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वायुसेना की डिजिटल यात्रा का शुभारंभ

आईएएफ और एमईआईटीवाई के बीच समझौता ज्ञापन

प्रमुख पहल डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 30 April 2024 11:23:10 AM

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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत एक प्रमुख पहल डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म केसाथ एकीकरण करके एक परिवर्तनकारी डिजिटल यात्रा का शुभारंभ किया है। नई दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय वायु भवन में एक औपचारिक कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिलॉकर की सुरक्षित और सुलभ दस्तावेज़ भंडारण सेवाओं का लाभ प्राप्त करने केलिए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अग्रणी एकीकरण सेवारत और सेवानिवृत्त भारतीय वायुसेना कर्मियों के महत्वपूर्ण सेवा प्रपत्रों को डिजिटल रूपसे जारी करने, एक्सेस करने और सत्यापित करने के तरीके में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा।
भारतीय वायुसेना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी शक्ति का उपयोग करके डेटा सुरक्षा, परिचालन दक्षता और सूचना तक निर्बाध पहुंच केलिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। अधिकृत भारतीय वायुसेना विभाग और डिवीजन अब सुरक्षित भंडारण और आसान पहुंच सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय डिजिलॉकर रिपॉजिटरी में डिजिटल रिकॉर्ड, प्रमाणपत्र और महत्वपूर्ण प्रपत्र निर्बाध रूपसे अपलोड करने में सक्षम होंगे। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को अपने व्यक्तिगत डिजिलॉकर वॉलेट के माध्यम से अपने महत्वपूर्ण प्रपत्रों जैसे सेवा प्रमाणपत्र एवं सेवा पुस्तिका अधिकारी तक सीधी पहुंच प्राप्त होगी, जिससे सुविधाजनक पुनर्प्राप्ति और सत्यापन सक्षम होगा। डिजीलॉकर केसाथ एकीकरण अग्निवीर वायु भर्ती सहित वायुसेना के भीतर विभिन्न प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा, जहां उम्मीदवार के शैक्षणिक प्रपत्रों के सत्यापन को डिजिटल रूपसे आयोजित किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
एयर वाइस मार्शल फिलिप थॉमस एसीएएस (पीओ) 1 भारतीय वायुसेना और आकाश त्रिपाठी अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एनईजीडी एमईआईटीवाई केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास को प्रदर्शित करता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण, नागरिकों और सशस्त्र बलों के तकनीकी सशक्तिकरण के माध्यम से शासन को उत्प्रेरित करने वाला बताया। करीब 269 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं और 6.73 बिलियन जारी किएगए प्रपत्रों केसाथ डिजिलॉकर तेजीसे डिजिटल प्रपत्र विनिमय मंच केलिए एक राष्ट्रीय मानक के रूपमें उभर रहा है। डिजीलॉकर केसाथ भारतीय वायुसेना का एकीकरण देश की तकनीकी शक्ति और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के प्रयासों के अनुरूप व्यापक डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

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