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जनरल के सुंदरजी की विरासत का उत्सव

थल सेनाध्यक्ष ने जनरल सुंदरजी की दूरदर्शिता याद की

'भारतीय सेना परिवर्तन की अनिवार्यता के प्रति सजग'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 1 May 2024 11:28:33 AM

celebrating the legacy of general k sundarji

नई दिल्ली। भारत के अग्रणी सैन्य विचारकों में से एक जनरल के सुंदरजी की विरासत का उत्सव मनाने केलिए भारतीय सेना ने मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल और सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज के तत्वावधान में मानेकशॉ सेंटर में चौथा जनरल सुंदरजी स्मृति व्याख्यान आयोजित किया। व्याख्यान में तीनों सेनाओं के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों केसाथ साहित्यकारों और विभिन्न विशेषज्ञों ने भाग लिया। व्याख्यान में उत्साही और दूरदर्शी 13वें सेनाध्यक्ष जनरल के सुंदरजी को याद किया गया, जिन्हें प्यार से 'मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट का जनक' भी कहा जाता है।
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने मुख्य वक्तव्य देते हुए जनरल सुंदरजी की दूरदर्शिता को याद किया। उन्होंने युद्धक्षेत्र के डिजिटलीकरण, सूचना संबंधी युद्धकला, प्रौद्योगिकी प्रसार, पारंपरिक रणनीतियों और बल संरचना के क्षेत्र में जनरल सुंदरजी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जो उनके 'विज़न 2100' में परिलक्षित होता है। थल सेनाध्यक्ष ने परिवर्तन पर जनरल सुंदरजी के विचारों को रेखांकित करते हुए कहाकि भारतीय सेना परिवर्तन की अनिवार्यता केप्रति सजग है और यह एक प्रगतिशील दृष्टिकोण केसाथ है, हमारा इरादा न केवल बदलाव का है, बल्कि तीव्रता से बदलाव का भी है। उन्होंने कहाकि भारतीय सेना का समग्र परिवर्तन, जिसे हमने दो साल पहले शुरू किया था एक आधुनिक, चुस्त, अनुकूली, प्रौद्योगिकी से लैस, आत्मनिर्भर और भविष्य केलिए तैयार सैन्य बल को आकार देने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है।
प्रख्यात वक्ताओं में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा ने जनरल सुंदरजी केसाथ के अपने अनुभव साझा किए और 'राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की आवश्यकता' पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त), पूर्व उपसेना प्रमुख और सदस्य राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) ने भारत के सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण: जनरल के सुंदरजी से सबक विषय पर व्याख्यान दिया। इस जानकारीपूर्ण सत्र केबाद एक प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ। एक कुशल सैनिक और दूरदर्शी जनरल सुंदरजी को भविष्य की युद्धकला और सुरक्षा प्रतिमानों में उनकी गहरी अंतर्दृष्टि और रणनीतिक दूरदर्शिता केलिए जाना जाता है। जनरल सुंदरजी का योगदान 'ऑलिव ग्रीन्स' में उनकी विशिष्ट सेवा से कहीं ज्यादा है और यह व्याख्यान उनको याद करने का एक उपयुक्त अवसर था।

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