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भारत व यूएस का वज्र प्रहार मेघालय में शुरू

दोनों देशों के लिए रक्षा सहयोग मजबूत करने का बड़ा अवसर

उमरोई छावनी में 11 दिसंबर 2023 तक संयुक्त युद्धाभ्यास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 21 November 2023 06:23:56 PM

india-america's vajra phar begins in meghalaya

उमरोई (मेघालय)। भारत और अमेरिकी सेनाओं का संयुक्त विशेष सशस्त्र बल अभ्यास वज्र प्रहार-2023 का 14वां संस्करण आज मेघालय में उमरोई के संयुक्त प्रशिक्षण स्थल में प्रारंभ हुआ। अभ्यास में अमरीका के सैन्य दल का प्रतिनिधित्व अमरीकी विशेष बलों के पहले विशेष बल समूह के सैनिक और भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व पूर्वी कमान के विशेष बल के जवान कर रहे हैं। वज्र प्रहार युद्धाभ्यास भारतीय और अमेरिका की सेना की विशेष टुकड़ियों केबीच होनेवाला एक संयुक्त अभ्यास है। इसका उद्देश्य संयुक्त कार्यक्रम योजना और परिचालन रणनीति जैसे क्षेत्रों में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों तथा उत्कृष्ट अनुभवों को साझा करना है।
भारत-अमेरिकी सेनाओं के युद्धाभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन वर्ष 2010 में भारत में किया गया था। भारत-अमेरिका संयुक्त विशेष सशस्त्र बल अभ्यास का 13वां संस्करण बकलोह हिमाचल प्रदेश के विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया गया था। वर्तमान संस्करण 11 दिसंबर 2023 तक उमरोई छावनी में संचालित किया जा रहा है। अभ्यास के अंतर्गत अगले तीन सप्ताह के दौरान दोनों सैन्य टुकड़ियां संयुक्त रूपसे पहाड़ी इलाकों में पारंपरिक एवं अपरंपरागत परिदृश्यों में विशेष कार्रवाई, आतंकवाद विरोधी गतिविधियों तथा हवाई अभियानों की एक श्रृंखला में योजना अनुसार भाग लेंगी और अभ्यास करेंगी।
वज्र प्रहार युद्धाभ्यास कार्यक्रमों में 'एक विशेष दूरी से सैनिकों द्वारा बिना युद्ध किए सुरक्षित रहते हुए किसी स्थान पर गुप्त प्रस्थान', 'जलीय क्षेत्र से सैनिकों का प्रवेश', 'लंबी दूरी पर लक्ष्यों पर सटीक घुसपैठ व हमला', 'अन्य हवाई खतरों से बचाव के अलावा बड़े लड़ाकू हवाई जहाजों व हेलीकॉप्टर जैसे एयरक्राफ्ट का सामना करने जैसी गतिविधियों' को पूरा करना और रसद संबंधी आवश्यकता पूरी करना शामिल हैं। वज्र प्रहार अभ्यास दोनों देशों की विशेष सैन्य टुकड़ियों केबीच विचारों के आदान-प्रदान करने और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने केलिए एक तंत्र के रूपमें विकसित हुआ है। यह भारत-अमेरिकी सेनाओं केबीच अंतर संचालन क्षमता को बढ़ाने तथा रक्षा सहयोग को सशक्त करने का एक बड़ा अवसर भी है।

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