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'सीए आर्थिक राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन दें'

'कर चोरी व वित्तीय धोखाधड़ी से अर्थव्यवस्था को ख़तरा'

उपराष्ट्रपति का गांधीनगर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 November 2023 12:23:34 PM

vice president and chartered accountants in gandhinagar

गांधीनगर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को एमआरआई और सीटी स्कैन के आर्थिक स्वरूप में वर्णित करते हुए कहा हैकि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की अनूठी भूमिका में किसीभी तरह की कमी से देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। गांधीनगर में 'वैश्विक व्यावसायिक लेखाकार सम्मेलन' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर बल दियाकि कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिरता एवं आर्थिक विकास को खतरे में डालती है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहाकि एक प्रहरी के रूपमें उनकी क्षमता इन्हें नियंत्रित करने में काफी सक्षम है। उन्होंने कहाकि कर प्रणाली को कर पेशेवर अच्छी या जटिल बनाते हैं। उन्होंने आह्वान कियाकि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सुगमता और पारदर्शिता बढ़ाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को बेंचमार्क करने में वैश्विक नेतृत्व बनने की प्रतिज्ञा लें। उपराष्ट्रपति ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहाकि कर नियोजन पर सलाह देना उनका क्षेत्र है, लेकिन इसका विस्तार कर धोखाधड़ी और कर चोरी तक नहीं होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कर नियोजन और कर चोरी केबीच इस पतली रेखा का संरक्षक बताते हुए उनसे कहाकि हमेशा कर नियोजन के पक्ष में सुझाव दें और कर चोरी की निंदा करें। उपराष्ट्रपति ने कहाकि वित्तीय अखंडता के संरक्षक के रूपमें चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पारदर्शी और उत्तरदाई वित्तीय प्रणालियों को सुरक्षित करने केलिए कार्रवाई करके उदाहरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि यदि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट दृढ़ संकल्पित है तो कोई कानूनी उल्लंघन या विंडो ड्रेसिंग नहीं हो सकती है। उन्होंने कहाकि आप अकेले ही ऐसा कर सकते हैं, ऐसा कोई और नहीं कर सकता, यह आपका विशिष्ट क्षेत्र है, जब कोई चार्टर्ड अकाउंटेंट खड़ा होता है तो प्रतिरोध क्षणिक हो सकता है, अंततः उसे ही जीत मिलती है। उपराष्ट्रपति ने देश की आर्थिक वृद्धि को 'तंत्रिका केंद्र और उपकेंद्र' के रूपमें चलाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया, जो वर्ष 2047 में भारत को आकार देगा। उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने, गड़बड़ियों को उजागर करने और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का पता लगाने में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि उनका दृढ़ संकल्प कानूनी उल्लंघनों और विंडो ड्रेसिंग प्रथाओं को समाप्त कर सकता है। उन्होंने यह चेतावनी भी दीकि 'नैतिकता से समझौता करना आर्थिक दुनिया में भूकंप से कम नहीं है'।
उपराष्ट्रपति ने रेखांकित कियाकि नैतिकता वित्तीय रिपोर्टिंग, ऑडिटिंग, कराधान और परामर्श सेवाओं में विश्वास और अखंडता को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार केलिए केवल राजस्व सृजन से परे एक निष्पक्ष कराधान और वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणाली के महत्व पर उन्होंने प्रशंसा कीकि भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट केपास अपने ग्राहकों को कानून के शासन का पालन करने केलिए उच्चतम नैतिकता गुणांक है। उन्होंने एक ऐसे समसामयिक शासन व्यवस्था केलिए भी आग्रह किया, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को जनता की भलाई और राष्ट्र के विकास को प्राप्त करने केलिए ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि सम्मेलन का विषय विश्व को जोड़ना, मूल्य बनाना हमारी अर्थव्यवस्था की वर्तमान गतिशीलता से मेल खाता है। उन्होंने जी-20 के आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य केसाथ इसके सम्मिलन पर बल दिया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आज के इकोसिस्टम में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व नए मानदंड हैं, सत्ता गलियारे, जो कभी व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावित करने वाली भ्रष्ट प्रथाओं से त्रस्त थे, अब सफाई प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहाकि भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता के रुख केसाथ चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका बढ़ती है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि जो लोग सोचते हैंकि वे कानून से ऊपर हैं, वे विशेष श्रेणी के हैं, उन्होंने सबक सीख लिया है और उनके लिए अब बहुत कठिनाई है।
