगठन के अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। आज ही वह दिन भी है, जब वर्ष 1948 में संयुक्तराष्ट्र के पहले शांति मिशन के अंतर्गत संयुक्तराष्ट्र युद्धविराम पर्यवेक्षण संगठन ने फिलिस्तीन में सामरिक गतिविधियां शुरू की थीं। आजके दिन हर वर्ष संयुक्तराष्ट्र और दुनियाभर के तमाम देश उन पुरुष एवं महिला सैनिकों की कार्यकुशलता, समर्पण और साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने संयुक्तराष्ट्र शांति अभियान में अपनी सेवाएं दी हैं या अभीभी सेवा दे रहे हैं। यह दिन उन लोगों के बलिदान की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिन्होंने शांति केलिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का यूएन में अपने सैनिकों का सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश है। भारत ने अबतक विभिन्न शांति अभियानों में लगभग 287000 सैनिकों की सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। भारतीय सेना ने यूएन में कठिन सैन्य अभियानों में चुनौतीपूर्ण इलाकों और विपरीत परिचालन स्थितियों में काम किया है। इसके अलावा संयुक्तराष्ट्र के आदेशों का सम्मान रखने केलिए सर्वोच्च बलिदान देने तक अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया है। यह उल्लेखनीय तथ्य हैकि भारतीय सेना के 160 जवानों ने दुनियाभर में शांति सुनिश्चित करने केलिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वर्तमान समय में भारतीय सशस्त्र बल नौ देशों के शांति मिशनों में तैनात हैं, जिनके नाम हैं-यूएनडीओएफ, यूएनआईएफआईएल, यूएनटीएसओ, यूएनएफआईसीवाईपी, एमओएनयूएससीओ, यूएनएमआईएसएस, यूएनआईएफएसए, एमआईएनयूएससीए और एमआईएनयूआरएसओ।
भारत संयुक्तराष्ट्र, मेजबान देशों और साझेदार देशों केलिए क्षमता विकसित करने में भी सबसे आगे है। भारत ने हमेशा चुस्त एवं लचीली इकाइयां, शांति रक्षक प्रशिक्षण, रसद सहायता, लैंगिक समानता के विस्तार और तकनीकी संवर्द्धन में योगदान देकर संयुक्तराष्ट्र की गतिविधियों में सहयोग करने का प्रयास किया है। भारत ने प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा विकास और नागरिक सैन्य समन्वय गतिविधियां प्रदान करके भी मेजबान देश की क्षमता विकास केलिए सक्रिय रूपसे सहायता उपलब्ध कराई है। भारतीय सेना की पशु चिकित्सा टुकड़ियों ने भी संयुक्तराष्ट्र के विभिन्न मिशनों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। सूडान में पशु चिकित्सा टुकड़ी के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रीत सिंह बाली की अबेई में पशुओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार लाने के प्रयासों की संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय द्वारा सराहना की जा चुकी है। भारतीय सेना ने शांति अभियानों में विशेष प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से नई दिल्ली में संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) की स्थापना भी की है। यह केंद्र हर वर्ष 12,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है।
संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना केंद्र संभावित शांति सैनिकों और प्रशिक्षकों केलिए आकस्मिक प्रशिक्षण से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रमों तक की कई गतिविधियां संचालित करता है। यह सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने के एक हिस्से के रूपमें विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी भी करता है। संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना केंद्र प्रशिक्षण के क्षेत्रमें क्षमता निर्माण में नियमित रूपसे मित्र देशों में सचल प्रशिक्षण दल भेजता है। यह संस्थान पिछले दो दशक में उत्कृष्टता के केंद्र और अनुभव तथा सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के भंडार के रूपमें विकसित हुआ है। भारतीय सेना ने संयुक्तराष्ट्र के मिशनों में भारतीय टुकड़ियों की जंगी कार्रवाई दक्षता एवं स्थिरता सुनिश्चित करने केलिए अत्याधुनिक उपकरण और वाहन तैनात किए हैं। ये वाहन एवं उपकरण भारत में निर्मित हैं और मिशनवाले क्षेत्रों में कठिन भूभाग, मौसम तथा परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं का सफलतापूर्वक सामना कर चुके हैं।
संयुक्तराष्ट्र ने मिशनों में स्थानीय महिला आबादी की चिंताओं को बेहतर ढंगसे दूर करने केलिए अपने लैंगिक समानता अभियान में महिला शांति सैनिकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से अनिवार्य लक्ष्य निर्धारित किए हैं। भारत ने संयुक्तराष्ट्र की इस महत्वपूर्ण पहल के पूर्ण सहयोग व नारी शक्ति पहल केसाथ तालमेल बिठाते हुए डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अबेई (लाइबेरिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी भारतीय महिला टुकड़ी) में महिला सहभागिता दल तैनात किए हैं। भारत ने गोलान हाइट्स में महिला सैन्य पुलिस और विभिन्न मिशनों में महिला स्टाफ ऑफिसर/ सैन्य पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया है। कई अन्य प्रमुख योजनाओं के अनुसार अन्य मिशनों केलिए भारत की तरफ से सैन्य योगदान भी बढ़ाया गया है। इसी क्रम में मेजर राधिका सेन को संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय द्वारा मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर 2023 से सम्मानित करने केलिए चुना गया, जो संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना पहल में भारतीय महिलाओं के सकारात्मक योगदान का प्रमाण है।
भारत ने 5-6 दिसंबर-2023 को घाना के अकरा में आयोजित संयुक्तराष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल होकर संयुक्तराष्ट्र द्वारा भविष्य की शांति स्थापना गतिविधियों केप्रति अपनी वचनबद्धता की पुनः पुष्टि की है। इस बैठक के दौरान भारत ने संयुक्तराष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अगले दो वर्ष केलिए पैदल सेना की एक टुकड़ी, विभिन्न उपसमूहों, प्रशिक्षकों हेतु संयुक्त राष्ट्र पूर्व तैनाती प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और संयुक्तराष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक पाठ्यक्रम की प्रतिबद्धता जताई है।

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