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'दयानंद सरस्वती जैसे व्यक्तित्व से देश धन्य'

'समाज को आधुनिकता और सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया'

राष्ट्रपति का महर्षि दयानंद सरस्वती के जयंती समारोह में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 12 February 2024 06:23:19 PM

president, birth anniversary celebration of maharishi dayanand saraswati

टंकारा (गुजरात)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महर्षि दयानंद सरस्वती की जन्मभूमि गुजरात के टंकारा में आज उनकी 200वीं जयंती पर आयोजित '200वें जन्मोत्सव ज्ञान ज्योति पर्व स्मरणोत्सव' समारोह को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत भूमि महर्षि दयानंद सरस्वती जैसी अद्भुत विभूतियों के जन्म से धन्य है, स्वामीजी ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया और सत्य को सिद्ध करने केलिए 'सत्यार्थ प्रकाश' नामक अमर ग्रंथ की रचना की। राष्ट्रपति ने कहाकि उनके आदर्शों का लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, लाला हंसराज, स्वामी श्रद्धानंद और लाला लाजपत राय जैसी महान हस्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ा, स्वामीजी और उनके असाधारण अनुयायियों ने भारत के लोगों में नई चेतना और आत्मविश्वास का संचार किया। राष्ट्रपति ने इस समारोह के आयोजन केलिए दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, महर्षि दयानंद सरस्वती स्मारक ट्रस्ट टंकारा तथा समस्त आर्य संगठनों की सराहना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि महान आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक श्री ऑरोबिंदो ने महर्षि दयानंद सरस्वती की महानता को व्यक्त करते हुए कहा थाकि वे मनुष्यों और संस्थाओं के मूर्तिकार थे। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि आर्य समाज संस्था से जुड़े लगभग 10 हजार केंद्र आज मानवता के विकास और कल्याण केलिए कार्यरत हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि महर्षि दयानंद सरस्वती ने 19वीं सदी के भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया, उन्होंने समाज को आधुनिकता और सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया, उन्होंने बाल विवाह और बहुविवाह का कड़ा विरोध किया। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया, वे नारी शिक्षा एवं नारी स्वाभिमान के प्रबल समर्थक थे, उनके द्वारा फैलाए गए प्रकाश ने रूढ़ियों और अज्ञानता के अंधकार को दूर किया, वह प्रकाश तबसे हमारा मार्गदर्शन कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि स्वामीजी के समानता तथा समावेश के आदर्शों के अनुरूप अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम संघ जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों में विद्यालय और आदिवासी युवाओं केलिए कौशल विकास केंद्र चला रहा है, इनमें छात्रों को नि:शुल्क आवास और शिक्षा प्रदान की जाती है। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुईकि आर्य समाज ने लड़कियों केलिए बालिका विद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना करके महिला सशक्तिकरण में अमूल्य योगदान दिया है और स्वामीजी की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में दो वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव के दौरान आर्य समाज ने पारिवारिक और सामाजिक सद्भाव, प्राकृतिक कृषि एवं नशामुक्ति से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जो एक स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक होंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि अगले वर्ष आर्य समाज अपनी स्थापना के 150 वर्ष पूरे करेगा और विश्वास व्यक्त कियाकि आर्य समाज से जुड़े सभी लोग एक बेहतर विश्व बनाने के स्वामीजी के दृष्टिकोण को क्रियांवित करने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।

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