गांधीजी के शब्द 'दुनिया के पास हर किसीकी जरूरतों को पूरा करने केलिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच केलिए नहीं,' का विचार करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि कुछ लोग लालच से वास्तव में सोए हुए नहीं, बल्कि झूंठी नींद के कारण प्रेरित होते हैं। उन्होंने वर्तमान समय में चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका को उपयुक्त ढंग से दर्शाते हुए भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान के आदर्श वाक्य 'एक व्यक्ति जो सोते हुए लोगों में जाग रहा है' की ओर इशारा किया। व्यापार और उद्योग में आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को बतलाते हुए उपराष्ट्रपति ने राजकोषीय लाभ पर इसकी प्राथमिकता पर बल दिया। जगदीप धनखड़ ने सरकार की 'वोकल फॉर लोकल' यानी स्थानीय केलिए मुखर पहल की सराहना की और प्रकाश डालाकि कैसे गैर-जरूरी वस्तुओं का आयात विदेशी मुद्रा भंडार को प्रभावित करता है, रोज़गार सृजन में बाधा डालता है और उद्यमशीलता के विकास में बाधा पैदा करता है। उन्होंने कहाकि मूल्य संवर्धन के बिना कच्चे माल का निर्यात, रोजगार के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और मूल्य संवर्धन प्रक्रियाओं में प्रभावी ढंग से संलग्न होने में देश की अपर्याप्तता को रेखांकित करता है। उपराष्ट्रपति ने चार्टर्ड एकाउंटेंट से व्यापार उद्योग केबीच आर्थिक राष्ट्रवाद की भावना को प्रोत्साहन देने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने भारत के उल्लेखनीय आर्थिक प्रक्षेप पथ की सराहना की, जो विश्व की पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से अब वर्ष 2022 में ब्रिटेन और फ्रांस की आर्थिक शक्ति को पीछे छोड़ते हुए एक दशक की छोटीसी अवधि में गर्व से पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर रहा है। जगदीप धनखड़ ने वर्ष 2030 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने की दिशा में भारत की गति पर बल दिया, जिससे देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की प्रतिष्ठित स्थिति में पहुंच जाएगा। जीएसटी का जिक्र करते हुए आधुनिकता केसाथ प्रयास के रूपमें उपराष्ट्रपति ने टिप्पणी कीकि यह आजादी केबाद से सबसे बड़ा कर सुधार है, जिसने देश की अप्रत्यक्ष कराधान व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर को उपयोगकर्ता के अनुकूल अच्छा और सरल कर बनाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय की प्रशंसा की। उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और वेब 3.0 जैसी हालिया तकनीकी सफलताओं का उपयोग करने की दिशा में कार्रवाई का आग्रह करते हुए उनकी क्षमता को उजागर करने की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने बतायाकि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और हरित हाइड्रोजन मिशन केलिए पर्याप्त बजटीय आवंटन किया गया है।
उपराष्ट्रपति ने स्वीकार कियाकि भारत आर्थिक और लेखांकन प्रक्रियाओं के एक वैश्विक केंद्र के रूपमें उभर रहा है, जिसमें भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान राष्ट्र के आर्थिक और लेखांकन ढांचे के निर्माण, मानकीकरण और रखरखाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तरपर लेखांकन और लेखा परीक्षा मानकों और नैतिक अखंडता को और अधिक समृद्ध और प्रोत्साहन देने केलिए वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ना जारी रखेगा। इस अवसर पर भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल, गुजरात सरकार के संसदीय कार्य, प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क शिक्षा, उच्चशिक्षा राज्यमंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ अकाउंट्स की अध्यक्ष अस्मा रेसमौकी, भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान के अध्यक्ष अनिकेत एस तलाती, सीए और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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